छत्तीसगढ़ में रोजगार, स्व-रोजगार, स्थानीय संसाधनों के बेहतर प्रबंधन और उद्यमिता विकास को लेकर कार्य किए जा रहे हैं। विगत साढ़े चार वर्षों में ग्रामीण और सुदूर वनांचल क्षेत्रों में रहने वाले जरूरतमंद लोगों तक योजनाओं का लाभ पहुंचा है। कवर्धा विधायक व वन मंत्री मोहम्मद अकबर के मार्गदर्शन में वनांचल क्षेत्रों में निवास करने वाले वनवासी व आदिवासियों के हित में कई महत्वपूर्ण कार्य किए गए हैं। यही वजह है कि छत्तीसगढ़ में देश का 74 प्रतिशत लघु वनोपज संग्रहित होता है। संग्राहकों के हित में लघु वनोपजों की संख्या में वृद्धि करते हुए 7 से बढ़ाकर वर्तमान में 6 7 लघु वनोपजों की खरीदी की जा रही है। छत्तीसगढ़ पूरे देश का सबसे बड़ा वनोपज संग्राहक राज्य हैै।
ग्राम नेवारीगुढ़ा में संचालित मिडिल स्कूल के प्रधानपाठक को नोटिस जारी किया गया है। निरीक्षण के दौरान स्कूल में कक्षा 7वीं के बच्चे बाजार से खरीदे गए निजी प्रकाशकों (पब्लिशर) की गाइड (कुंजी) का उपयोग करते मिले। इसके चलते प्रधानपाठक को यह नोटिस जारी किया गया है। यह स्थिति तब है, जब इस स्कूल में अध्यापन कार्य के लिए 5 शिक्षकों की नियुक्ति की गई है।
कवर्धा के सहायक विकासखंड शिक्षा अधिकारी (एबीईओ) अनिल केशरवानी ने बुधवार को मिडिल स्कूल नेवारीगुढ़ा, प्राथमिक स्कूल दुल्लापुर और मिडिल स्कूल खड़ौदा खुर्द का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान मिडिल स्कूल नेवारीगुढ़ा में कक्षा 7वीं के उपस्थित 17 में से 13 बच्चे निजी पब्लिशरों की गाइड का उपयोग करते पाए गए, जो कि शिक्षा विभाग से पूर्णत: प्रतिबंधित है। इस पर प्रधानपाठक जंतराम साहू को नोटिस जारी किया गया है।
शिक्षक पर्याप्त, पर ये हाल नेवारीगुढ़ा मिडिल स्कूल में कुल 95 बच्चे दर्ज हैं। नियमानुसार 30 बच्चों के अनुपात में 1 शिक्षक होना चाहिए। लेकिन इस स्कूल में प्रधानपाठक को मिलाकर कुल 5 शिक्षक पदस्थ हैं। 2 शिक्षक अतिशेष हैं। फिर भी बच्चों द्वारा निजी प्रकाशकों के गाइड का उपयोग किए जाने सवाल उठ रहे हैं।
मूल स्कूलों में लौटे शिक्षक जिले के कई सरकारी स्कूल ऐसे हैं, जो एकल शिक्षकीय होने के कारण वहां शिक्षकों को अटैच किया गया था। कवर्धा ब्लॉक में ही 12 शिक्षक अटैचमेंट पर थे। अटैचमेंट खत्म करने का आदेश जारी हुआ। इस पर अटैच किए गए सभी शिक्षक मूल स्कूलों में लौट गए हैं।