जीवन मंत्र

माघी पूर्णिमा कल:इस दिन पानी में होता है भगवान विष्णु का वास इसलिए तीर्थ स्नान और दान से मिलता है अक्षय पुण्य सूर्य पूजा

24 फरवरी, शनिवार को माघ महीने की पूर्णिमा है। इस तिथि को पुराणों में पर्व कहा गया है। इस दिन गंगा स्नान करने का विधान है। न कर पाएं, तो घर पर ही पानी में गंगाजल की कुछ बूंदे डालकर नहा लेने से पुण्य मिल जाता है।

इस दिन जरूरतमंद लोगों को दान देने और भगवान विष्णु की पूजा करने से सौभाग्य, सुख और समृद्धि बढ़ती है। पुराणों का कहना है इस पर्व पर किए गए शुभ कामों से अक्षय पुण्य मिलता है।

मान्यता है कि माघ महीने में देवता पृथ्वी पर मनुष्य रूप धारण कर प्रयाग में स्नान, दान और जप करते हैं। ये ही वजह है कि इस दिन प्रयाग में गंगा स्नान करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं और मोक्ष मिलता है।

इस पूर्णिमा पर स्नान-दान, हवन, व्रत और जाप किया जाता है। इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर पवित्र नदी में नहाएं। ऐसा न कर पाएं तो घर पर ही नहाने के पानी में गंगा-यमुना जैसी पवित्र नदियों का जल मिलाकर स्नान करें।

नहाने के बाद ऊँ सूर्याय नम: ऊँ आदित्याय नम: मंत्र बोलते हुए सूर्य को अर्घ्य दें। इस दिन पूजा और व्रत के साथ पितरों का श्राद्ध करें। इस व्रत में तिल का दान खासतौर से किया जाता है।

क्या कहते हैं पुराण
ब्रह्मवैवर्त पुराण का कहना है कि इस पर्व पर पानी में भगवान विष्णु निवास करते हैं। इसलिए इस दिन तीर्थ या किसी भी नदी में स्नान करने से पुण्य मिलता है। इस दिन भगवान विष्णु का पूजन करने से जीवन के समस्त अभाव दूर होकर निरोगी जीवन का सौभाग्य भी मिलता है।

पद्म पुराण के मुताबिक माघ महीने की पूर्णिमा पर गंगा नदी या किसी तीर्थ में नहाने से पूरे माघ महीने तीर्थ स्नान करने जितना फल मिलता है। मत्स्य पुराण में कहा गया है कि इस दिन ब्रह्मवैवर्त पुराण का दान करने से ब्रह्म लोक मिलता है। इस तरह ये पुण्य देने वाला पर्व है।

Ankita Sharma

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