प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 19 जुलाई को छत्तीसगढ़ के 22 वरिष्ठ नेताओं से करेंगे संवाद


रायपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 19 जुलाई को छत्तीसगढ़ भाजपा के 22 वरिष्ठ नेताओं से संवाद करेंगे। यह विशेष बैठक ‘दिल की बात’ शीर्षक के तहत आयोजित की जा रही है, जिसमें वे अपने पुराने साथियों से न केवल अतीत की यादें साझा करेंगे, बल्कि भविष्य की दिशा और पार्टी संगठन को लेकर भी विचार-विमर्श करेंगे।
ऑनलाइन संवाद की संभावना, लेकिन दिल्ली बुलावे की भी अटकलें
भाजपा संगठन से जुड़े सूत्रों के अनुसार, इस संवाद के लिए तिथि तो तय कर दी गई है, लेकिन स्थान और समय को लेकर अब तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। संभावना जताई जा रही है कि प्रधानमंत्री वर्चुअल माध्यम से चर्चा करेंगे, हालांकि यह भी मुमकिन है कि कुछ चुनिंदा नेताओं को दिल्ली बुलाया जाए और आमने-सामने बातचीत की जाए। इस संबंध में अंतिम निर्णय बुधवार तक लिए जाने की उम्मीद है।
किन-किन नेताओं से होगा संवाद?
प्रधानमंत्री मोदी जिन 22 नेताओं से संवाद करने जा रहे हैं, उनमें वे चेहरे शामिल हैं जो उनके नेतृत्व में विभिन्न स्तरों पर काम कर चुके हैं। इन नेताओं में वर्तमान मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, विधानसभा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, रायपुर से सांसद बृजमोहन अग्रवाल, विधायक धरमलाल कौशिक, अमर अग्रवाल, राजेश मूणत, पूर्व सांसद अशोक शर्मा, चंद्रशेखर साहू, पूर्व विधायक देवजी भाई पटेल और वरिष्ठ भाजपा नेता सच्चिदानंद उपासने जैसे नाम प्रमुख रूप से सामने आए हैं।
हालांकि कुछ वर्तमान सांसदों के नाम सूची में अपेक्षाकृत कम हैं, लेकिन जिन नेताओं को संवाद के लिए चुना गया है, वे सभी प्रधानमंत्री मोदी के साथ किसी न किसी महत्वपूर्ण भूमिका में कार्य कर चुके हैं।
भाजपा संगठन तैयारियों में जुटा
छत्तीसगढ़ भाजपा संगठन इस संवाद को लेकर सक्रिय हो गया है। संगठन से जुड़े वरिष्ठ पदाधिकारी इसे पार्टी के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण मान रहे हैं। उनकी मान्यता है कि यह संवाद न केवल वरिष्ठ नेताओं के अनुभवों को साझा करने का मंच होगा, बल्कि इससे प्रदेश संगठन को केंद्रीय नेतृत्व से सीधा मार्गदर्शन भी प्राप्त होगा।
छत्तीसगढ़ से पीएम मोदी का भावनात्मक जुड़ाव
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का छत्तीसगढ़ से विशेष संबंध रहा है। वे पार्टी के प्रारंभिक दौर में छत्तीसगढ़ के प्रभारी भी रह चुके हैं और राज्य की राजनीतिक परिस्थिति को निकट से समझते हैं। कई बार सार्वजनिक मंचों से उन्होंने छत्तीसगढ़ से अपने जुड़ाव का उल्लेख किया है। 2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत और सरकार गठन में भी उनकी रणनीतिक भूमिका महत्वपूर्ण मानी गई थी।
राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा यह संवाद
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, यह संवाद केवल एक औपचारिक बैठक नहीं बल्कि संगठनात्मक समन्वय और अनुभवों के आदान-प्रदान का एक अवसर होगा। इसमें प्रधानमंत्री मोदी अपने साथ काम कर चुके वरिष्ठ नेताओं से संवाद कर पुराने अनुभवों को साझा करेंगे और यह भी जानने का प्रयास करेंगे कि भविष्य की दिशा कैसी होनी चाहिए। राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो यह संवाद भाजपा की आगामी रणनीतियों का संकेत भी हो सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह संवाद छत्तीसगढ़ भाजपा के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण साबित हो सकता है। जहां एक ओर यह पुराने संबंधों को और प्रगाढ़ करेगा, वहीं दूसरी ओर प्रदेश में पार्टी के भविष्य की दिशा तय करने में भी भूमिका निभाएगा। पार्टी के भीतर इसे लेकर उत्साह साफ नजर आ रहा है और सभी की निगाहें 19 जुलाई को होने वाले इस संवाद पर टिकी हुई हैं।