जन्मदिवस विशेष | छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा : गांव की मिट्टी से सत्ता के शिखर तक, एक कर्मयोगी नेता का सफर
विचार से नेतृत्व तक: विजय शर्मा का संघर्ष, संगठन और सेवा से सुसज्जित राजनीतिक जीवन


छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री और गृह मंत्री विजय शर्मा उन चुनिंदा नेताओं में हैं जिनकी राजनीतिक यात्रा विद्यार्थी जीवन से शुरू होकर राज्य शासन के शीर्ष पदों तक पहुंची है। विचारधारा में आस्था, संगठन में तपस्या और जनता के लिए प्रतिबद्धता ने उन्हें भारतीय जनता पार्टी के सबसे भरोसेमंद नेताओं में शामिल कर दिया है। आज, 19 जुलाई को विजय शर्मा अपना 52वां जन्मदिवस मना रहे हैं। यह अवसर उनके जीवन, संघर्ष, शिक्षा और सेवा के व्यापक चित्रण का भी है।
कवर्धा की धरती से जन्मे नेतृत्व की कहानी
विजय शर्मा का जन्म 19 जुलाई 1973 को कवर्धा जिले के एक साधारण परिवार में हुआ। उनके पिता स्व. रतनलाल शर्मा एक सामाजिक और सरल जीवन जीने वाले व्यक्ति थे। विजय शर्मा ने प्रारंभिक शिक्षा कवर्धा के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय से पूरी की। यहीं से उनके भीतर नेतृत्व की चिंगारी जगी और छात्र राजनीति से उनके सार्वजनिक जीवन की शुरुआत हुई।
विद्यार्थी परिषद से भाजपा तक का सफर
1989 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े विजय शर्मा बहुत कम उम्र में ही स्थानीय राजनीति में सक्रिय हो गए। वे शाला नायक बने, नगर इकाई के सह-संयोजक रहे और छात्र संघर्ष मोर्चा का नेतृत्व किया। 1990 के दशक में वे रायपुर और दुर्ग में संगठन की कई गतिविधियों में भागीदारी करते रहे। यही वह दौर था जिसने उन्हें विचारधारा की गहराई से जोड़ा और भाजपा का मजबूत आधार बनाया।
शिक्षा में गहरी पैठ, तकनीकी दृष्टि से समृद्ध पृष्ठभूमि
विजय शर्मा की पहचान एक शिक्षित, तकनीकी और वैचारिक नेता की है। उन्होंने पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर से एमएससी (भौतिक शास्त्र) और पीजीडीसीए किया। इसके बाद भोज विश्वविद्यालय, भोपाल से एमसीए (मास्टर ऑफ कंप्यूटर एप्लिकेशन) की डिग्री ली। उन्होंने कई वर्षों तक कॉलेजों में अध्यापन किया और फिर रिलायंस टेलीकॉम जैसी प्रतिष्ठित कंपनी में कार्य किया। उनका यह तकनीकी अनुभव उन्हें प्रशासनिक कार्यों में विश्लेषणात्मक और समाधानोन्मुख दृष्टिकोण प्रदान करता है।
संगठन की नर्सरी से खड़ा हुआ नेतृत्व
भाजपा की सांगठनिक राजनीति में विजय शर्मा का उदय निरंतरता और समर्पण का उदाहरण है। वे भाजयुमो कबीरधाम के जिला अध्यक्ष से लेकर भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष बने। उसके बाद भाजपा कबीरधाम के जिला महामंत्री और जिलाध्यक्ष जैसे अहम पदों पर रहे। 2016 में उन्हें भाजयुमो का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया, फिर भाजपा छत्तीसगढ़ के प्रदेश मंत्री और अंततः भाजपा प्रदेश महामंत्री जैसे जिम्मेदार पदों पर कार्य किया।। 2020 में वे जिला पंचायत सदस्य निर्वाचित हुए। इन सभी भूमिकाओं ने उन्हें जमीनी संगठन, जनसंपर्क और रणनीतिक संचालन में दक्ष बनाया।
