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गड्ढों में फंसी सड़क, सियासत में उबाल: विजय शर्मा vs भूपेश बघेल की गड्ढा पॉलिटिक्स सोशल मीडिया पर वायरल!

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कवर्धा। छत्तीसगढ़ की राजनीति इन दिनों “सड़क” और “सिस्टम” दोनों के गड्ढा पॉलिटिक्स में उलझी नजर आ रही है। डिप्टी सीएम विजय शर्मा और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बीच सोशल मीडिया पर जारी सियासी जंग अब व्यक्तिगत आरोपों तक पहुँच गई है।

मामला तब गरमाया जब डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने फेसबुक पर घुसपैठियों की जानकारी देने के लिए टोल-फ्री नंबर जारी किया। इसी पोस्ट पर एक युवक ने कमेंट करते हुए पूछा – “यदि सड़क दलदल बन जाए तो कहां शिकायत करें, मंत्री महोदय? ” विजय शर्मा ने जवाब दिया – “94252*** इस नंबर पर, क्योंकि ये इन्हीं की देन है।”

यह नंबर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का बताया जा रहा है। जवाब में बघेल ने युवक के कमेंट और विजय शर्मा का जवाब ट्विटर पर पोस्ट करते हुए लिखा: “कुर्सी है तुम्हारा ये जनाज़ा तो नहीं है, कुछ कर नहीं सकते तो उतर क्यों नहीं जाते… अपने बूते का नहीं लग रहा है तो छोड़िए उपमुख्यमंत्री और गृहमंत्री का पद।” इस बयान के बाद से प्रदेश की राजनीति में हलचल मच गई है।

गड्ढों में फंसी सड़क, सियासत में उबाल: विजय शर्मा vs भूपेश बघेल की गड्ढा पॉलिटिक्स सोशल मीडिया पर वायरल!

धरना “गड्ढों” में, जवाब तल्खी में

सड़क की बदहाली को लेकर कांग्रेस ने भी सरकार पर हमला तेज कर दिया है। कवर्धा जिले में रायपुर-बिलासपुर बायपास रोड की खराब हालत को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने 4 जुलाई को सड़क के बीच धरना दिया। कार्यकर्ता सड़क पर बने गहरे गड्ढों में बैठ गए और प्रतीकात्मक विरोध जताया।

बताया जा रहा है कि यह राष्ट्रीय राजमार्ग तत्कालीन कांग्रेस सरकार में  पिछले पांच वर्षों से उपेक्षित था। भाजपा सरकार ने 2 महीने पहले इसका भूमि पूजन किया और मरम्मत कार्य शुरू हुआ, लेकिन बीते कुछ दिनों की बारिश ने सड़कों को कीचड़ और दलदल में तब्दील कर दिया है।

राजनीति सड़क पर, जनता परेशान

डिप्टी सीएम विजय शर्मा की पहल पर सड़क निर्माण का कार्य भले शुरू हो चुका हो, लेकिन शुरुआती बारिश ने निर्माण की गुणवत्ता और गति दोनों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रशासन का कहना है कि मौसम की मार अस्थायी है और कार्य योजना के अनुसार जारी है, वहीं विपक्ष का आरोप है कि सरकार अपनी जिम्मेदारियों से भाग रही है और ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है।

राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो यह घटना केवल एक नंबर लीक होने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह छत्तीसगढ़ में शासन और विपक्ष की जवाबदेही पर सीधा सवाल है। सवाल यह भी है कि जनता सड़क पर है, लेकिन राजनीति अब सोशल मीडिया पर हो रही है।

क्या कहते हैं जानकार?

राजनीतिक विशेषज्ञ मानते हैं कि छत्तीसगढ़ में सड़कें लंबे समय से बदहाल हैं। सत्ता परिवर्तन के बाद लोगों को उम्मीद थी, लेकिन मानसून ने सच्चाई उजागर कर दी। गड्ढों की राजनीति भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए चुनौती है।

जहाँ एक ओर सड़क मरम्मत की प्रक्रिया मौसम के कारण बाधित हो रही है, वहीं दूसरी ओर राजनीतिक दल एक-दूसरे पर दोषारोपण में जुटे हैं। देखना होगा कि यह “गड्ढा पॉलिटिक्स” केवल सोशल मीडिया पर ही रह जाएगी या जमीन पर भी कुछ सुधार नजर आएगा।

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Ankita Sharma

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