दुकान नीलामी घोटाला: गंभीर अनियमितताओं पर CMO और राजस्व निरीक्षक निलंबित
नगर पालिका परिषद खैरागढ़ में कार्रवाई तेज, 64.77 लाख की राजस्व हानि का मामला उजागर

खैरागढ़। नगर पालिका परिषद खैरागढ़ में हुए दुकान नीलामी घोटाले की शुरुआती जांच में गंभीर अनियमितताएँ सामने आने के बाद राज्य शासन ने कड़ी कार्रवाई करते हुए दो वरिष्ठ अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। निलंबित अधिकारियों में मुख्य नगर पालिका अधिकारी कोमल ठाकुर और राजस्व निरीक्षक राजेश तिवारी शामिल हैं, जिन्हें जांच पूर्ण होने तक दुर्ग क्षेत्रीय कार्यालय में अटैच कर दिया गया है।
उच्चस्तरीय शिकायत के बाद कार्रवाई तेज
नीलामी प्रक्रिया में कथित गड़बड़ी की शिकायत नगर पालिका खैरागढ़ के विधायक प्रतिनिधि मनराखन देवांगन ने नगरीय प्रशासन विभाग को भेजी थी। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि नीलामी प्रक्रिया को नुकसान पहुँचाने तथा नियमों को दरकिनार कर पसंदीदा बोलीकर्ताओं को लाभ पहुंचाने के लिए मिलीभगत की गई। शिकायत को गंभीर मानते हुए विभाग ने तत्काल जांच के आदेश दिए, जिसके बाद दोनों अधिकारियों को दोषी पाए जाने पर निलंबित कर दिया गया।
जांच में उभरीं अनियमितताएँ
जांच रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2025 में संपन्न दुकान नीलामी में नगर पालिका परिषद ने नियमों की अवहेलना करते हुए उन बोलीकर्ताओं को भी हिस्सा लेने दिया जिन्हें पूर्व में बकाया राशि और निष्कासन के कारण अयोग्य घोषित किया गया था। नियमों के इस उल्लंघन ने न केवल प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल खड़े किए, बल्कि नगर पालिका को भारी वित्तीय नुकसान भी पहुँचा।
64.77 लाख की राजस्व हानि का खुलासा
प्रारंभिक रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि वर्ष 2023 की तुलना में 2025 की नीलामी में दुकानों की बोली दरें जानबूझकर 40 से 60 प्रतिशत तक कम रखी गईं। इस हेरफेर के कारण नगर पालिका को लगभग 64 लाख 77 हजार रुपए की राजस्व हानि हुई। रिपोर्ट में यह उल्लेख है कि कई दुकानों की कीमतें आधे से भी कम दर पर स्वीकृत की गईं, जिससे कुछ चयनित ठेकेदारों को अनुचित लाभ हुआ।
नीलामी निरस्त करने की मांग तेज
विधायक प्रतिनिधि मनराखन देवांगन ने अपनी विस्तृत शिकायत के साथ वर्ष 2023 और 2025 की नीलामी की तुलनात्मक रिपोर्ट भी संलग्न की थी, जिसमें बोली में भारी गिरावट दर्ज की गई। उन्होंने दोषियों पर आपराधिक प्रकरण दर्ज करने, वर्तमान नीलामी को निरस्त करने और नई पारदर्शी प्रक्रिया लागू करने की मांग की है। विभाग इस मामले में आगे की कार्रवाई पर विचार कर रहा है।





