विदेशी छात्रों की याचिका को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने किया खारिज

बिलासपुर – केंद्र सरकार के आईआईटी और एनआईटी (IIT-NIT) में एडमिशन के नियमों को बदलने पर ऐतराज जताने वाले विदेशी छात्रों की याचिका को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया। सऊदी अरब में रहने वाले आठ से अधिक छात्रों द्वारा दाखिल की गई इस याचिका पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने यह फैसला सुनाया। कोर्ट ने अपने निर्णय में कहा कि प्रवेश के लिए नीति बनाना और मापदंड तय करना केंद्र सरकार का विशेषाधिकार है, और इसमें छूट देना सरकार का नीतिगत निर्णय है, जिसे कानूनी दावे के रूप में नहीं देखा जा सकता।
याचिकाकर्ताओं में शेख मुनीर, सुहास काम्मा, श्रियांस कुमार, आफिया अनीस, रंजीत, राघव सक्सेना समेत अन्य छात्रों ने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में यह याचिका दाखिल की थी। याचिका में उन्होंने डासा (DASA) योजना के तहत एनआईटी, आईआईटी और अन्य प्रमुख संस्थानों में एडमिशन के लिए अपने पात्रता को लेकर सवाल उठाए थे।
विदेशी छात्रों का दावा था कि वर्ष 2024-25 के स्नातक कोर्स में एडमिशन के लिए पूर्व में 60 प्रतिशत अंकों की आवश्यकता थी, लेकिन केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने 30 जनवरी 2024 को जारी एक अधिसूचना के माध्यम से इस अंकों के मापदंड को बढ़ाकर 75 प्रतिशत कर दिया। याचिकाकर्ताओं के अनुसार, यह नया मापदंड उनकी पात्रता को बाधित कर रहा है और उनके लिए एडमिशन प्राप्त करना कठिन हो गया है।