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Ganesh Chaturthi 2024: आज घर-घर पधारेंगे मंगलमूर्ति; जानें गणेश चतुर्थी का शुभ मुहूर्त और उपासना विधि

Ganesh Chaturthi 2024: आज घर-घर पधारेंगे मंगलमूर्ति। जानें गणपति स्थापना का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और भगवान गणेश की उपासना से जुड़े महत्वपूर्ण मंत्र।

Ganesh Chaturthi 2024: गणेश चतुर्थी पर्व का महत्व

गणेश चतुर्थी हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण और भव्य पर्व है, जिसे भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। यह त्योहार मुख्य रूप से भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन को ‘विनायक चतुर्थी’ भी कहा जाता है। गणेश चतुर्थी पर देशभर में गणपति बप्पा की मूर्ति स्थापित की जाती है और दस दिनों तक उनकी पूजा की जाती है। भगवान गणेश को ज्ञान, विद्या, और समृद्धि के देवता के रूप में पूजा जाता है, और हर शुभ कार्य से पहले उनकी पूजा करने का विधान है। गणेश चतुर्थी न केवल धार्मिक उत्सव है, बल्कि यह सांस्कृतिक और सामाजिक एकता का भी प्रतीक है, जहां विभिन्न समुदायों के लोग एक साथ आते हैं और पर्व का उत्सव मनाते हैं।

Ganesh Chaturthi 2024: गणेश चतुर्थी का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व
भगवान गणेश को सनातन धर्म में प्रथम पूजनीय माना जाता है। हर धार्मिक या सामाजिक अनुष्ठान से पहले गणेश जी की पूजा की जाती है। उन्हें विघ्नहर्ता (विघ्न दूर करने वाले) और सुखकर्ता (सुख और समृद्धि लाने वाले) के रूप में पूजा जाता है। गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश के जन्म का उत्सव मनाया जाता है, जिनका जन्म भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को हुआ था। उनकी पूजा के द्वारा भक्त जीवन में आ रहे हर प्रकार के विघ्नों को दूर करने और नई शुरुआत के लिए उनकी कृपा प्राप्त करने का प्रयास करते हैं।

गणेश चतुर्थी का धार्मिक महत्व केवल व्यक्तिगत स्तर पर सीमित नहीं है। इस पर्व के माध्यम से समाज में एकजुटता, सामाजिक समरसता और धार्मिक जागरूकता का संदेश फैलाया जाता है। विशेष रूप से महाराष्ट्र और दक्षिण भारत के कई क्षेत्रों में यह पर्व बड़े उत्साह और भव्यता से मनाया जाता है, जहां विभिन्न पंडालों में भगवान गणेश की विशाल मूर्तियां स्थापित की जाती हैं और भक्त उन्हें दर्शन करने के लिए भारी संख्या में जुटते हैं।

Ganesh Chaturthi 2024: गणपति स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त और योग
आज गणेश चतुर्थी की पूजा और मूर्ति स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 20 मिनट से शुरू हो रहा है। शास्त्रों में भगवान गणेश की पूजा और स्थापना के लिए दोपहर का समय सबसे शुभ माना गया है। ऐसे में आज अभिजीत मुहूर्त में गणपति की स्थापना के लिए सबसे अच्छा मुहूर्त होगा। आज अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 54 मिनट से शुरू होकर दोपहर 12 बजकर 44 मिनट तक रहेगा। इसके अलावा आज गणपति जी की मूर्ति स्थापना तीन शुभ मुहूर्त में कर सकते हैं।

  • सुबह- 8 से 9.30 तक
  • मध्याह्र काल-11.20 से 1.40 तक
  • दोपहर- 2 से शाम 5.30 तक

इस वर्ष गणेश चतुर्थी पर ‘सुमुख योग’ बन रहा है, जो भगवान गणेश के एक नाम से भी जुड़ा हुआ है। सुमुख योग में भगवान गणेश की पूजा अत्यधिक शुभ मानी जाती है। इसके अलावा, बुधादित्य, सर्वार्थसिद्धि और पारिजात योग भी बन रहे हैं, जो इस दिन की पूजा को और भी महत्वपूर्ण बना रहे हैं। इन योगों के दौरान भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना और पूजा विशेष रूप से फलदायी मानी जाती है।

Ganesh Chaturthi 2024: गणपति स्थापना पूजा विधि
गणेश चतुर्थी की पूजा और मूर्ति स्थापना के लिए विशेष विधान है। भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना से पहले पूजा स्थल की साफ-सफाई करनी चाहिए और शुद्ध स्थान का चयन करना चाहिए। इसके बाद, शास्त्रों में वर्णित षोडशोपचार विधि से भगवान गणेश की पूजा करें। नीचे दी गई विधि के अनुसार गणपति स्थापना करें:

