छत्तीसगढ़समाचार

राज्य सरकार की नई तबादला नीति 2025 जारी: परस्पर सहमति के आधार पर केवल दो साल या अधिक समय से पदस्थ कर्मचारियों के ही होंगे तबादले

रायपुर। राज्य सरकार ने वर्ष 2025 के लिए नई तबादला नीति जारी कर दी है, जिसमें परस्पर सहमति से स्थानांतरण को लेकर विशेष दिशा-निर्देश दिए गए हैं। नई नीति के अनुसार, केवल वही शासकीय सेवक परस्पर सहमति से तबादले के पात्र होंगे जो कम से कम दो वर्षों से एक ही स्थान पर पदस्थ हैं। नीति में स्पष्ट किया गया है कि ऐसे ही शासकीय सेवकों के आवेदन पर विचार किया जाएगा, जिन्होंने परस्पर सहमति से स्थानांतरण के लिए आवेदन किया है।

पति-पत्नी के एक स्थान पर तबादले को लेकर संवेदनशील रुख
सरकार ने नीति में कहा है कि यदि किसी शासकीय सेवक का पति या पत्नी किसी अन्य स्थान पर पदस्थ है और वे एक साथ एक स्थान पर नियुक्ति की इच्छा रखते हैं, तो प्रशासनिक सुविधा और जनहित को ध्यान में रखते हुए ऐसे मामलों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा। हालांकि, यह स्पष्ट किया गया है कि यह कोई अधिकार नहीं होगा, बल्कि आवेदन पर विभाग द्वारा समुचित निर्णय लिया जाएगा।

गंभीर बीमारियों के मामलों में स्थानांतरण की विशेष व्यवस्था
नीति में यह भी उल्लेख है कि कैंसर, किडनी फेल्योर (डायलिसिस की आवश्यकता), ओपन हार्ट सर्जरी जैसी गंभीर बीमारियों से ग्रसित शासकीय सेवकों को, यदि उनके वर्तमान स्थान पर उपचार संभव नहीं है, तो जिला मेडिकल बोर्ड की अनुशंसा पर स्थानांतरण की सुविधा दी जाएगी।

निःशक्त बच्चों या परिजनों के लिए भी राहत
ऐसे शासकीय सेवक जिनके पति/पत्नी/पुत्र/पुत्री मानसिक निःशक्तता, स्वलीनता (Autism) या बहुआयामी निःशक्तता से पीड़ित हैं, उन्हें उनके स्वंय के व्यय पर ऐसी जगह पर स्थानांतरित करने पर विचार किया जा सकता है जहाँ उपचार व शिक्षा की सुविधा हो, बशर्ते वे मान्यता प्राप्त संस्थान से प्रमाण पत्र प्रस्तुत करें।

सेवानिवृत्ति के निकट सेवकों को विशेष सुविधा
जिन शासकीय सेवकों की सेवानिवृत्ति में एक वर्ष से कम समय शेष है, उन्हें उनके गृह जिले या विकल्प के जिले में स्थानांतरण की सुविधा सामान्य प्रशासन विभाग की स्वीकृति के अधीन दी जा सकती है।

तबादला आदेश में संशोधन/निरस्तीकरण की प्रक्रिया
यदि किसी कारणवश तबादला आदेश को संशोधित या निरस्त करना हो, तो संबंधित प्रस्ताव जिला कलेक्टर द्वारा प्रशासकीय विभाग को भेजा जाएगा। मुख्यमंत्री की स्वीकृति के बाद ही आदेश में संशोधन या निरस्तीकरण संभव होगा।

10 दिन में कार्यमुक्त होना अनिवार्य
स्थानांतरण आदेश प्राप्त होने के 10 दिन के भीतर कार्यमुक्ति अनिवार्य की गई है। ऐसा नहीं करने पर सक्षम अधिकारी द्वारा एकपक्षीय कार्यमुक्ति आदेश जारी किया जाएगा और तबादला आदेश लागू माना जाएगा। आदेश की अवहेलना करने वाले कर्मचारी के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही भी की जा सकती है।

News Desk

शताब्दी टाइम्स - छत्तीसगढ़ का प्रथम ऑनलाइन अख़बार (Since 2007)
Back to top button
error: Content is protected !!