

रायपुर। छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अब तक की सबसे अहम कार्रवाई सामने आई है। राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने सोमवार को वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी सौम्या चौरसिया की कथित बेनामी संपत्तियों पर अंतरिम कुर्की की। रायपुर की विशेष अदालत ने करीब आठ करोड़ रुपये मूल्य की 16 अचल संपत्तियों को कुर्क करने का आदेश दिया है।
बेनामी सौदों का जाल
EOW की जांच में खुलासा हुआ कि सौम्या चौरसिया ने अपने रिश्तेदारों सौरभ मोदी, अनुराग चौरसिया और अन्य के नाम पर करोड़ों रुपये की संपत्तियाँ खरीदीं। आरोप है कि यह रकम कोयला लेवी और अन्य भ्रष्ट स्रोतों से जुटाई गई। जांच में कुल 45 संपत्तियों का पता चला, जिनकी कीमत लगभग 47 करोड़ रुपये आँकी गई है।
ईडी की जब्ती के बाद ईओडब्ल्यू की एंट्री
इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने लगभग 39 करोड़ रुपये मूल्य की 29 संपत्तियों को जब्त किया था। अब राज्य स्तर पर आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने भी कार्यवाही तेज करते हुए बाकी 16 संपत्तियों पर कुर्की की पहल की। यह छत्तीसगढ़ में ब्यूरो की पहली बड़ी कुर्की कार्रवाई है।
अदालत ने माना भ्रष्ट स्रोतों से खरीदी गई जमीनें
ईओडब्ल्यू ने 16 जून 2025 को दण्ड विधि संशोधन अध्यादेश 1944 के तहत आवेदन पेश किया था। लंबी सुनवाई के बाद 22 सितम्बर को विशेष न्यायालय रायपुर ने आदेश पारित करते हुए माना कि संबंधित संपत्तियाँ भ्रष्टाचार के माध्यम से अर्जित धन से खरीदी गईं और उन्हें अंतरिम रूप से कुर्क किया जाना उचित है।
“भ्रष्टाचार पर सख्त नकेल जारी रहेगी”
ब्यूरो अधिकारियों का कहना है कि यह कार्रवाई भ्रष्टाचार पर रोकथाम की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। आगे भी अन्य लोकसेवकों की संदिग्ध संपत्तियों की जांच कर इसी तरह कुर्की की कार्यवाही की जाएगी।
