कवर्धा में ‘हनुमंत वाटिका’ का भव्य लोकार्पण, बस्तर में ऐतिहासिक नक्सल समर्पण के बाद गृहमंत्री विजय शर्मा का हुआ गौरवपूर्ण स्वागत
भक्ति, संस्कृति और विकास का संगम बना कवर्धा; वैदिक मंत्रोच्चार, हनुमान चालीसा, महाआरती और आतिशबाज़ी से गूंजा पूरा नगर; 210 सशस्त्र नक्सलियों ने हथियार डाल शांति की राह चुनी, कवर्धा ने गर्व से मनाया यह विजय क्षण


कवर्धा। शनिवार की शाम कवर्धा के नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गई। एक ओर नगर का हृदय स्थल “हनुमंत वाटिका” श्रद्धा और सौंदर्य के संगम के रूप में लोकार्पित हुआ, वहीं दूसरी ओर बस्तर में 210 सशस्त्र नक्सलियों के ऐतिहासिक आत्मसमर्पण के बाद प्रदेश के गृहमंत्री एवं उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा का कवर्धा आगमन पर हुआ विजय स्वागत पूरे नगर को गर्व और गौरव से भर गया।
कवर्धा इस दिन भक्ति के दीप और विकास के प्रकाश से एक साथ जगमगा उठा।
वैदिक मंत्रोच्चार के बीच हुआ ‘हनुमंत वाटिका’ का शुभारंभ
नगर के मध्य स्थित नवीन विकसित “हनुमंत वाटिका” का शुभारंभ वैदिक ब्राह्मणों के पवित्र मंत्रोच्चार के बीच संपन्न हुआ। भक्ति रस में डूबे श्रद्धालुओं की उपस्थिति में भगवान श्री हनुमान जी की विशाल प्रतिमा का अनावरण उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने किया।
सैकड़ों की संख्या में उपस्थित जनसमूह “जय बजरंग बली” के उद्घोष के साथ भक्ति में लीन हो गया।
पारंपरिक परिधान में पहुंचे उपमुख्यमंत्री, बोले— ‘यह केवल पार्क नहीं, आस्था का प्रतीक है’
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा पारंपरिक केसरिया परिधान में जब कार्यक्रम स्थल पहुंचे, तो पूरा परिसर तालियों और जयघोष से गूंज उठा।
वाटिका का लोकार्पण करते हुए उन्होंने कहा हनुमंत वाटिका केवल एक उद्यान नहीं, बल्कि कवर्धा की आस्था, संस्कृति और स्वच्छता का प्रतीक है। जहां कभी अव्यवस्था और अंधकार था, वहां आज श्रद्धा और सौंदर्य का प्रकाश है। यह स्थल नगर की पहचान बनेगा।
राजीव लोचन दास महाराज ने दिया आशीर्वचन, गूंज उठा पूरा वातावरण
कार्यक्रम में दक्षिण कौशल पीठाधीश्वर राजीव लोचन दास महाराज ने आशीर्वचन देते हुए कहा जहां हनुमान भक्ति होती है, वहां शक्ति, शांति और सेवा का प्रवाह होता है। इसके पश्चात सामूहिक हनुमान चालीसा पाठ हुआ, जिसमें पूरा परिसर “जय हनुमान ज्ञान गुन सागर” के स्वर से गूंज उठा। श्रद्धालु गहन भक्ति में लीन रहे।
महाआरती और आतिशबाज़ी ने सजाई कवर्धा की शाम
संध्या आरती के समय दीपों की लौ, शंखध्वनि और घंटियों की गूंज ने वातावरण को दिव्यता से भर दिया। जैसे ही महाआरती संपन्न हुई, आकाश में रंग-बिरंगी आतिशबाज़ी ने कवर्धा की रात को रोशन कर दिया। भक्ति, उल्लास और सौंदर्य का यह संगम लंबे समय तक नगरवासियों की स्मृतियों में बस गया।
‘हनुमंत वाटिका’ बनी श्रद्धा और सौंदर्य का नया केंद्र
