भक्ति, सेवा और जयघोष से गूंजा कवर्धा, भोरमदेव पदयात्रा में उमड़ा श्रद्धा का सैलाब
कवर्धा से भोरमदेव तक गूंजे जयकारे, 5 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने लिया भाग


कवर्धा। सावन के पहले सोमवार को कबीरधाम जिले में निकली भोरमदेव पदयात्रा इस बार भी पूरे भक्तिभाव, जोश और शानदार आयोजन के साथ संपन्न हुई। ‘हर-हर महादेव’ और ‘बोल बम’ के जयकारों से पूरा कवर्धा शहर गूंज उठा। पदयात्रा की शुरुआत पंचमुखी बूढ़ा महादेव मंदिर से हुई, जहां प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और क्षेत्रीय विधायक विजय शर्मा ने पूजा-अर्चना कर भगवा ध्वज लहराते हुए यात्रा का शुभारंभ किया। इस मौके पर कलेक्टर गोपाल वर्मा और नगर पालिका अध्यक्ष चंद्र प्रकाश चंद्रवंशी भी मौजूद रहे।
नर्मदा जल से हुआ जलाभिषेक, 600 पैकेट जल की व्यवस्था
इस बार पदयात्रा को खास बनाने के लिए भोरमदेव मंदिर में मां नर्मदा के पवित्र जल से भगवान शिव का जलाभिषेक किया गया। इसके लिए जिला प्रशासन ने 600 पैकेट नर्मदा जल की विशेष व्यवस्था की थी। इस पहल को श्रद्धालुओं ने काफी सराहा। यह व्यवस्था उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा के मार्गदर्शन और जिला प्रशासन के प्रयासों से संभव हो सकी।
18 किलोमीटर की पदयात्रा में उमड़ा जनसैलाब
कवर्धा से भोरमदेव मंदिर तक लगभग 18 किलोमीटर की इस यात्रा में 5 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने भाग लिया। वर्ष 2008 से लगातार हो रही इस यात्रा में हर साल सहभागिता और उत्साह बढ़ता जा रहा है।
झांकियों ने मोहा मन
इस बार की यात्रा में भगवान शिव के अलग-अलग स्वरूपों की झांकियों ने खास आकर्षण बटोरा। शिवजी की बाल लीलाओं से लेकर नदी की सवारी जैसी झांकियों ने श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया। झांकियों के जरिए धार्मिकता के साथ-साथ लोक कला और संस्कृति की झलक भी देखने को मिली।
ग्राम पंचायतों और संगठनों ने किया गर्मजोशी से स्वागत
यात्रा मार्ग में जगह-जगह ग्राम पंचायतों, सामाजिक संगठनों और स्थानीय व्यापारियों ने श्रद्धालुओं का स्वागत किया। फलाहारी नाश्ता, जलपान और विश्राम की अच्छी व्यवस्था की गई थी, ताकि किसी को कोई असुविधा न हो। सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखते हुए प्रशासन की ओर से निगरानी भी की गई।
रेगाखार खुर्द में जिला प्रेस क्लब ने किया जलपान आयोजन
रेगाखार खुर्द में जिला प्रेस क्लब कबीरधाम की ओर से विशेष जलपान और नाश्ते की व्यवस्था की गई। पत्रकारों की इस सेवा को श्रद्धालुओं ने खुले दिल से सराहा। सेवा, श्रद्धा और सहयोग की भावना से भरी इस यात्रा ने लोगों को न केवल आध्यात्मिक रूप से जोड़ा, बल्कि समाज में एक सकारात्मक संदेश भी छोड़ा।