छत्तीसगढ़ की रजत जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे नए विधानसभा भवन और देश के पहले डिजिटल जनजातीय संग्रहालय का लोकार्पण

रायपुर| छत्तीसगढ़ की स्थापना के रजत जयंती वर्ष पर 1 नवम्बर का दिन इतिहास में स्वर्णाक्षरों में दर्ज होने जा रहा है। इस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नवा रायपुर में राज्य की नई पहचान बनने जा रहे दो भव्य परिसरों नए विधानसभा भवन और शहीद वीर नारायण सिंह स्मारक सह जनजातीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालय का लोकार्पण करेंगे। यह अवसर न केवल छत्तीसगढ़ की प्रशासनिक और सांस्कृतिक धरोहर में एक नया अध्याय जोड़ेगा, बल्कि राज्य की प्रगति, परंपरा और आत्मगौरव का प्रतीक बनकर उभरेगा।
वर्ष 2000 में राज्य गठन के बाद अस्थायी भवन में संचालित छत्तीसगढ़ विधानसभा को अब रजत जयंती वर्ष पर अपना स्थायी, भव्य और आधुनिक भवन मिलने जा रहा है। नवा रायपुर के 51 एकड़ में फैले इस परिसर का निर्माण 324 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। भवन की वास्तुकला में छत्तीसगढ़ की मिट्टी, संस्कृति और परंपरा की झलक स्पष्ट रूप से दिखाई देती है। धान के कटोरे के रूप में प्रसिद्ध इस प्रदेश की पहचान को विधानसभा भवन के हर कोने में सजीव किया गया है। सदन की सीलिंग पर धान की बालियों की कलात्मक नक्काशी की गई है, जबकि दरवाजों और फर्नीचर को बस्तर के पारंपरिक काष्ठ शिल्पियों ने अपने हाथों से गढ़ा है। भवन इस तरह डिजाइन किया गया है कि यह परंपरा और आधुनिकता का अद्भुत संगम बन सके।
नया विधानसभा भवन भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। यह पूर्णतः सर्वसुविधायुक्त, तकनीकी रूप से सुसज्जित और पर्यावरण अनुकूल परिसर है। सदन में दो सौ सदस्यों तक के बैठने की क्षमता है तथा विधानसभा संचालन को पूरी तरह पेपरलेस बनाने की दिशा में इसे स्मार्ट टेक्नोलॉजी से जोड़ा गया है। भवन के तीन मुख्य हिस्सों विंग-ए, विंग-बी और विंग-सी में क्रमशः विधानसभा सचिवालय, सदन, सेंट्रल हॉल, मुख्यमंत्री और अध्यक्ष के कक्ष तथा मंत्रियों के कार्यालय स्थापित किए गए हैं। परिसर में 500 दर्शक क्षमता वाला अत्याधुनिक ऑडिटोरियम और 100 सीटों वाला सेंट्रल हॉल इसकी भव्यता को और बढ़ाते हैं।
हरित तकनीक से निर्मित यह भवन ऊर्जा-संवहनीय और पर्यावरण-अनुकूल है। परिसर में सोलर प्लांट की स्थापना के साथ वर्षा जल संचयन के लिए दो बड़े सरोवर बनाए गए हैं। पर्यावरण संरक्षण के सभी मानकों का पालन करते हुए इसे आधुनिक समय की जरूरतों के अनुरूप तैयार किया गया है। यह भवन न केवल शासन और प्रशासन का केंद्र बनेगा, बल्कि छत्तीसगढ़ की तीन करोड़ जनता की आकांक्षाओं, विश्वास और आत्मगौरव का प्रतीक भी होगा।

इसी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के पहले डिजिटल जनजातीय संग्रहालय शहीद वीर नारायण सिंह स्मारक सह जनजातीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालय का भी लोकार्पण करेंगे। नवा रायपुर के सेक्टर-24 में 50 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित यह संग्रहालय उन वीर आदिवासी नायकों को समर्पित है जिन्होंने ब्रिटिश हुकूमत के विरुद्ध अपने प्राणों की आहुति देकर स्वतंत्रता संग्राम को दिशा दी। यह संग्रहालय आधुनिक तकनीक और पारंपरिक विरासत का अनूठा संगम है, जो देश के इतिहास में एक नई मिसाल कायम करेगा।
संग्रहालय में अत्याधुनिक वीएफएक्स तकनीक, डिजिटल स्क्रीन और इंटरएक्टिव प्रोजेक्शन सिस्टम लगाए गए हैं, जिनके माध्यम से दर्शक आदिवासी विद्रोहों की गाथाओं को अनुभव कर सकेंगे। मोबाइल के माध्यम से क्यूआर कोड स्कैन करने पर प्रत्येक कथा को डिजिटल रूप में देखा और सुना जा सकेगा। इसे 14 सेक्टरों में विभाजित किया गया है, जिनमें हल्बा विद्रोह, सरगुजा विद्रोह, भूमकाल, सोनाखान, झंडा सत्याग्रह और जंगल सत्याग्रह जैसे प्रमुख आंदोलनों की जीवंत झलक प्रस्तुत की गई है।
संग्रहालय परिसर में शहीद वीर नारायण सिंह का भव्य स्मारक भी निर्मित किया गया है। प्रवेश द्वार पर सरगुजा के शिल्पकारों द्वारा तैयार नक्काशीदार पैनलें सजाई गई हैं और परिसर में साल, महुआ तथा साजा वृक्षों की प्रतिकृतियाँ स्थापित हैं, जिनकी पत्तियों पर 14 ऐतिहासिक विद्रोहों की डिजिटल कहानियाँ उकेरी गई हैं। भगवान बिरसा मुंडा और शहीद गैंदसिंह की प्रतिमाएँ परिसर को विशेष गरिमा प्रदान करती हैं। दिव्यांगजनों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष सुविधाएँ, ट्राइबल आर्ट से सजा फर्श और सेल्फी प्वाइंट इसे एक जीवंत सांस्कृतिक अनुभव केंद्र बनाते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर जनजातीय गौरव दिवस मनाने की परंपरा की शुरुआत की थी। उन्होंने आदिवासी समाज को मुख्यधारा में लाने के लिए प्रधानमंत्री जनमन और प्रधानमंत्री धरती आबा ग्राम उत्कर्ष योजना जैसी ऐतिहासिक पहलें प्रारंभ कीं, जिनके अंतर्गत शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका और बुनियादी ढांचे के विकास को प्राथमिकता दी जा रही है।
छत्तीसगढ़ की स्थापना के रजत जयंती वर्ष पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इन दो भव्य परिसरों का लोकार्पण एक ऐसे ऐतिहासिक क्षण के रूप में दर्ज होगा जो राज्य की परंपरा, प्रगति और पहचान को एक सूत्र में पिरो देगा। नया विधानसभा भवन जहां लोकतंत्र के गौरव और सुशासन का प्रतीक बनेगा, वहीं डिजिटल ट्राइबल म्यूज़ियम आदिवासी शौर्य, संस्कृति और स्वाभिमान का ज्वलंत प्रमाण बनकर नई पीढ़ी को प्रेरणा देगा। यह दिन छत्तीसगढ़ की धरती पर इतिहास, आस्था और आधुनिकता के संगम का प्रतीक बनकर हमेशा याद किया जाएगा।
 
 

 
						





