भिलाई। छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य विभाग से जुड़े 660 करोड़ रुपए के रीएजेंट सप्लाई घोटाले में बड़ा एक्शन लिया गया है। सोमवार तड़के ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा) और एसीबी (भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो) की टीमों ने मोक्षित कॉर्पोरेशन के रायपुर, दुर्ग, हरियाणा सहित 12 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की।
22 जनवरी को दर्ज हुआ मामला
मोक्षित कॉर्पोरेशन पर स्वास्थ्य केंद्रों में रीएजेंट और उपकरणों की आपूर्ति में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी के आरोप हैं। यह मामला विधानसभा में भी उठा था, जिसके बाद 22 जनवरी को ईओडब्ल्यू ने कंपनी के खिलाफ IPC की धारा 409, 120बी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत अपराध दर्ज किया था।
कई जिलों में आपूर्ति में गड़बड़ी का आरोप
आरोप है कि मोक्षित कॉर्पोरेशन ने 30 जिलों के 170 स्वास्थ्य केंद्रों और 750 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में रीएजेंट की आपूर्ति में भारी अनियमितताएं कीं। कंपनी ने जहां जरूरत नहीं थी, वहां भी रीएजेंट की सप्लाई की, जिससे सामग्री एक्सपायर हो गई। इसके अलावा, रीएजेंट और मशीनें 100 गुना अधिक कीमत पर आपूर्ति करने का आरोप भी लगाया गया है।
जांच के दायरे में कई ठिकाने
ईओडब्ल्यू और एसीबी की अलग-अलग टीमों ने रायपुर में जीई रोड स्थित सीबी कॉर्पोरेशन, दुर्ग के गंजपारा स्थित कार्यालय, हरियाणा के पंचकुला, और धरसीवा के श्री शारदा इंडस्ट्रीज सहित कई जगहों पर छापेमारी की। इस कार्रवाई में DSP और SP रैंक के अधिकारी भी शामिल थे।
660 करोड़ का नुकसान
पिछले पांच सालों में रीएजेंट और मशीन आपूर्ति में कुल 660 करोड़ रुपए से अधिक की गड़बड़ी का अनुमान लगाया गया है। यह भी सामने आया है कि कंपनी ने अफसरों पर दबाव डालकर यह आपूर्ति करवाई।