छत्तीसगढ़

मुठभेड़ में महिला नक्सली के गर्दन के आर-पार हुई गोली:प्रधान आरक्षक ने खून देकर बचाई जान, गरियाबंद के जंगल में थे 25-30 माओवादी

गरियाबंद के जंगल में मुठभेड़ में महिला नक्सली के गर्दन के आर-पार हुई गोली।

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छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में पुलिस नक्सली मुठभेड़ में एक महिला नक्सली घायल हो गई। नक्सलियों को खदेड़ते वक्त जंगल में गोली महिला नक्सली के गर्दन के आर-पार हो गई। पुलिस को महिला बुरी तरह से घायल अवस्था में मिली, जिसे कोतवाली थाने में पदस्थ प्रधान आरक्षक प्रदीप सिन्हा ने खून देकर जीवनदान दिया। पूरा मामला मैनपुर थाना क्षेत्र का है।

दरअसल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अमित तुकाराम कांबले को गुप्त सूत्रों से मैनपुर थाना क्षेत्र के सीकासार इलाका में नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना मिली थी, जिसके बाद टीम को सर्चिंग के लिए भेजा गया था। अभियान बुधवार देर रात से शुरू हुई, जिसमें जिला पुलिस बल के ई सुपर 30 टीम के साथ CRPF की एक टुकड़ी भी शामिल थी।

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25 से 30 नक्सलियों से पुलिस की मुठभेड़

एडिशनल एसपी डीसी पटेल ने बताया कि गुरुवार की शाम छिंदौला के जंगल में नक्सलियों के साथ मुठभेड़ हुई। उस वक्त 25 से 30 की संख्या में नक्सली सामने रहे होंगे। दोनों तरफ से गोलियां चल रही थी। तीन से चार राउंड की फायरिंग के बाद नक्सली भाग खड़े हुए। सर्चिंग में एक महिला नक्सली घायल मिली, जिसका नाम पार्वती है।

छिंदौला के जंगल में पुलिस नक्सली मुठभेड़ में पार्वती घायल।
छिंदौला के जंगल में पुलिस नक्सली मुठभेड़ में पार्वती घायल।

महिला नक्सली के गर्दन में लगी गोली

एडिशनल एसपी ने बताया कि महिला नक्सली पार्वती की उम्र 25-30 साल के बीच है। बीजापुर की सीलगेर की रहने वाली है। घायल महिला नक्सली को तत्काल इलाज के लिए 108 के जरिए गरियाबंद जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। महिला नक्सली के गर्दन में गोली लगने के कारण खून काफी बह गया था, जिसके कारण O+ ब्लड की आवश्यकता थी।

कोतवाली में पदस्थ प्रधान आरक्षक प्रदीप सिन्हा ने घायल महिला नक्सली को खून दिया।
कोतवाली में पदस्थ प्रधान आरक्षक प्रदीप सिन्हा ने घायल महिला नक्सली को खून दिया।

प्रधान आरक्षक प्रदीप सिन्हा ने दिया खून

एसपी अमित तुकाराम कांबले के निर्देश के बाद तत्काल डोनर की व्यवस्था की गई। कोतवाली में पदस्थ प्रधान आरक्षक प्रदीप सिन्हा ने घायल महिला नक्सली को खून दिया। फिलहाल हालत स्थिर होने के बाद रायपुर मेकाहारा में शिफ्ट किया गया है।

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गरियाबंद पुलिस की संवेदन शीलता के चलते महिला नक्सली अब खतरे से बाहर है। पुलिस जवानों के खून के प्यासे कहे जाने वाले नक्सली को खून देकर जान बचाने की इस घटना की तारीफ सभी कर रहे हैं।

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News Desk

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