मिशन मुसाफिर: किराएदार हो या होटल में रुका हो, हर बाहरी व्यक्ति की जानकारी होगी पुलिस के एप में
छत्तीसगढ़ में दूसरे राज्यों से आकर बसने वाले संदिग्ध लोगों पर नकेल कसने के लिए पुलिस एक नया एप डेवलप करने जा रही है। इसमें हर मुसाफिर की डिटेल अपलोड की जाएगी, चाहे वो किराएदार हो या फिर होटल में ठहरा कोई यात्री। पुलिस के पास एक-एक व्यक्ति की जानकारी होगी जो भी दूसरे राज्य या शहर से आएगा।
इसका पायलट प्रोजेक्ट तैयार कर लिया गया है। एप के नाम पर अभी विचार किया जा रहा है। पुलिस विभाग की मानें तो इस एप का ट्रायल भी गृहमंत्री विजय शर्मा ने किया, जो कि सफल रहा। जल्द ही केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अनुमति मिलते ही इसे सार्वजनिक कर दिया जाएगा। दैनिक भास्कर सबसे पहले आपको यह बताने जा रहा है कि यह एप कैसे काम करेगा।
एक नजर में पकड़े जाएंगे अपराधी
पुलिस विभाग की मानें तो आने वाले समय में देश के सभी अपराधियों का डाटा भी इस एप में होगा। अगर कोई अपराधी किसी शहर में आता है तो उसकी फोटो आते ही एप स्कैन कर लेगा और संबंिधत थाने को अलर्ट पहंुच जाएगा। इसके अलावा अगर कोई अपराधी भाग रहा है तो उसे पकड़ने में भी यह एप मदद करेगा। एप सेटेलाइट मैप के माध्यम से भी जुड़ा होगा। इससे घर-होटल की लोकेशन भी ट्रेस करने में आसानी होगी।
ऐसे काम करेगा एप
पुलिस विभाग की तकनीकी टीम ने इस एप पर अभी तक ऐसे फीचर्स को जांचा है-
{ एप में मकान मालिक, होटल, धर्मशाला के ऑप्शन थाने वाइज होंगे।
{ जिस थाना क्षेत्र में कोई बाहरी व्यक्ति आएगा तो उसको वह थाना सलेक्ट करना होगा।
{ अगर वह किराए पर रहना चाहता है है तो मकान मालिक को किराएदार की डिटेल भरनी होगी। किराएदार का पहचान पत्र भी अपलाेड करना होगा।
{ अगर वह विजिटर है तो होटल वालों को यह जानकारी भरनी होगी कि वह कहां से आया है और कब तक रूकेगा।
{ किराएदार हो या होटल में आने वाला विजिटर सबकी फोटाे अपलोड की जाएगी।
{ इस एप का एक्सेस हर थाना प्रभारी से लेकर गृहमंत्री तक होगा।
धूल खा रहे थे मुसाफिर रजिस्टर, अब यूजर फ्रेंडली एप बनाने की तैयारी
पुलिस रेगुलेशन एक्ट के तहत हर थान में एक मुसाफिर रजिस्टर होता है। दूसरे शहर या राज्य से आने वाले हर व्यक्ति को नियमानुसार इस रजिस्टर में अपनी जानकारी थाने में आकर देनी होती है। लेकिन, कई साल से यह रजिस्टर केवल थानों में रखे धूल खा रहे हैं। अब इस रजिस्टर की जगह पुलिस विभाग यूजर फ्रेंडली एप बनाने की तैयारी कर रहा है।
थाने आने की जरूरत नहीं पड़ेगी
पिछली सरकार ने किराएदारों के लिए सख्त नियम बनाया था। हर थाने में किराएदारनामे का फार्म रखा गया था। मकान मालिक को निर्देशित किया गया था कि थाने में जाकर यह फार्म अवश्य भरें। प्रक्रिया में कठिनाई और थाना जाने से बचने की वजह से 10 प्रतिशत मकान मालिकों ने भी किराएदारनामा का फार्म नहीं भरा था। यही वजह है कि अब ऐसी व्यवस्था की जा रही है कि किसी को थाने आना ही न पड़े।
