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धान खरीदी में बड़ा घोटाला, कांग्रेस नेताओं की भूमिका पर सवाल

रायपुर। छत्तीसगढ़ के धान खरीदी केंद्रों में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ है। आरोप है कि कांग्रेस के छुटभैया नेताओं और भ्रष्ट अधिकारियों की मिलीभगत से दूसरे राज्यों का घटिया धान यहां खपाया जा रहा है। किसानों के नाम पर फर्जी ऋण पुस्तिकाओं का उपयोग कर मंडियों में खराब गुणवत्ता का धान बेचा जा रहा है।

फर्जी खरीद-फरोख्त:

  • प्रति एकड़ 25-30 क्विंटल धान का मानक उत्पादन मानते हुए फर्जी खरीदी की जा रही है।
  • मंडियों में वास्तविक किसानों की उपज की जगह घटिया धान की बिक्री हो रही है। 

    किसानों का शोषण:

    • तौल प्रक्रिया में गड़बड़ी कर किसानों को प्रति 50 किलो धान में 10 किलो का नुकसान उठाना पड़ रहा है।
    • सूखत के नाम पर किसानों से कटौती की जा रही है। 

      नेताओं और अधिकारियों की मिलीभगत:

      • मंडी समितियों और धान खरीदी केंद्रों पर कांग्रेस नेताओं का प्रभाव बताया जा रहा है।
      • नागरिक आपूर्ति निगम और मार्केटिंग फेडरेशन के अधिकारी पिछले 5-6 वर्षों से एक ही जगह जमे हुए हैं, जिससे भ्रष्टाचार बढ़ा है। 

        बॉर्डर से धान की तस्करी:

        • महासमुंद, सरायपाली, और बसना जैसे बॉर्डर क्षेत्रों से बड़े पैमाने पर घटिया धान लाकर बेचा जा रहा है।
      • सरकार से मांग:

        किसानों और विपक्ष ने सरकार से सभी धान खरीदी केंद्रों का भौतिक सत्यापन करवाने की मांग की है। भाजपा सरकार पर दबाव बढ़ रहा है कि वह भ्रष्टाचार पर सख्त कार्रवाई करे और किसानों के हितों की रक्षा सुनिश्चित करे।

News Desk

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