संसद का मॉनसून सत्र 21 जुलाई से 12 अगस्त तक, बीमा संशोधन विधेयक और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसे अहम मुद्दों पर हो सकती है चर्चा

नई दिल्ली। संसद का मॉनसून सत्र इस वर्ष 21 जुलाई से 12 अगस्त तक आयोजित किया जाएगा। इस बात की पुष्टि केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने मंगलवार को की। उन्होंने बताया कि सत्र की तारीखों की सिफारिश रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली संसदीय मामलों की कैबिनेट समिति ने की है।
इस सत्र में कई अहम विधेयकों और मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है। सबसे प्रमुख विधेयकों में बीमा संशोधन विधेयक शामिल है, जिसे सरकार पेश करने की तैयारी में है। इस विधेयक के माध्यम से बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की सीमा को मौजूदा 74 प्रतिशत से बढ़ाकर 100 प्रतिशत करने का प्रस्ताव है। सूत्रों के अनुसार, विधेयक का मसौदा तैयार कर लिया गया है और इसे शीघ्र ही केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी के लिए प्रस्तुत किया जाएगा। मंजूरी मिलने के बाद, वित्त मंत्रालय के अधीन वित्तीय सेवा विभाग इसे संसद में पेश करेगा।
इस बीच, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर विपक्ष की ओर से विशेष चर्चा की मांग की जा रही है। यह मामला हाल के समय में चर्चा में आया है और विपक्ष का आरोप है कि इसमें राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े गंभीर सवाल खड़े हुए हैं। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए रिजिजू ने कहा कि संसद के नियमों के तहत मॉनसून सत्र के दौरान सभी मुद्दों पर चर्चा संभव है।
सत्र के दौरान एक और बड़ा मुद्दा सामने आ सकता है। जानकारी के मुताबिक, केंद्र सरकार दिल्ली उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश और वर्तमान में इलाहाबाद उच्च न्यायालय में स्थानांतरित न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने पर विचार कर रही है। यह प्रस्ताव उस घटना के बाद सामने आया है जब मार्च महीने में न्यायमूर्ति वर्मा के दिल्ली स्थित आवास पर आग लगने के बाद वहां से कथित रूप से बड़ी मात्रा में नकदी बरामद की गई थी। इस मुद्दे पर संसदीय कार्य मंत्री विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं से विचार-विमर्श करेंगे।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह मॉनसून सत्र कई मायनों में महत्वपूर्ण रहने वाला है। जहां एक ओर सरकार आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ाने की कोशिश करेगी, वहीं विपक्ष ऑपरेशन सिंदूर और विभिन्न संवेदनशील मुद्दों को उठाकर सरकार को घेरने की रणनीति अपना सकता है।