छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सुरक्षा में बड़ी चूक हुई है। एक शख्स पिस्टल लेकर मुख्यमंत्री आवास में घुस गया। पिस्टल लेकर आए व्यक्ति की ठीक से चेकिंग भी नहीं की जा सकी। मगर बाद में कुछ सुरक्षाकर्मियों की नजर पिस्टल पर पड़ी और उसे घेरकर पूछताछ की गई। अब इस मामले में 8 पुलिसकर्मियों को हटा दिया गया है। पूरी घटना की जांच कराई जाएगी।
शख्स मुख्यमंत्री के केबिन तक पहुंच गया था। राज्य अतिथि गृह पहुना को मुख्यमंत्री आवास बनाया गया है। यहां हर दिन सैंकड़ों लोग CM से मिलने पहुंचते हैं। VIP लिखी गाड़ी में एक शख्स CM हाउस पहुंचा था। इसके पास से पिस्टल बरामद की गई।
बड़े अफसरों के निर्देश पर घुसा पिस्टल धारी
पता चला है कि कुछ रसूखदारों को बिना गेट पर चेक किए ही मुख्यमंत्री आवास के भीतर प्रवेश दे दिया जाता था। VIP गाड़ी में सवार पिस्टलधारी के मामले में भी यही हुआ। गेट पर तैनात पुलिसकर्मियों को भीतर से मौखिक निर्देश थे कि बड़े लोगों जैसे कि भाजपा के बड़े नेता, विधायक, सांसद, अफसरों को चेक न किया जाए।
पिस्टल लेकर आए व्यक्ति को लेकर भी गेट पर यही चूक हुई। मगर जब व्यक्ति सीएम से मिलने जाने लगा तब वो दूसरे लेयर की चेकिंग में पिस्टल के साथ पकड़ा गया और मामला फूटा।
क्या कह रहे अधिकारी
मुख्यमंत्री की सुरक्षा से जुड़े अफसर प्रफुल्ल ठाकुर ने मीडिया को पहले जानकारी दी थी कि ये मॉकड्रिल है। यानी पुलिस के लोग इसकी प्रैक्टिस कर रहे थे कि कोई गन लेकर सीएम हाउस आ जाए तो कार्रवाई कैसे होगी। अफसर ये भी बता रहे थे कि ये 25 फरवरी को तब हुआ था जब CM बंगले में नहीं थे।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मॉकड्रिल की कहानी बताकर पुलिस इस मामले को दबाने का प्रयास किया था। क्योंकि इस मॉकड्रिल के बारे में कोई आधिकारिक जानकारी 25 फरवरी को सार्वजनिक नहीं की गई। जब मीडिया में खबर आई तब मॉकड्रिल की बात अफसर कहने लगे।
चर्चा ये भी है कि जो व्यक्ति पिस्टल लेकर आया वो जशपुर का रहने वाला था। मुख्यमंत्री का परिचित था और उसकी पिस्टल लायसेंसी थी, उसपर इन कारणों से कोई एक्शन नहीं लिया गया।