छत्तीसगढ़

इस बैंक में राम नाम के कागज, चूहे नहीं कुतरते​:बिलासपुर में 2 साल पहले हुई शुरुआत; 1084 खाताधारकों के 1 अरब ‘राम’ नाम डिपॉजिट

लोगों को आध्यात्म से जोड़ने का काम कर रहा अंतर्राष्ट्रीय सीताराम नाम बैंक।

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में एक ऐसा बैंक हैं, जहां पैसे नहीं बल्कि ‘राम’ नाम जमा है। दो साल पहले शुरू हुए इस बैंक में 1084 खातेदार हैं, जिनके खातों में करीब 1 अरब राम नाम जमा हो गए हैं। यहां उपभोक्ता और संचालक दोनों राम के भक्त हैं। आमतौर पर जहां कॉपी-किताबों को चूहे कुतर जाते हैं वहीं, यहां राम नाम लिखी कॉपियां चूहे नहीं कुतरते। इसके पीछे भी मान्यता है।

भक्तों को कोरी कॉपियां मुफ्त में मिलती है और उसमें राम नाम लिखकर वे बैंक में जमा करते हैं। इस बैंक का मकसद लोगों को आध्यात्म से जोड़ना है। श्री सीता राम मंदिर गोंड़पारा के महंत और रामनाम बैंक के संचालक दिवंगत डॉ. लक्ष्मण शरण महाराज पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में प्रोफेसर थे।

बैंक से भक्तों को मुफ्त में मिलती है कोरी कापियां, जिसमें लिखते हैं राम नाम।
बैंक से भक्तों को मुफ्त में मिलती है कोरी कापियां, जिसमें लिखते हैं राम नाम।

बैंक में 50 करोड़ से अधिक राम नाम लिखी कॉपियां

बिलासपुर में 1941 में डॉ लक्ष्मण शरण महाराज के गुरु सियावर शरण महाराज ने ये मंदिर बनवाया था। करीब 70 साल पहले शुरू हुए बैंक में 50 करोड़ से अधिक राम नाम लिखी कॉपियां जमा हैं। सियावर शरण महाराज राम नाम लिखने के लिए प्रेरित करते हुए कहते थे कि राम नाम जपने से सहस्त्र गुना ज्यादा पुण्य होता है।

क्योंकि हमारी इंद्री एकाग्रचित होती है। पापों से मुक्त होने और आत्मिक शांति के लिए राम नाम लिखना चाहिए। उनका कहना था कि कथा कहना ही कठिन नहीं है, बल्कि कथा कहने के साथ-साथ वेद और शास्त्रों का ज्ञान होना जरूरी है।

एडवोकेट महेशचंद गुप्ता हैं अंतर्राष्ट्रीय सीताराम नाम बैंक के मैनेजर।
एडवोकेट महेशचंद गुप्ता हैं अंतर्राष्ट्रीय सीताराम नाम बैंक के मैनेजर।

पहले शिवरीनारायण में अब बिलासपुर में भी बैंक

अंतर्राष्ट्रीय श्री सीताराम बैंक के मैनेजर महेश चंद्र गुप्ता बताते हैं कि करीब 20 साल पहले से संचालित इस बैंक को 336 सदस्यों ने मिलकर शुरू किया था, जिन्होंने करीब 55 करोड़ राम का नाम लिखकर कॉपियां बैंक में जमा की। 2022 से पहले तक बिलासपुर समेत आसपास के कई जिलों से 25 करोड़ राम नाम शिवरीनारायण बैंक में जमा किया था।

राम भक्त सीनियर एडवोकेट महेश चंद्र गुप्ता ने बैंक स्थापना के लिए अपने मुंगेली नाका स्थित निवास में जगह दी है। इसका प्रमाण पत्र अंतर्राष्ट्रीय श्री सीताराम नाम बैंक के संस्थापक महंत नृत्य गोपाल दास ने उन्हें दिया है। जिसके बाद से यह बैंक मुंगेली नाका में संचालित है।

बैंक में जमा होती हैं राम नाम लिखीं कापियां।
बैंक में जमा होती हैं राम नाम लिखीं कापियां।

अयोध्या से संचालित है संस्था

मैनेजर महेश चंद्र गुप्ता बैंक में श्री राम नाम की पूंजी का हिसाब रखते हैं। उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय श्री सीताराम नाम बैंक का मुख्यालय उत्तर प्रदेश के अयोध्या में है, जिसकी यह शाखा है। इसका शुभारंभ दो साल पहले अप्रैल में रामनवमी के दिन हुआ था।

जिसके बाद से यहां राम नाम की पोथियों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। इस बैंक में 1084 खातेदार हैं, जिनके खातों में करीब 1 अरब राम नाम जमा हो गए हैं, जिन्हें अयोध्या स्थित मुख्यालय में जमा करना है।

अयोध्या में है सीताराम नाम बैंक का मुख्यालय।
अयोध्या में है सीताराम नाम बैंक का मुख्यालय।

राम लला प्राण प्रतिष्ठा पर मनेगा उत्सव

अयोध्या में भगवान श्रीराम की प्राण-प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होगी। इसका उत्सव देशभर में मनाया जाएगा। भगवान की प्राण-प्रतिष्ठा अच्छे से हो, इसलिए अंतरराष्ट्रीय सीता-राम नाम बैंक में सुंदरकांड का पाठ होगा। साथ ही इस दिन पूजा-आराधना कर उत्सव मनाया जाएगा। इसके लिए मुंगेली नाका चौ​क स्थित अंतरराष्ट्रीय सीता-राम नाम बैंक में जोर शोर से तैयारियां चल रही है।

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नारायण पांडेय की राम भक्ति इतनी है कि वे पिछले 13 सालों से राम नाम लिख रहे हैं।
नारायण पांडेय की राम भक्ति इतनी है कि वे पिछले 13 सालों से राम नाम लिख रहे हैं।

छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में प्रभु श्री राम का एक भक्त पिछले 13 सालों से कॉपी पर ‘राम’ लिख रहा है। अब तक कुल 441 कॉपी में 451 पेन से वो 67 लाख बार ‘राम’ लिख चुका है। अब आने वाले 4 से 5 सालों में 67 लाख से 1 करोड़ बार राम का नाम लिखने का लक्ष्य है।

Ankita Sharma

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