छत्तीसगढ़ : सीएम साय पर बघेल की टिप्पणी से BJP आक्रोशित, वन मंत्री बोले- ‘भूपेश को आदिवासी मुख्यमंत्री पच नहीं रहे’
शराब घोटाले पर गरमाई सियासत, भाजपा ने कांग्रेस से पूछा- ‘अगर दो ही विधायक सवाल पूछते हैं तो बाकी 33 को कब निकालेंगे?’

रायपुर। छत्तीसगढ़ में सियासी घमासान तेज हो गया है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मौजूदा मुख्यमंत्री विष्णु देव साय पर की गई टिप्पणी को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने तीखा पलटवार किया है। बघेल ने साय को ‘लिखा हुआ पढ़ने वाला मुख्यमंत्री’ बताया था, जिस पर भाजपा नेताओं ने आक्रोश जताया है। वहीं, शराब घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई को लेकर भी कांग्रेस और भाजपा आमने-सामने आ गए हैं। भाजपा ने कांग्रेस से सवाल किया है कि अगर पार्टी से सिर्फ दो विधायक ही सवाल पूछते हैं, तो बाकी 33 विधायकों को कब निष्कासित किया जाएगा?
सीएम साय पर टिप्पणी से भाजपा में नाराजगी, केदार बोले- ‘भूपेश की आदिवासी विरोधी मानसिकता’
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोमवार को अपने घर पर पड़े ईडी के छापे के बाद मीडिया से चर्चा में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को ‘लिखा हुआ पढ़ने वाला सीएम’ कहा। इस बयान पर भाजपा नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया दी। प्रदेश के वन मंत्री केदार कश्यप ने इसे बघेल की आदिवासी विरोधी मानसिकता करार दिया। उन्होंने कहा कि “भूपेश बघेल को पच नहीं रहा कि एक आदिवासी नेता प्रदेश की कमान संभाल सकता है।”
कश्यप ने आरोप लगाया कि बघेल ने अपनी सरकार के दौरान आदिवासी नेता कवासी लखमा को आगे कर घोटालों को अंजाम दिया और अब उनकी सरकार में हुए भ्रष्टाचार का ठीकरा भी आदिवासी नेताओं पर ही फोड़ा जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय केवल छत्तीसगढ़ ही नहीं, बल्कि देश के सबसे अनुभवी आदिवासी नेता हैं। वे एक बार केंद्रीय मंत्री, दो बार विधायक, तीन बार प्रदेश अध्यक्ष, चार बार सांसद रह चुके हैं और अब मुख्यमंत्री के रूप में नेतृत्व कर रहे हैं।
शराब घोटाले पर गरमाई सियासत, भाजपा का कांग्रेस से सवाल- ‘33 विधायकों को कब निकालेगी पार्टी?’
शराब घोटाले में ईडी की कार्रवाई के बाद छत्तीसगढ़ की राजनीति और गरमा गई है। भाजपा ने इस मुद्दे पर कांग्रेस को घेरा है। प्रदेश भाजपा मीडिया सेल के प्रमुख अमित चिमनानी ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज से सवाल किया है कि अगर कांग्रेस के अनुसार विधानसभा में केवल दो विधायक ही सवाल पूछते हैं, तो क्या बाकी 33 विधायकों को पार्टी से निकाला जाएगा?
ईडी की कार्रवाई के बाद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा था कि पहले कवासी लखमा ने विधानसभा में सवाल पूछा, तो ईडी को उनके घर भेज दिया गया। अब उन्होंने सवाल किया, तो ईडी उनके घर पहुंच गई। भाजपा ने इस बयान पर हमला बोलते हुए इसे एक ‘बचाव की रणनीति’ बताया और कहा कि कांग्रेस खुद मान रही है कि उसके सिर्फ दो विधायक ही सवाल पूछते हैं, तो बाकी 33 क्या कर रहे हैं?
कांग्रेस पर भाजपा का हमला, ‘भूपेश बघेल घोटालों पर जवाब दें’
वन मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को संवैधानिक संस्थाओं का सम्मान करना चाहिए और अपने ऊपर लगे घोटालों के आरोपों का कानूनी तरीके से सामना करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिस संविधान की दुहाई कांग्रेस देती है, उसी के तहत ईडी जांच कर रही है। संवैधानिक संस्थाओं का मजाक उड़ाना संविधान का अपमान है।
प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस के बीच बयानबाजी और तेज होती जा रही है। जहां कांग्रेस इसे राजनीतिक प्रतिशोध बता रही है, वहीं भाजपा ने साफ कहा है कि ‘चोरी पकड़ी जाने पर बौखलाहट से काम नहीं चलेगा।’