मवेशी खुले में छोड़े तो नहीं बख्शे जाएंगे पशुपालक – कवर्धा कलेक्टर का सख्त आदेश, तुरंत जानें क्या होगी कार्रवाई


कवर्धा। सड़कों पर आवारा मवेशी के कारण बढ़ती दुर्घटनाओं और जन-धन हानि पर अब कबीरधाम प्रशासन ने कड़ा रुख अपना लिया है। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी गोपाल वर्मा (I.A.S.) ने आदेश जारी किया, जिसमें पशुपालकों के लिए पंजीयन और ईयर टैग को अनिवार्य बना दिया गया है। आदेश का सीधा असर जिले के हर गांव और कस्बे पर होगा।
पशुओं का पंजीयन अनिवार्य, सूचना देना होगा जरूरी
कलेक्टर वर्मा ने आदेश में कहा है कि अब जिले के प्रत्येक पशुपालक को अपने मवेशियों का पंचायत स्तर पर पंजीयन कराना होगा। पशु का जन्म, मृत्यु और खरीदी-बिक्री की सूचना 15 दिनों के भीतर पंचायत को देना अनिवार्य होगा। यह नियम सीधे तौर पर पशुपालकों की जिम्मेदारी तय करेगा।
ईयर टैग के बिना नहीं होगी खरीदी-बिक्री
हर मवेशी पर ईयर टैग लगाना जरूरी होगा और अगर टैग गुम हो जाए तो सात दिनों के भीतर नया टैग लगवाना पड़ेगा। जिले में लगने वाले पशु बाजारों में बिना ईयर टैग और पंजीकरण वाले मवेशियों की खरीद-फरोख्त पर रोक लगा दी गई है। बाजार में होने वाले हर लेन-देन की जानकारी पंचायत और पशु चिकित्सा विभाग तक पहुंचाना अनिवार्य किया गया है।
चरवाहे के बिना खुला छोड़ना अपराध
अब मवेशियों को चरवाहे के बिना खुला छोड़ना पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। प्रशासन का मानना है कि यह कदम सड़कों पर सुरक्षा बढ़ाने और दुर्घटनाओं को रोकने के लिए बेहद जरूरी है।
कानून तोड़ा तो होगी कड़ी कार्रवाई
कलेक्टर ने स्पष्ट किया कि आदेश की अनदेखी करने वालों पर भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 291, पशु क्रूरता अधिनियम 1960 और पशु अतिचार अधिनियम 1871 सहित विभिन्न धाराओं के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी। आदेश को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है।
जनता की सुरक्षा के लिए ऐतिहासिक कदम
पिछले कुछ महीनों में जिले में आवारा मवेशियों के कारण कई सड़क हादसे हुए हैं, जिनमें लोगों की जान भी गई और आर्थिक नुकसान भी हुआ। प्रशासन को उम्मीद है कि इस आदेश से न केवल दुर्घटनाओं में कमी आएगी बल्कि सड़क पर चलने वाले आम नागरिकों को भी राहत मिलेगी।
