नेशनल स्पेस डे पर कवर्धा में ‘स्पेस ऑन व्हील्स’ प्रदर्शनी का आयोजन, इसरो वैज्ञानिकों से विद्यार्थियों ने जाना विज्ञान और अंतरिक्ष का भविष्य
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा बोले – “वैज्ञानिक सोच विकसित करना समय की मांग, विज्ञान हमारी संस्कृति और जीवनशैली का अभिन्न हिस्सा”

कवर्धा। नेशनल स्पेस डे 2025 के अवसर पर आज शासकीय पी.जी. कॉलेज, कवर्धा में एकदिवसीय अंतरिक्ष विज्ञान महोत्सव का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री विजय शर्मा ने माता सरस्वती की पूजा-अर्चना के साथ किया। आयोजन का उद्देश्य विद्यार्थियों में वैज्ञानिक सोच को प्रोत्साहित करना तथा उन्हें भारत की अंतरिक्ष उपलब्धियों से अवगत कराना था।
कार्यक्रम में विद्यार्थियों द्वारा छत्तीसगढ़ी राजगीत “अरपा पैरी के धार” की प्रस्तुति ने सांस्कृतिक गरिमा को सशक्त किया। मुख्य कार्यक्रम में इसरो (ISRO) तथा छत्तीसगढ़ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (CGCOST) से आमंत्रित वरिष्ठ वैज्ञानिकों ने विद्यार्थियों से सीधे संवाद किया।
“विज्ञान केवल प्रयोगशाला तक सीमित नहीं” — विजय शर्मा
उद्बोधन के दौरान उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि, “विज्ञान केवल जिज्ञासा शांत करने का माध्यम नहीं, बल्कि नवाचार, शोध और प्रयोग को प्रोत्साहित करने की दिशा है। हमारी परंपरा, खानपान और जीवनशैली में विज्ञान गहराई से समाहित है।” उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि भारतीय रसोईघर सदियों से वैज्ञानिकता का परिचायक रहा है, जहाँ स्वच्छता, पोषण और औषधीय तत्वों का समुचित प्रयोग होता रहा है। उन्होंने युवाओं से कहा कि वे अपने अंदर की वैज्ञानिक चेतना को जगाएं और वैश्विक स्तर पर भारत को नेतृत्व प्रदान करने के लिए स्वयं को तैयार करें।
श्री शर्मा ने विद्यार्थियों को बताया कि 23 अगस्त को प्रतिवर्ष नेशनल स्पेस डे मनाया जाता है, जिसकी घोषणा वर्ष 2023 में चंद्रयान-3 की सफलता के उपरांत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई थी। उन्होंने कहा, “स्पेस डे केवल उत्सव नहीं, बल्कि वैज्ञानिक सोच को जन-जन तक पहुँचाने का माध्यम है।”
विद्यार्थियों को मिला इसरो वैज्ञानिकों से संवाद का अवसर
कार्यक्रम में इसरो और सीकॉस्ट से आमंत्रित वैज्ञानिक डॉ. आनंद अरूर, जुगल किशोर मणि, अरुण एस. सूर्यवंशी, पी. काश्वेर, डॉ. अमित दुबे एवं डॉ. अखिलेश त्रिपाठी ने विद्यार्थियों से सीधा संवाद कर उन्हें भारत के प्रमुख अंतरिक्ष अभियानों चंद्रयान, गगनयान, मंगलयान आदि की वैज्ञानिक चुनौतियों, तकनीकों एवं कार्यप्रणालियों की जानकारी दी।
डॉ. आनंद अरूर ने कहा, भारत अनुसरण नहीं कर रहा, अब नवाचार की दिशा तय कर रहा है। गगनयान इसका प्रमाण है। जुगल किशोर मणि ने कहा, हर बच्चा जन्म से वैज्ञानिक होता है ,सवाल पूछना ही उसकी सबसे बड़ी ताकत है। उस सोच को दबने न दें। डॉ. अमित दुबे ने कहा, चंद्रयान और मंगलयान सिर्फ मिशन नहीं, भारत की वैज्ञानिक चेतना और आत्मविश्वास के प्रतीक हैं। अन्य वैज्ञानिकों ने भी गणना, टीमवर्क, अनुशासन और निरंतर प्रयोग को अंतरिक्ष अभियानों की सफलता का मूल मंत्र बताया।
‘स्पेस ऑन व्हील्स’ प्रदर्शनी रही आकर्षण का केंद्र
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण इसरो द्वारा प्रदर्शित “स्पेस ऑन व्हील्स” नामक मोबाइल प्रदर्शनी वाहन रहा। यह अत्याधुनिक तकनीक से सुसज्जित वाहन 3D डिस्प्ले, वर्चुअल स्पेस अनुभव और इंटरएक्टिव मॉडल्स से युक्त है। विद्यार्थियों ने इस प्रदर्शनी का बारीकी से अवलोकन किया और अंतरिक्ष अभियानों की झलकियों को नजदीक से देखा।
उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने भी वाहन का निरीक्षण किया और वैज्ञानिकों से तकनीकी जानकारी प्राप्त की। उन्होंने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा, आपमें से ही कोई भविष्य का इसरो वैज्ञानिक या मिशन डायरेक्टर होगा, बस लक्ष्य निर्धारित करें, वैज्ञानिक सोच अपनाएं और निरंतर प्रयास करते रहें।
प्रेरणादायक प्रतियोगिताएं और संवाद सत्र
विज्ञान महोत्सव के दौरान स्पेस क्विज, पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता, ऑनलाइन डॉक्यूमेंट्री प्रदर्शन, तथा सीधा संवाद सत्र आयोजित किए गए, जिनमें विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष ईश्वरी साहू, उपाध्यक्ष कैलाश चंद्रवंशी, नपा अध्यक्ष चंद्र प्रकाश चंद्रवंशी, कॉलेज की प्रभारी प्राचार्य डॉ. ऋचा मिश्रा, साइंस क्लब संयोजक रिंकश वैष्णव, सहित विभिन्न जनप्रतिनिधिगण, शिक्षक एवं सैकड़ों विद्यार्थी उपस्थित रहे।