सरगढ़ी के जंगल में शिकार करने बिछाए थे खुले तार, करंट से हाथी की मौत
खुड़िया रेंज (मुंगेली) अंतर्गत सरगढ़ी के जंगल में करंट लगने से एक हाथी की मौत हो गई। शुक्रवार को हाथी का शव बरामद किया गया है। शव देखने में दो दिन पुरानी लग रही है। दुर्गंध आने पर आसपास ग्रामीणों ने सरगढ़ी के जंगल के कक्ष क्रमांक- 486 में जाकर देखा, तो हाथी मरा हुआ पाया गया। इसकी सूचना वन विभाग को दी गई। सूचना पर वन अमला मौके पर पहुंचा और शव को कब्जे में लिया। जानकारी के मुताबिक पिछले दिनों 6 हाथियों का दल पंडरिया क्षेत्र के जंगलों में घूम रहा था।
तीन दिन पहले ही अचानकमार टाइगर रिजर्व (एटीआर) की ओर लौट रहे दल के हाथी खुड़िया रेंज (मुंगेली) में दाखिल हुए थे। इसी दौरान इनमें से एक हाथी शिकारियों के द्वारा जंगली जानवरों का शिकार करने के लिए बिछाए गए करंट लगे खुले तार की चपेट में आ गया, जिससे उसकी मौत हो गई। मृत हाथी की उम्र एक से डेढ़ साल बताया जा रहा है। फिलहाल वन विभाग की टीम इसकी विवेचना कर रही है।
जांच में हाथी के शरीर पर पाए गए चोट के निशान
हाथी की मौत से वन्यप्राणियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालने वाला वन महकमा सवालों के कटघरे में है। हाथी के शरीर पर चोट के निशान पाए गए हैं। मृत हाथी की उम्र एक से डेढ़ साल होना बताया जा रहा है। दल के बाकी हाथियों के बारे में वन विभाग को कोई खबर नहीं है। सवाल ये भी है कि हाथी का शव दो दिन पुराना है, तो विभाग को इसका पता कैसे नहीं चला।
पंडरिया ब्लाक में 2013 से हुई हाथियों के आने की शुरुआत पंडरिया ब्लाक में वर्ष 2013 से हाथियों का आना शुरू हुआ था। वर्ष 2013 में पहली बार राजू नामक एक हाथी हाया था, जो पंडरिया नगर के समरू पारा व कॉललेज सहित ब्लाक में करीब महीने भर तक ठहरा हुआ था। इसके बाद से हर साल ब्लॉक के जंगलों में हाथियों का आना-जाना लगा रहा। क्योंकि यहां हाथियों के पसंदीदा महुआ, गन्ना व धान क्षेत्र में हैं, जो हाथियों के दल को आकर्षित कर रहे हैं।