साइबर सेल की बड़ी कामयाबी – 97 प्रकरणों में 40 लाख रुपए की ठगी की राशि वापस


कवर्धा। पुलिस अधीक्षक धर्मेन्द्र सिंह (IPS) के निर्देशन, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पुष्पेंद्र बघेल एवं पंकज पटेल के मार्गदर्शन तथा डीएसपी कृष्ण कुमार चंद्राकर के पर्यवेक्षण में साइबर सेल कबीरधाम ने बड़ी सफलता हासिल की है। अब तक 97 प्रकरणों में ऑनलाइन ठगी से हड़पी गई लगभग ₹40 लाख की राशि पीड़ितों को वापस कराई गई है।
गृह मंत्रालय द्वारा वर्ष 2022 से शुरू किए गए सायबर पुलिस पोर्टल (Citizen Financial Fraud Reporting Tool) और टोल-फ्री नंबर 1930 के माध्यम से ठगी की रकम को तुरंत होल्ड कर लौटाने की प्रक्रिया को पुलिस ने प्रभावी ढंग से लागू किया। कई अन्य प्रकरणों में भी राशि वापसी की कार्रवाई जारी है।
इस उपलब्धि में निरीक्षक महेश प्रधान, सउनि चंद्रकांत तिवारी, आरक्षक आकाश राजपूत, मनीष कुमार, शिवम् मण्डावी, अजय यादव और उपेन्द्र सिंह का सराहनीय योगदान रहा, जिन्होंने बैंक शाखा प्रबंधकों और मर्चेंट सर्विस प्रदाताओं से लगातार समन्वय कर त्वरित कार्रवाई की।
एसपी धर्मेन्द्र सिंह (IPS) ने कहा- ऑनलाइन ठगी से निपटने का सबसे बड़ा हथियार त्वरित रिपोर्टिंग है। जितनी जल्दी नागरिक सूचना देंगे, उतनी ही संभावना है कि उनकी मेहनत की कमाई सुरक्षित रह सके। कबीरधाम पुलिस हमेशा आमजन की सेवा और सुरक्षा के लिए तत्पर है।”
साइबर ठगी से बचाव के उपाय
कबीरधाम। साइबर ठगी से बचाव के लिए कबीरधाम पुलिस ने नागरिकों को जागरूक करते हुए महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं। पुलिस ने कहा कि संदिग्ध कॉल, लिंक या ईमेल पर क्लिक न करें और किसी के साथ ओटीपी, एटीएम पिन, पासवर्ड या सीवीवी जैसी गोपनीय जानकारी साझा न करें। बैंक या सरकारी संस्था कभी फोन पर ऐसी जानकारी नहीं मांगती।
पुलिस ने सलाह दी है कि केवल सुरक्षित वेबसाइट या ऐप से ही खरीदारी और भुगतान करें, समय-समय पर पासवर्ड बदलें तथा पब्लिक वाई-फाई से ऑनलाइन लेन-देन से बचें। सोशल मीडिया पर वित्तीय जानकारी साझा करना भी खतरनाक हो सकता है।
यदि किसी के साथ साइबर ठगी हो जाए तो तुरंत टोल-फ्री नंबर 1930 पर कॉल करें, नजदीकी थाना या साइबर सेल में रिपोर्ट दर्ज कराएं और संबंधित बैंक या वॉलेट प्रदाता को तत्काल सूचना दें। साथ ही, पासवर्ड बदलकर पुलिस जांच में पूरा सहयोग करें।
कबीरधाम पुलिस ने अपील की है कि नागरिक साइबर अपराध की घटना को छिपाने के बजाय तुरंत रिपोर्ट करें, ताकि समय रहते उनकी मेहनत की कमाई सुरक्षित रह सके और अपराधियों पर सख्त कार्रवाई हो सके।






