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कवर्धा में उज्जैन की तर्ज पर निकली बाबा महाकाल की भव्य पालकी यात्रा, शिवभक्ति में डूबा पूरा शहर

कवर्धा। नगर में सोमवार को अद्भुत, अलौकिक और अत्यंत भव्य दृश्य देखने को मिला, जब नगर की पवित्र धरती पर उज्जैन की तर्ज पर बाबा महाकाल की पालकी यात्रा निकाली गई। इस आयोजन ने कवर्धा को पूरी तरह शिवमय बना दिया। भक्ति, आस्था, उत्साह और आयोजन की भव्यता ने श्रद्धालुओं को ऐसा अनुभव दिया जिसे वे शायद ही कभी भूल पाएंगे।

बुढ़ा महादेव मंदिर से हुई शुभ शुरुआत

यह यात्रा बुढ़ा महादेव मंदिर से शुरू हुई, जहां बाबा महाकाल के दिव्य स्वरूप बाबा चंद्रमौलेश्वर का विधिवत विशेष पूजन और अलौकिक श्रृंगार किया गया। मंदिर प्रांगण में भक्तों ने आरती के साथ बाबा का आशीर्वाद लिया और फिर भव्य पालकी यात्रा प्रारंभ हुई।

शहर के प्रमुख मार्गों से होते हुए अम्बेडकर चौक पहुंची यात्रा

यह यात्रा करपात्री पार्क, सराफा लाइन, मेन रोड, वीर स्तंभ चौक से होती हुई अम्बेडकर चौक स्थित भारत माता प्रतिमा तक पहुँची। पूरे मार्ग पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी रही, हर तरफ हर-हर महादेव और जय शिव शंकर के जयघोष गूंजते रहे।

नागपुर से आई महाकाली-महादेव की झांकी ने मोहा मन

इस यात्रा का मुख्य आकर्षण रही नागपुर से आई भव्य झांकी, जिसमें कलाकारों ने महाकाली और महादेव का रूप धारण कर ऊर्जावान नृत्य प्रस्तुत किया। उनकी भाव-भंगिमाएं, तांडव शैली और वेशभूषा देखकर श्रद्धालु मंत्रमुग्ध रह गए। श्रद्धालुओं ने ताली बजाकर, फूल बरसाकर और जयकारों के साथ इनका उत्साहवर्धन किया।

शिव परिवार की जीवंत झांकी बनी आस्था का केंद्र

यात्रा में शिव परिवार की झांकी भी प्रमुख आकर्षण रही, जिसमें भगवान शिव, माता पार्वती, भगवान गणेश और कार्तिकेय के जीवंत रूप में कलाकारों ने भाग लिया। इन झांकियों को देख श्रद्धालु भावविभोर हो उठे। झांकी के साथ-साथ भूत-भावन गणों की टोली भी चल रही थी, जो शिवगणों के रूप में वेश धारण कर अलग-अलग भावों में भक्तों का मन मोह रही थी।

ढोल-नगाड़ों और डमरुओं की गूंज से गूंजा कवर्धा

यात्रा में जगह-जगह ढोल, नगाड़े, डमरू और झांझ की ध्वनि ने माहौल को ऊर्जा और उत्साह से भर दिया। साथ ही श्रद्धालुओं द्वारा उठाई गई लाग पालकी ने इस यात्रा को और अधिक भक्ति से ओतप्रोत बना दिया।

अन्त में हुआ भव्य समापन और दिव्य भस्म आरती

यात्रा का समापन अम्बेडकर चौक स्थित भारत माता प्रतिमा के पास हुआ, जहां पर उज्जैन की तर्ज पर बाबा महाकाल की भस्म आरती की गई। भस्म आरती के समय वातावरण पूरी तरह शांत, भक्तिमय और अलौकिक हो गया। दीपों की रौशनी, मंत्रोच्चार और बाबा के जयकारों के साथ की गई आरती ने हर एक श्रद्धालु के हृदय को छू लिया।

श्रद्धा और संगठन का सुंदर संगम

इस अद्वितीय आयोजन का श्रेय जाता है हर हर शंकर जय जय शंकर सेवा समिति कवर्धा को, जिन्होंने पूरी यात्रा को सुनियोजित, अनुशासित और अत्यंत भावपूर्ण तरीके से सम्पन्न कराया। समिति के सदस्यों ने जगह-जगह व्यवस्था संभाली, और पूरे आयोजन को सफल बनाने में अपना संपूर्ण योगदान दिया।

Ankita Sharma

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