शंखनाद से गुंजायमान हुआ भोरमदेव मंदिर परिसर, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का अद्भुत आयोजन

कवर्धा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, जिला कबीरधाम के घोष विभाग द्वारा “शंखनाद कार्यक्रम” का भव्य आयोजन छत्तीसगढ़ के ऐतिहासिक व सांस्कृतिक स्थल भोरमदेव मंदिर परिसर में संपन्न हुआ। घोष विभाग द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम अपने अनूठे संगीत और सांघिक प्रदर्शन के माध्यम से दर्शकों के लिए एक स्मरणीय अनुभव बन गया।
इस अवसर पर कुल 24 घोष वादकों ने अपनी घोष कला का प्रदर्शन किया। कार्यक्रम में शंख, आनक, वेणु, ताल और प्रणव जैसे पारंपरिक वाद्य यंत्रों के माध्यम से कुल छह रचनाओं का संगठित वादन प्रस्तुत किया गया। इनमें शंख रचना – किरण, उदय और श्रीराम, तथा वेणु रचना – प्रयोग एक और प्रयोग दो प्रमुख रही। इसके अतिरिक्त सामूहिक घोष वादन ने समस्त परिसर को घोष की दिव्यता से गुंजायमान कर दिया।
जिला घोष प्रमुख मनहरण वरबे ने जानकारी देते हुए बताया कि यह शंखनाद कार्यक्रम का दूसरा वर्ष है। उन्होंने कहा, “घोष वादन न केवल परंपरा और अनुशासन का प्रतीक है, बल्कि यह स्वयंसेवकों में उत्साह, वीरता और जागरूकता का संचार करता है। यह रणघोष की परंपरा को जीवंत करता है जो युद्धकाल में वीरता का संचार करता था।”
उन्होंने यह भी विश्वास व्यक्त किया कि इस प्रकार के कार्यक्रमों से स्वयंसेवकों की शारीरिक, मानसिक एवं बौद्धिक क्षमता में विकास होगा तथा वे आपदा की किसी भी स्थिति में सजग व तैयार रहेंगे।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से सह जिला कार्यवाह रवि वर्मा, दुर्ग विभाग शारीरिक शिक्षण प्रमुख, जिला घोष प्रमुख मनहरण वरबे, जिला शारीरिक शिक्षण प्रमुख बीरेलाल पटेल, सह जिला शारीरिक शिक्षण प्रमुख राजकुमार विश्वकर्मा, पूर्व घोष प्रमुख ललित ठाकुर, घोष वादक दल के सभी सदस्य, तथा बड़ी संख्या में बाल एवं ज्येष्ठ स्वयंसेवक उपस्थित रहे।