CG Cyber Fraud: रायपुर में साइबर ठगी का शिकार बने रिटायर्ड शिक्षक, प्रोफेसर बनकर ठगों ने उड़ाए 33 लाख
CG Cyber Fraud: रायपुर में साइबर ठगी का एक और मामला सामने आया है, जिसमें मुजगहन थाना क्षेत्र के एक रिटायर्ड शिक्षक, चंद्रमणि पांडेय, से 33 लाख 57 हजार रुपये की धोखाधड़ी की गई। ठगों ने खुद को प्रोफेसर बताते हुए उनसे संपर्क किया और शेयर मार्केट में निवेश का झांसा देकर उन्हें ठगी का शिकार बना लिया।
शेयर मार्केट में निवेश का लालच देकर की गई ठगी
ठग ने पहले रिटायर्ड शिक्षक से प्रोफेसर बनकर संपर्क किया और उन्हें एक लिंक भेजा, जिसमें निवेश करने से मुनाफे के दावे किए गए थे। पांडेय ने इस लिंक पर भरोसा करते हुए निवेश करना शुरू कर दिया। शुरुआत में ठग ने उन्हें निवेश पर लाभ मिलने का दावा किया, जिससे पांडेय ने और अधिक पैसे निवेश किए। ठग ने पांडेय से अलग-अलग किश्तों में रकम जमा करवाई। धीरे-धीरे इस प्रक्रिया में कुल 33 लाख 57 हजार रुपये की ठगी कर ली गई।
शिकायत दर्ज, पुलिस की जांच जारी
ठगी का एहसास होने पर चंद्रमणि पांडेय ने तुरंत मुजगहन थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और जल्द ही ठगों को पकड़ने का आश्वासन दिया है। यह मामला साइबर अपराध के तहत दर्ज किया गया है, और पुलिस यह जांच कर रही है कि ठगों ने किस तरह से शिक्षक को झांसे में लिया।
ठग गिरोहों की सक्रियता
छत्तीसगढ़ में इस तरह की साइबर ठगी की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। पुलिस का कहना है कि झारखंड, हरियाणा, पश्चिम बंगाल और राजस्थान के ठग गिरोह राज्य में सक्रिय हैं। ये गिरोह अलग-अलग तरीकों से लोगों को झांसा देकर उनसे ठगी कर रहे हैं। राजस्थान के ठग गिरोह अक्सर सोशल मीडिया और फोन कॉल के माध्यम से लोगों को भरोसे में लेते हैं, जबकि हरियाणा, झारखंड और पश्चिम बंगाल के गिरोह ऑनलाइन ट्रेडिंग और शेयर बाजार में निवेश का झांसा देकर लोगों को ठग रहे हैं।
इन गिरोहों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले तरीकों में ऑनलाइन निवेश, फर्जी लिंक, सोशल मीडिया पर सब्सक्राइब करने का लालच, और शेयर मार्केट में फर्जी लाभ का दावा शामिल हैं। साइबर सेल ने लोगों को सतर्क रहने और अनजान लिंक या फोन कॉल्स से दूर रहने की सलाह दी है।
साइबर सेल की अपील
साइबर सेल के अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि किसी भी अज्ञात व्यक्ति या संस्था से निवेश करने से पहले सावधानी बरतें और अपने बैंक खातों की जानकारी किसी से साझा न करें। साइबर ठगी के मामलों में गिरोह अत्यधिक सक्रिय हैं और अक्सर ऐसे लोगों को निशाना बनाते हैं जो निवेश के बारे में सीमित जानकारी रखते हैं।