  1. स्नान और शुद्धि: पूजा से पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  2. पूजा स्थल की शुद्धि: जिस स्थान पर गणपति की मूर्ति स्थापित करनी है, वहां पर साफ-सफाई करें और मूर्ति स्थापना के लिए एक स्वच्छ आसन बिछाएं।
  3. मूर्ति स्थापना: भगवान गणेश की मूर्ति को आसन पर स्थापित करें। मूर्ति की आंखों पर बंधी लाल पट्टी को हटा दें और भगवान गणेश का आवाहन करें।
  4. षोडशोपचार पूजा: भगवान गणेश को धूप, दीप, पुष्प, और नैवेद्य अर्पित करें। उनके प्रिय भोग, जैसे मोदक, लड्डू, केला, नारियल, चावल की खीर आदि अर्पित करें।
  5. मंत्र जाप: भगवान गणेश के विशेष मंत्रों का जाप करें। उदाहरण के लिए:
    • वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
      निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥
    • एकदन्तं महाकायं लम्बोदरगजाननम्ं।
      विघ्नशकरं देवं हेरम्बं प्रणमाम्यहम्॥
  6. अंत में आरती: पूजा के अंत में भगवान गणेश की आरती करें और प्रसाद वितरण करें।

Ganesh Chaturthi 2024: भगवान गणेश को मोदक ही नहीं ये चीजें भी हैं प्रिय, गणेश पूजा में जरूर लगाएं भोग
गणेश चतुर्थी की पूजा में भगवान गणेश को उनके प्रिय भोग अर्पित करने का विशेष महत्व है। भगवान गणेश को मोदक अत्यधिक प्रिय हैं, लेकिन इसके अलावा और भी कई व्यंजन हैं जो उन्हें प्रसन्न कर सकते हैं। नीचे उनके प्रिय भोगों की सूची दी गई है:

  1. मोदक: गणेश जी का सबसे प्रिय भोग मोदक है। इसे गणेश चतुर्थी के दौरान विशेष रूप से अर्पित किया जाता है।
  2. पूरन पोली: महाराष्ट्र में पूरन पोली का विशेष महत्व है, जिसे गणेश जी को चढ़ाया जाता है।
  3. केला: पूजा में केले का भोग चढ़ाना भी बहुत शुभ माना जाता है।
  4. पंचमेवा: गणपति बप्पा को पंचमेवा का भोग अर्पित करना ग्रहों की अशुभता से मुक्ति दिला सकता है।
  5. चावल की खीर: चावल से बनी खीर में केसर और सूखा मेवा डालकर भगवान गणेश को अर्पित करना अत्यंत शुभ होता है।
  6. नारियल: नारियल को कल्पवृक्ष भी कहा जाता है और यह भगवान गणेश का प्रिय फल है।
  7. लड्डू: बेसन और मोतीचूर के लड्डू गणपति जी को बहुत पसंद हैं। पूजा में उन्हें अर्पित करें।

Ganesh Chaturthi 2024: गणेश चतुर्थी पर आज राशि अनुसार करें उपाय, बप्पा होंगे प्रसन्न 
गणेश चतुर्थी पर हर राशि के जातकों के लिए विशेष पूजा और भोग के उपाय बताए गए हैं, जो भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए किए जा सकते हैं। नीचे राशि अनुसार गणेश चतुर्थी के कुछ उपाय दिए गए हैं:

  1. मेष राशि: गणेश जी के वक्रतुण्ड रूप की पूजा करें और गुड़ का भोग लगाएं।
  2. वृषभ राशि: गणेश जी के विनायक रूप की पूजा करें और मिश्री अर्पित करें।
  3. मिथुन राशि: मूंग के लड्डुओं का भोग चढ़ाएं और जरूरतमंदों को दान करें।
  4. कर्क राशि: गणपति बप्पा को 11 मोदक का भोग लगाएं और 11 कन्याओं को मोदक खिलाएं।
  5. सिंह राशि: गणेश जी को किशमिश डालकर खीर का भोग लगाएं।
  6. कन्या राशि: गणेश जी के बाल स्वरूप की पूजा करें और सुखे मेवे का भोग लगाएं।
  7. तुला राशि: गणेश चतुर्थी के 10 दिनों तक 5 नारियल चढ़ाएं और घी का दीपक जलाएं।
  8. वृश्चिक राशि: ‘श्वेतार्क गणेश’ रूप की तिल चढ़ाते हुए पूजा करें।
  9. धनु राशि: ‘ॐ गं गणपतय: नमः’ मंत्र का 21 बार जाप करें और केसरयुक्त मोदक का भोग लगाएं।
  10. मकर राशि: गणेश जी को इलायची, लौंग और पीले फूल अर्पित करें।
  11. कुंभ राशि: मंदिर में दान करें और मोदक का भोग लगाएं।
  12. मीन राशि: ‘हरिद्रा गणेश’ की पूजा करें और शहद और केसर चढ़ाएं।

गणेश चतुर्थी के दस दिनों के महोत्सव में भगवान गणेश की पूजा और उनकी कृपा प्राप्ति के लिए भक्त श्रद्धा और भक्ति से पूजा करें।

Ankita Sharma

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