विविध ख़बरें

लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग:ठंड में हजारों लोग सड़कों पर उतरे, कहा- लेह-कारगिल को संसद में अलग-अलग सीट दें

रविवार को लेह की सड़कों पर हजारों की संख्या में लोगों ने विरोध मार्च निकाला।

लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा और संवैधानिक सुरक्षा दिए जाने की मांग को लेकर रविवार (4 फरवरी) को भी प्रदर्शन जारी है। लेह में कड़कड़ाती ठंड के बीच हजारों लोगों ने सड़कों पर मार्च निकाला।

इससे पहले शनिवार (3 फरवरी) को लद्दाख में बंद का ऐलान किया गया था। प्रदर्शन का नेतृत्व लेह एपेक्स बॉडी (LAB) और करगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (KDA) कर रही हैं।

इनकी मांग है कि लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा मिले और संविधान के छठे शेड्यूल को लागू किया जाए। साथ ही लेह और कारगिल को संसद में अलग-अलग सीटें दी जाएं।

सामाजिक कार्यकर्ता और मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित सोनम वांगचुक ने भी इस विरोध प्रदर्शन का समर्थन किया है। वांगचुक पर ही आमिर खान की फिल्म थ्री इडियट्स बनी थी।

लोगों की मांग है कि लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाए, संविधान के छठे शेड्यूल को लागू किया जाए और लेह और कारगिल को संसद में अलग-अलग सीटें दी जाएं।
लोगों की मांग है कि लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाए, संविधान के छठे शेड्यूल को लागू किया जाए और लेह और कारगिल को संसद में अलग-अलग सीटें दी जाएं।

सरकार ने लेह-करगिल के संगठनों से दूसरे राउंड की बातचीत का ऐलान किया था
केंद्र ने कुछ दिन पहले ही दोनों दलों के प्रतिनिधियों से 19 फरवरी को दूसरे राउंड की बातचीत करने का ऐलान किया था। इसके बावजूद इन दोनों संगठनों ने लद्दाख शटडाउन रखा।

लद्दाख के लोगों की मांगों पर विचार करने के लिए केंद्र ने पहले ही गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय की अगुआई में एक हाई पावर कमेटी का गठन किया है।

लद्दाख के लोगों का कहना है कि वे कभी न खत्म होने वाले ब्यूरोक्रेटिक रूल के तहत नहीं रह सकते।

लोगों ने कहा कि सिर्फ पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने के बाद ही उनकी मांग पूरी होगी, जब वे राज्य के लिए खुद प्रतिनिधि चुन सकेंगे।

दिसंबर में केंद्र ने लद्दाख में पहली बैठक की थी और लेह और करगिल की दोनों संस्थाओं से अपनी मांगें रखने को कहा था।

हजारों की संख्या में लोगों ने कड़कड़ाती ठंड में घंटे सड़कों पर बैठकर विरोध प्रदर्शन किया।
हजारों की संख्या में लोगों ने कड़कड़ाती ठंड में घंटे सड़कों पर बैठकर विरोध प्रदर्शन किया।

चार साल पहले केंद्र ने आर्टिकल 370 हटाया था
5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाकर पूर्ण राज्य का दर्जा खत्म कर दिया था।

इसके बाद जम्मू और कश्मीर को अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया था और लद्दाख को अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया था।

लेकिन इसके दो साल के अंदर ही लेह और कारगिल के लोगों को राजनीतिक तौर पर बेदखल किया हुआ महसूस करने लगे और तभी से केंद्र के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं।

बीते दो साल में लोगों ने कई बार विरोध प्रदर्शन कर पूर्ण राज्य का दर्जा और संवैधानिक सुरक्षा मांगते रहे हैं, जिससे उनकी जमीन, नौकरियां और अलग पहचान बनी रही, जो आर्टिकल 370 के तहत उन्हें मिलता था।

ये खबरें भी पढ़ें…

चीनी सैनिकों से भिड़े लद्दाख के चरवाहे VIDEO:चीनी सेना भेड़ चराने से रोक रही थी; चरवाहे डटे रहे, कहा- ये भारतीय जमीन

comp 1 73 1706992895

लद्दाख में कुछ भारतीय चरवाहों ने चीन से लगी सीमा के पास चीन के सैनिकों को जवाब दिया। ये चरवाहे इस इलाके में भेड़ चराने आए थे। चीनी सैनिकों ने इन्हें रोका, जिसके बाद चरवाहों ने कहा कि हम भारतीय जमीन पर खड़े हैं। ये घटना इस महीने की शुरुआत की बताई जा रही है।

2020 में हुए गलवान विवाद के बाद से स्थानीय चरवाहे इस इलाके में अपने मवेशियों को चराने नहीं लाते थे। गलवान विवाद के बाद से ये पहली बार है जब चरवाहों ने इस इलाके को अपना बताया और चीनी सैनिकों को यहां से जाने को कहा। इस बातचीत का वीडियो सामने आया है।

Ankita Sharma

shatabditimes.page बदलते भारत की सबसे विश्वसनीय न्यूज़ पोर्टल है। सबसे सटिक और सबसे तेज समाचार का अपडेट पाने के लिए जुडिए रहिये हमारे साथ.. shatabditimes.page के व्हाट्सएप चैनल को Follow करना न भूलें. https://whatsapp.com/channel/0029VaigAQIInlqOSeIBON3G
Back to top button
error: Content is protected !!