जहां कभी झोपड़ीनुमा दुकानें और अव्यवस्था थी, वहां अब नगर पालिका परिषद द्वारा विकसित “हनुमंत वाटिका” नया आकर्षण बन चुकी है। वाटिका में हरियाली, वॉकिंग ट्रैक, ओपन जिम, बच्चों के झूले, फिसलपट्टी और विशाल हनुमान प्रतिमा जैसे आकर्षण हैं।
नगर पालिका अध्यक्ष चंद्रप्रकाश चंद्रवंशी ने कहा हनुमंत वाटिका कवर्धा की सुंदरता और आध्यात्मिकता दोनों को नई पहचान दे रही है। यह आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत बनेगी।
निर्माणकर्ताओं को मिला सम्मान
इस अवसर पर वाटिका के मूर्तिकार धनेश चंद्रवंशी, चित्रकार योगेश साहू, और निर्माण कार्य के पर्यवेक्षक बलविंदर खुराना को उपमुख्यमंत्री और संत-महात्माओं ने सम्मानित किया। इनकी कला और समर्पण ने कवर्धा को एक नया आध्यात्मिक स्थल प्रदान किया है।
बस्तर में नक्सल समर्पण की ऐतिहासिक गूंज, कवर्धा ने गृहमंत्री विजय शर्मा का किया भव्य अभिनंदन
बस्तर में नक्सल उन्मूलन अभियान ने इतिहास रच दिया, जब 210 सशस्त्र नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया। इस ऐतिहासिक सफलता के बाद जब गृहमंत्री एवं कवर्धा विधायक विजय शर्मा नगर पहुंचे, तो सिग्नल चौक पर नागरिकों का अभूतपूर्व जनसैलाब उमड़ पड़ा। जयघोष, पुष्पवर्षा और गजमालाओं के बीच पूरे नगर ने उनका विजय स्वागत किया।
शहीदों की प्रतिमा पर माल्यार्पण से प्रारंभ हुआ कार्यक्रम
कार्यक्रम का शुभारंभ शहीदों की प्रतिमा पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन से हुआ। इसके बाद विभिन्न सामाजिक संगठनों और जनप्रतिनिधियों ने गृहमंत्री को शॉल, श्रीफल और गजमाला पहनाकर सम्मानित किया। पूरा कवर्धा “भारत माता की जय” और “विजय शर्मा जिंदाबाद” के नारों से गूंज उठा।
“नक्सलवाद के विरुद्ध यह जीत समाज की जीत है” — विजय शर्मा
गृहमंत्री विजय शर्मा ने नागरिकों को संबोधित करते हुए कहा यह जीत केवल सरकार की नहीं, बल्कि शांति और विकास की राह चुनने वाले पूरे समाज की जीत है। छत्तीसगढ़ में स्थायी शांति स्थापना और हर नागरिक की सुरक्षा हमारा संकल्प है। उनके इस वक्तव्य पर भीड़ ने तालियों की गूंज से समर्थन जताया। कवर्धा में माहौल गर्व और उत्साह से सराबोर रहा।
भक्ति और विकास का एक साथ उत्सव
एक ही दिन में कवर्धा ने दो ऐतिहासिक क्षण देखे एक ओर ‘हनुमंत वाटिका’ का लोकार्पण नगर को आध्यात्मिक गौरव प्रदान कर गया,
तो दूसरी ओर बस्तर के नक्सल समर्पण ने प्रदेश को शांति और विश्वास का नया अध्याय दिया। कवर्धा अब केवल सांस्कृतिक नगरी नहीं, बल्कि आस्था, सौंदर्य और विकास का प्रतीक बन चुका है।
कवर्धा का स्वर्णिम दिन, जब भक्ति भी फूली और विश्वास भी जीता
कवर्धा का यह दिन छत्तीसगढ़ के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में दर्ज हो गया। एक ओर “हनुमंत वाटिका” ने नगर को नई पहचान दी, तो दूसरी ओर गृहमंत्री विजय शर्मा के नेतृत्व में प्रदेश ने नक्सल उन्मूलन की दिशा में बड़ा कदम बढ़ाया। भक्ति और विकास का यह संगम कवर्धा की आत्मा में सदैव जीवित रहेगा।






