प्रदेश भाजपा की नई कार्यकारिणी 15 अगस्त के बाद घोषित होगी, दो दर्जन से अधिक नए चेहरे शामिल होने की संभावना


रायपुर। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष किरण देव की नई कार्यकारिणी का ऐलान अब 15 अगस्त के बाद किया जाएगा। पहले इसके 10 अगस्त तक घोषित होने की संभावना थी, लेकिन “हर घर तिरंगा” अभियान के कारण इसमें विलंब हुआ है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, नई कार्यकारिणी में दो दर्जन से अधिक पदाधिकारियों की जगह बदली जाएगी और कई नए नेताओं को जिम्मेदारी दी जाएगी।
किरण देव को प्रदेशाध्यक्ष बने सात माह हो चुके हैं, लेकिन अब तक प्रदेश कार्यकारिणी का गठन नहीं हो पाया। उन्होंने पहले स्पष्ट किया था कि मंडलों और जिलों की कार्यकारिणी बनने के बाद ही प्रदेश कार्यकारिणी का गठन होगा। वर्तमान में सभी मंडलों की कार्यकारिणी बन चुकी है और लगभग एक दर्जन जिलों की कार्यकारिणी का ऐलान भी हो चुका है। अब राष्ट्रीय संगठन से अनुमोदन मिलने के बाद प्रदेश स्तर पर अंतिम घोषणा का इंतजार है।
दिल्ली में इस माह की शुरुआत में हुई बैठक में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, प्रदेशाध्यक्ष किरण देव, क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल और प्रदेश संगठन महामंत्री पवन साय सहित शीर्ष नेतृत्व ने संगठन संरचना पर मंथन किया। सूत्रों के अनुसार, एससी वर्ग से पूर्व विधायक नवीन मार्कंडेय और ओबीसी वर्ग से अखिलेश सोनी के नाम लगभग तय हैं, जबकि सामान्य वर्ग से अभिषेक सिंह और रजनीश सिंह के नामों पर चर्चा चल रही है।
नई कार्यकारिणी में बदलाव इसलिए भी आवश्यक है क्योंकि मौजूदा कार्यकारिणी के 22 पदाधिकारी निगम, मंडल और आयोग में शामिल हो चुके हैं। इनमें प्रदेश उपाध्यक्ष भूपेंद्र सवन्नी, प्रदेश महामंत्री संजय श्रीवास्तव, चार प्रदेश प्रवक्ता संदीप शर्मा, नीलू शर्मा, केदारनाथ गुप्ता, दीपक म्हस्के, महिला मोर्चा अध्यक्ष शालिनी राजपूत, अजजा मोर्चा अध्यक्ष विकास मरकाम, तीन संभाग प्रभारी सौरभ सिंह, राजा पांडेय और अनुराग सिंहदेव, वरिष्ठ नेता रामप्रताप सिंह, रामसेवक पैकरा, राजीव अग्रवाल, श्रीनिवास मद्दी, लोकेश कावड़िया, चंद्रकांति वर्मा, भरत मटियारा, प्रहलाद रजक और राकेश पांडेय शामिल हैं।
इसके अलावा, प्रदेश महामंत्री जगदीश रामू रोहरा और उपाध्यक्ष मधुसूदन यादव महापौर बन चुके हैं, जबकि किसान मोर्चा अध्यक्ष तोखन साहू केंद्रीय मंत्री बन गए हैं। महिला आयोग में उपाध्यक्ष लक्ष्मी वर्मा, सरला कोसरिया और मंत्री ओजस्वी मंडावी को नियुक्त किया गया है। एक अन्य उपाध्यक्ष लखन लाल देवांगन मंत्री बने हैं। इन सभी की जगह नए पदाधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। सातों मोर्चों के अध्यक्ष भी बदले जाएंगे।
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, इस बार कार्यकारिणी में संगठनात्मक संतुलन और क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, ताकि आने वाले चुनावों में संगठन और मजबूत हो सके।