कवर्धा का राजनीतिक चेहरा और जनता की उम्मीद
2021 में कवर्धा में हुए झंडा विवाद के दौरान विजय शर्मा की भूमिका उन्हें राज्यव्यापी पहचान दिलाने वाली बनी। इस घटना में उन्होंने जिस मुखरता और निर्भीकता से हिंदुत्व की आवाज़ उठाई, वह न केवल युवाओं में ऊर्जा भरने वाली थी, बल्कि संगठन को भी स्पष्ट संदेश देने वाली थी कि विजय शर्मा केवल एक संगठनात्मक नेता नहीं, जनआंदोलन के भी सेनानी हैं। इस प्रकरण में उन्हें जेल भी जाना पड़ा, जो उनकी प्रतिबद्धता का प्रमाण बना।
चुनाव में ऐतिहासिक जीत, मंत्रिमंडल में शीर्ष स्थान
2023 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें कवर्धा से उम्मीदवार बनाया। उनका मुकाबला कांग्रेस के वरिष्ठ मंत्री मोहम्मद अकबर से था। एक ओर अनुभवी शासनकर्ता, दूसरी ओर जुझारू संगठन नेता। चुनावी मैदान में विजय शर्मा ने अपनी सादगी, सक्रियता और हिंदुत्व आधारित मुद्दों से जबरदस्त जनसमर्थन जुटाया और 39552 वोटों के विशाल अंतर से जीत दर्ज की।
13 दिसंबर 2023 को उन्हें छत्तीसगढ़ सरकार में उपमुख्यमंत्री और गृह मंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई। इसके साथ ही उन्हें जेल, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालय भी सौंपे गए।
प्रशासन में सक्रियता, जनता से सीधा संवाद
विजय शर्मा के कार्यशैली की सबसे बड़ी विशेषता है – फील्ड में मौजूदगी और जनता से सीधा संवाद। वे अधिकारियों से लेकर सचिवालय तक अपनी बात साफ़ शब्दों में रखते हैं। जनसमस्याओं पर तत्काल कार्रवाई करना, किसानों से सीधे मिलना, बिजली-पानी जैसे बुनियादी मुद्दों पर प्रदर्शन तक करना उनकी कार्यशैली का हिस्सा है।
खेल, संस्कृति और पर्यटन में रुचि
विजय शर्मा सिर्फ राजनेता नहीं, एक बहुआयामी व्यक्तित्व भी हैं। वे राज्य स्तरीय क्रिकेट टूर्नामेंट में भाग ले चुके हैं। एथलेटिक्स में भी उन्होंने कई पुरस्कार जीते हैं। साहित्य, भाषण, कविता और पर्यटन में भी उनकी विशेष रुचि है। वे एक कुशल वक्ता हैं, जो अपने भाषणों में तथ्यों, आंकड़ों और संवेदनाओं का संतुलन बनाए रखते हैं।
परिवार और निजी जीवन
उनकी पत्नी श्रीमती रश्मि शर्मा भी सामाजिक कार्यों में सक्रिय रही हैं। वे जिला पंचायत सदस्य भी रह चुकी हैं। उनका एक पुत्र है – अभिनव शर्मा। विजय शर्मा का पारिवारिक जीवन सादगी, सेवा और पारस्परिक सहयोग का उदाहरण है।
विजय शर्मा की राजनीतिक यात्रा केवल पदों की श्रृंखला नहीं, बल्कि विचार, संघर्ष, संगठन और सेवा की कहानी है। वे ऐसे नेता हैं जो शासन की ऊंचाइयों पर भी ज़मीन से जुड़े रहते हैं। उनका जीवन इस बात का उदाहरण है कि यदि उद्देश्य स्पष्ट हो, विचार पवित्र हो और कार्य में समर्पण हो, तो कोई भी व्यक्ति किसी भी स्तर तक पहुंच सकता है।
उनके जन्मदिवस पर यह अवसर है कि हम उनके कार्यों, सिद्धांतों और नेतृत्व से प्रेरणा लें। छत्तीसगढ़ को बेहतर दिशा देने में विजय शर्मा की भूमिका निश्चित रूप से आने वाले वर्षों में और महत्वपूर्ण होगी।
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा को जन्मदिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!