भोरमदेव शंखनाद: भोरमदेव मंदिर में RSS के घोष वादकों का शानदार प्रदर्शन

कवर्धा। छत्तीसगढ़ के खजुराहो के रूप में प्रसिद्ध भोरमदेव मंदिर परिसर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कबीरधाम जिला घोष विभाग द्वारा आयोजित ‘भोरमदेव शंखनाद’ कार्यक्रम का सोमवार को समापन किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन सावन पूर्णिमा के अवसर पर किया गया, जिसमें सुबह 9 बजे से विभिन्न वाद्यों की धुनों से मंदिर परिसर गूंज उठा।
कार्यक्रम के दौरान जिला घोष प्रमुख मनहरण वर्बे ने बताया कि कबीरधाम जिले के घोष वादक नियमित अभ्यास करते हैं, और समाज में नए घोष वादकों को तैयार करना उनके लिए एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। उन्होंने कहा, “घोष की धुन अपने आप में एक आकर्षण का केंद्र होती है, और इसकी धुनों में खो जाना स्वाभाविक है। इस कार्यक्रम के माध्यम से हम समाज में नए घोष वादकों को जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं।”
‘भोरमदेव शंखनाद’ कार्यक्रम के अंतर्गत, वादकों ने शंख, वंशी, आनक, झल्लारी, त्रिभुज और प्रणव वाद्यों का समूह वादन किया। इसके बाद, वादकों ने भोरमदेव मंदिर की परिक्रमा की और डमरू वादन के साथ कार्यक्रम का समापन किया। घोष दण्ड संचालक के निर्देशन में तीस मिनट तक घोष वादन किया गया, जिसमें ‘किरण’, ‘उदय’, ‘भूप’ और ‘दो रचना’ का वादन प्रमुख रूप से शामिल रहा।
इस कार्यक्रम में जिला कार्यवाह शत्रुहन नेताम, सह जिला कार्यवाह रवि वर्मा, दुर्ग विभाग शारीरिक शिक्षा प्रमुख सीताराम धुर्वे, जिला शारीरिक शिक्षण प्रमुख बीरेलाल पटेल, सह जिला शारीरिक शिक्षण प्रमुख राजकुमार विश्वकर्मा, और अन्य वरिष्ठ स्वयंसेवक भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम में ज्येष्ठ, श्रेष्ठ और बाल स्वयंसेवकों की सक्रिय भागीदारी भी देखने को मिली।