उपवास रखने और खोलने का सही तरीका:नवरात्रि में नारियल पानी, साबूदाना और पान रखेगा सेहत का ख्याल, जानिए व्रत का डाइट प्लान


उपवास का मतलब सिर्फ अन्न छोड़ देना नहीं है। सही तरीके से उपवास के लिए तन और मन दोनों का स्वस्थ रहना भी जरूरी है। तन-मन से स्वस्थ रहेंगे तो देवी की आराधना में ध्यान लगेगा और उपवास भी सफल होगा। स्वस्थ बने रहने के लिए जरूरी है कि व्रत के दौरान कुछ चीजों का ध्यान रखा जाए।
न्यूट्रिशनिस्ट निधि अग्रवाल बताती हैं कि हर कोई अपनी श्रद्धानुसार अलग-अलग तरीके से व्रत रखता है। कुछ लोग 9 दिन सिर्फ फल खाते हैं, तो कुछ सिर्फ लिक्विड डाइट लेते हैं। कुछ लोग सेंधा नमक से बने फूड आइटम और मसालेदार, तली-भुनी चीजें भी खूब खा लेते हैं। लेकिन, ऐसी लापरवाही सेहत बिगाड़ सकती है। जब कई दिन तक उपवास रखना हो तो बॉडी को एनर्जी की जरूरत बढ़ जाती है।
नवरात्रि के दौरान उपवास रखने का सही तरीका क्या है और इस दौरान खानपान व सेहत का ख्याल कैसे रखा जाए, बता रही हैं न्यूट्रिशनिस्ट निधि अग्रवाल:
उपवास के दौरान लापरवाही न बरतें। अगर डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, दिल के रोग या स्वास्थ्य से जुड़ी ऐसी कोई दूसरी समस्या है तो पूरे 9 दिन का व्रत न करें। पाचन तंत्र के लिए पान फायदेमंद है, इसलिए इसे भी खा सकते हैं।
उपवास के दिनों में अक्सर लोग टाइम से सोते नहीं, जबकि ऐसे वक्त नींद पूरी होनी जरूरी है। हर दिन और हर वक्त की डाइट अलग हो। किसी दिन ज्यादा मीठा खा लें तो उस दिन फिर साबूदाना जैसी चीजें न खाएं।
जब मरीज को कई दिन बाद कुछ खाने को दिया जाता है, तो शुरुआत लिक्विड डाइट से करते हैं। सबसे पहले उसे चाय, फिर नारियल पानी देते हैं। इसके बाद उपमा, फिर खिचड़ी खिलाते हैं। फिर जब यह डाइट पचने लगती है, तब जाकर उसे रोटी, सब्जी और दाल देते हैं। ताकि उसका पाचन तंत्र अच्छे से काम करना शुरू कर दे। उसपर अचानक बोझ न पड़े। व्रत रखने वालों को भी इसका ख्याल रखना चाहिए।
टेक-अवे की दो और स्टोरीज पढ़ें…
अल्जाइमर्स में मरने लगतीं दिमाग की कोशिकाएं:खाना-कपड़े पहनना, टॉयलेट जाना तक भूलते मरीज, महिलाओं को खतरा ज्यादा; जानें बचने के उपाय

कभी चश्मा तो कभी चाबी भूलने की आदत तो अधिकतर लोगों को होती है। लेकिन, अगर कोई घरवालों के नाम और चेहरे भूलने लगे, अपने रोजमर्रा के काम करना भूल जाए, खुद को साफ कैसे रखना है, उसे यही याद न रहे, या फिर घर आने-जाने के रास्ते याद रखने मुश्किल हो जाएं तो तुरंत डॉक्टर से मिलिए। यह भुलक्कड़ होने की निशानी नहीं, बल्कि अल्जाइमर्स के लक्षण हो सकते हैं। जानिए कितनी खतरनाक है यह बीमारी, क्या हैं इसके लक्षण और इससे बचने के लिए क्या करें। पूरी स्टोरी पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…
ट्रेन-फ्लाइट में कुत्ते-बिल्ली संग सफर:ट्रेन में बुक करना पड़ता है फर्स्ट एसी का कूपे, थर्ड एसी-स्लीपर कोच में नो एंट्री

बाहर घूमने जाने के लिए पालतू कुत्ते-बिल्लियों को घर में अकेला छोड़कर जाने का मन नहीं करता और साथ में लेकर सफर करना मुश्किल हो जाता है। लेकिन, कुछ नियमों का ख्याल रखकर आप इस समस्या को दूर कर सकते हैं। रेलवे ने पालतू पशुओं के साथ ट्रेन में सफर करने के लिए गाइडलाइंस बनाई हैं। जिनके तहत आप इन्हें अपनी सीट पर भी रख सकते हैं। वहीं, फ्लाइट में पेट्स के साथ सफर के लिए नियम अलग हैं। पूरी स्टोरी पढ़ने के लिए