EWS आरक्षण पर हाईकोर्ट सख्त, छत्तीसगढ़ सरकार से चार सप्ताह में मांगा जवाब

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग (EWS) के आरक्षण को लेकर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब तलब किया है। न्यायमूर्ति एके प्रसाद की एकल पीठ ने राज्य सरकार से पूछा है कि केंद्र सरकार एवं अन्य राज्यों द्वारा ईडब्ल्यूएस आरक्षण लागू किए जाने के बावजूद छत्तीसगढ़ में अब तक इसे प्रभावी क्यों नहीं किया गया। कोर्ट ने सरकार को चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है, वहीं याचिकाकर्ताओं को दो सप्ताह में अपना प्रत्युत्तर (रिजाइंडर) प्रस्तुत करने की अनुमति दी गई है।
याचिकाकर्ताओं ने उठाए सवाल
याचिकाकर्ताओं की ओर से दलील दी गई कि मध्य प्रदेश सहित कई अन्य राज्यों में EWS आरक्षण पर हाईकोर्ट सख्त, छत्तीसगढ़ सरकार से चार सप्ताह में मांगा जवाब आरक्षण पहले से ही प्रभावी है। छत्तीसगढ़ में इसे लागू करने हेतु 29 अप्रैल 2024 को अभ्यावेदन प्रस्तुत किया गया था, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। याचिका में मांग की गई है कि राज्य में भी इस आरक्षण को तत्काल प्रभाव से लागू किया जाए।
केंद्र सरकार ने 2019 में किया था लागू
गौरतलब है कि 103वें संविधान संशोधन के बाद केंद्र सरकार ने 19 जनवरी 2019 को देशभर में ईडब्ल्यूएस आरक्षण को लागू किया था। इसके पश्चात 4 सितंबर 2019 को छत्तीसगढ़ सरकार ने भी लोक सेवा अधिनियम में संशोधन करते हुए संबंधित अध्यादेश जारी किया था। हालांकि, अदालत ने यह स्पष्ट किया है कि केवल अध्यादेश जारी करना पर्याप्त नहीं है, जब तक इसकी जमीनी क्रियान्वयन सुनिश्चित नहीं किया जाता।
अगली सुनवाई में सरकार के पक्ष पर टिकी नजरें
अब नजरें राज्य सरकार के आगामी जवाब पर टिकी हैं, जिससे यह स्पष्ट होगा कि ईडब्ल्यूएस आरक्षण के प्रभावी क्रियान्वयन में अब तक क्या बाधाएं रही हैं। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए तिथि नियत नहीं की है, लेकिन यह स्पष्ट कर दिया है कि इस मुद्दे पर अनावश्यक देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।