धनतेरस 2024: 29 अक्टूबर को बनेगा दुर्लभ त्रिपुष्कर और लक्ष्मीनारायण योग, जानिए तीन गुना लाभ देने वाला विशेष मुहूर्त
इस वर्ष दीपावली से पूर्व धनतेरस का पर्व 29 अक्टूबर को मनाया जाएगा, जो खरीदारी का दूसरा प्रमुख मुहूर्त लेकर आएगा। ज्योतिषाचार्य डॉ. अनीष व्यास, निदेशक पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर-जोधपुर, के अनुसार इस धनतेरस पर त्रिपुष्कर और लक्ष्मीनारायण योग का महासंयोग बन रहा है, जो निवेश और खरीदारी के लिए लाभकारी साबित होगा।
धनतेरस का अर्थ ‘धन’ और ‘तेरस’ के मेल से बना है, जिसमें ‘धन’ का अर्थ धन और समृद्धि से है, जबकि ‘तेरस’ का संबंध हिंदू कैलेंडर के 13वें दिन से है। इस दिन स्वास्थ्य के देवता भगवान धन्वंतरि का पूजन किया जाता है, साथ ही धन और समृद्धि के लिए कुबेर देव और लक्ष्मी माता की भी पूजा की परंपरा है। इस दिन परंपरागत रूप से सोना-चांदी, बर्तन, भूमि-भवन और अन्य चल-अचल संपत्तियों की खरीदारी लाभकारी मानी जाती है।
त्रिपुष्कर और लक्ष्मीनारायण योग का विशेष संयोग
29 अक्टूबर को धनतेरस के अवसर पर 100 वर्षों बाद त्रिपुष्कर योग, इंद्र योग, वैधृति योग, और शश महापुरुष राजयोग जैसे 5 शुभ संयोग बन रहे हैं। त्रिपुष्कर योग में किए गए कार्यों से तीन गुना लाभ होता है, जबकि लक्ष्मीनारायण योग के प्रभाव से व्यापार और शुभ कार्यों में वृद्धि होती है। वृश्चिक राशि में बुध के आने और शुक्र के साथ विराजमान होने से लक्ष्मीनारायण योग का निर्माण होगा।
पूजन और दीपदान का मुहूर्त
धनतेरस पर पूजा का प्रदोष काल शाम 5:38 बजे से रात 8:13 बजे तक रहेगा, जिसमें यम दीपदान का श्रेष्ठ समय शाम 6:31 से रात 8:13 तक माना गया है। इस दौरान लक्ष्मी-कुबेर पूजन के साथ यमराज के लिए दीपदान की भी परंपरा निभाई जाएगी।
चौघड़िया मुहूर्त में खरीदारी के लिए शुभ समय
खरीदारी के लिए प्रमुख चौघड़िया मुहूर्त इस प्रकार हैं:
- चर: सुबह 9:18 से 10:41 बजे तक
- लाभ: सुबह 10:41 से दोपहर 12:05 और शाम 7:15 से 8:51 बजे तक
- अमृत: दोपहर 12:05 से 1:28 बजे तक
- शुभ: दोपहर 2:51 से 4:15 बजे तक
धनतेरस पर सोना, चांदी, बर्तन के साथ भूमि, भवन, और इलेक्ट्रानिक सामग्री की खरीदारी लाभकारी रहेगी, जो तेरह गुना बढ़ने की मान्यता रखती है। इस दिन से दीपावली के पांच दिवसीय पर्व का शुभारंभ भी होगा।