छत्तीसगढ़ में दूसरे राज्यों से आकर बसने वाले संदिग्ध लोगों पर नकेल कसने के लिए पुलिस एक नया एप डेवलप करने जा रही है। इसमें हर मुसाफिर की डिटेल अपलोड की जाएगी, चाहे वो किराएदार हो या फिर होटल में ठहरा कोई यात्री। पुलिस के पास एक-एक व्यक्ति की जानकारी होगी जो भी दूसरे राज्य या शहर से आएगा।
इसका पायलट प्रोजेक्ट तैयार कर लिया गया है। एप के नाम पर अभी विचार किया जा रहा है। पुलिस विभाग की मानें तो इस एप का ट्रायल भी गृहमंत्री विजय शर्मा ने किया, जो कि सफल रहा। जल्द ही केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अनुमति मिलते ही इसे सार्वजनिक कर दिया जाएगा। दैनिक भास्कर सबसे पहले आपको यह बताने जा रहा है कि यह एप कैसे काम करेगा।
एक नजर में पकड़े जाएंगे अपराधी
पुलिस विभाग की मानें तो आने वाले समय में देश के सभी अपराधियों का डाटा भी इस एप में होगा। अगर कोई अपराधी किसी शहर में आता है तो उसकी फोटो आते ही एप स्कैन कर लेगा और संबंिधत थाने को अलर्ट पहंुच जाएगा। इसके अलावा अगर कोई अपराधी भाग रहा है तो उसे पकड़ने में भी यह एप मदद करेगा। एप सेटेलाइट मैप के माध्यम से भी जुड़ा होगा। इससे घर-होटल की लोकेशन भी ट्रेस करने में आसानी होगी।
ऐसे काम करेगा एप
पुलिस विभाग की तकनीकी टीम ने इस एप पर अभी तक ऐसे फीचर्स को जांचा है-
{ एप में मकान मालिक, होटल, धर्मशाला के ऑप्शन थाने वाइज होंगे।
{ जिस थाना क्षेत्र में कोई बाहरी व्यक्ति आएगा तो उसको वह थाना सलेक्ट करना होगा।
{ अगर वह किराए पर रहना चाहता है है तो मकान मालिक को किराएदार की डिटेल भरनी होगी। किराएदार का पहचान पत्र भी अपलाेड करना होगा।
{ अगर वह विजिटर है तो होटल वालों को यह जानकारी भरनी होगी कि वह कहां से आया है और कब तक रूकेगा।
{ किराएदार हो या होटल में आने वाला विजिटर सबकी फोटाे अपलोड की जाएगी।
{ इस एप का एक्सेस हर थाना प्रभारी से लेकर गृहमंत्री तक होगा।
धूल खा रहे थे मुसाफिर रजिस्टर, अब यूजर फ्रेंडली एप बनाने की तैयारी
पुलिस रेगुलेशन एक्ट के तहत हर थान में एक मुसाफिर रजिस्टर होता है। दूसरे शहर या राज्य से आने वाले हर व्यक्ति को नियमानुसार इस रजिस्टर में अपनी जानकारी थाने में आकर देनी होती है। लेकिन, कई साल से यह रजिस्टर केवल थानों में रखे धूल खा रहे हैं। अब इस रजिस्टर की जगह पुलिस विभाग यूजर फ्रेंडली एप बनाने की तैयारी कर रहा है।
थाने आने की जरूरत नहीं पड़ेगी
पिछली सरकार ने किराएदारों के लिए सख्त नियम बनाया था। हर थाने में किराएदारनामे का फार्म रखा गया था। मकान मालिक को निर्देशित किया गया था कि थाने में जाकर यह फार्म अवश्य भरें। प्रक्रिया में कठिनाई और थाना जाने से बचने की वजह से 10 प्रतिशत मकान मालिकों ने भी किराएदारनामा का फार्म नहीं भरा था। यही वजह है कि अब ऐसी व्यवस्था की जा रही है कि किसी को थाने आना ही न पड़े।