Bihar Chunav 2025: NDA में सीट बंटवारे का फॉर्मूला लगभग तय, चिराग, मांझी और कुशवाहा को मिलेंगी 40 सीटें?

पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 (Bihar Chunav 2025) से पहले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में सीट बंटवारे को लेकर अंदरूनी खींचतान तेज़ हो गई है। सूत्रों के अनुसार, बीजेपी (BJP) और जेडीयू (JDU) के बीच बड़े पैमाने पर सीटों का संतुलन कायम रखने की कवायद चल रही है, जबकि चिराग पासवान (Chirag Paswan), जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) और उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) के दलों के बीच लगभग 40 विधानसभा सीटों का बंटवारा किया जा सकता है।
BJP-JDU का फॉर्मूला तय, सहयोगी दलों में नई चुनौती
NDA के दो प्रमुख घटक, BJP और JDU, लगभग 100-100 सीटों पर चुनाव लड़ सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक, जेडीयू 102-103 और बीजेपी 101-102 सीटों पर दांव लगा सकती है। शेष बची लगभग 40 सीटों को लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) और राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) के बीच बांटे जाने की चर्चा है।
Chirag Paswan की दावेदारी मजबूत
2024 लोकसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन के बाद चिराग पासवान ने बिहार की राजनीति में अपनी मौजूदगी मजबूत की है। उनकी पार्टी ने 5 में से 5 सीटें जीतकर NDA में अपनी स्थिति को और पुख्ता किया है। अब वे विधानसभा चुनाव में 25 से 28 सीटों की मांग कर रहे हैं। “बिहार कर रहा है इंतजार, चिराग के स्वागत को तैयार” जैसे नारों से उनके समर्थक उन्हें मुख्यमंत्री पद के लिए प्रोजेक्ट करने लगे हैं।
Jitan Ram Manjhi का 20 सीटों वाला दांव
हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने अपनी पार्टी के लिए कम से कम 20 सीटों की मांग की है। 2020 के चुनाव में मांझी की पार्टी को 7 सीटें मिली थीं और उन्होंने 4 पर जीत हासिल की थी। दलित वोट बैंक पर पकड़ और क्षेत्रीय प्रभाव को आधार बनाकर मांझी अपनी पार्टी की स्थिति को मजबूत कर रहे हैं।
Upendra Kushwaha भी रेस में
राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा भी सीट बंटवारे में अपना हिस्सा सुनिश्चित करना चाहते हैं। मगध और शाहाबाद क्षेत्र में कुशवाहा, मांझी और चिराग की त्रिकोणीय पकड़ को देखते हुए 62 सीटों पर चर्चा की जा रही है।
NDA में बढ़ रही है सीट शेयरिंग की चुनौती
हालांकि चिराग पासवान, जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा की बढ़ती मांगों ने NDA नेतृत्व के लिए मुश्किलें बढ़ा दी हैं। बीजेपी के अंदरखाने में यह भी चर्चा है कि चिराग को समर्थन देकर जेडीयू के वर्चस्व को सीमित किया जाए, जबकि जेडीयू इस तरह की किसी भी रणनीति को सिरे से खारिज कर रही है। नीतीश कुमार को अब भी NDA का मुख्यमंत्री चेहरा बताया जा रहा है।