खाद्य विभाग के एप का सच: सही ढंग से काम नहीं करने के कमेंट अधिक, प्ले स्टोर में रेटिंग मात्र 3.4
अगज-गजब तारीख: नवीनीकरण 15 तक ही, केवाईसी 29 तक

कवर्धा
सार्वजनिक वितरण प्रणाली अंतर्गत प्रचलित सभी राशनकार्ड का नवीनीकरण अभियान 25 जनवरी से प्रारंभ है। पहली बार खाद्य विभाग ने नवीनीकरण आवेदन के लिए मोबाइल एप लांच किया है। इसके अलावा राशन दुकानों में भी नवीनीकरण के लिए आवेदन लिए जा रहे हैं। आवेदन की प्रक्रिया ऑनलाइन है। यहीं कारण है कि राशनकार्ड नवीनीकरण में सर्वर की दिक्कत सामने आ रही है। स्थिति ऐसी है कि गूगल प्ले स्टोर में खाद्य विभाग के इस एप को 5 में 3.4 रेटिंग मिली है। इसके अलावा इस एप को लेकर 500 से अधिक लोगों ने कई प्रकार के कमेंट किए है।
ज्यादातर लोगों का कहना है कि यह एप सही ढंग से काम नहीं कर रहा है। इस एप में दो तरीके से आवेदन की सुविधा है, पहला राशनकार्ड में छपे क्यू आर कोड को एप से स्केन कर किया जा सकता है। इसके अलावा मोबाइल नंबर व राशनकार्ड नंबर से आवेदन किया जा सकता है। लेकिन, सर्वर के चक्कर दोनों काम ही नहीं हो पा रहे है। स्थिति ऐसी है कि पूरे जिले में 2 लाख 53 हजार 689 कार्ड में से 91 हजार 263 हितग्राही अब तक आवेदन नहीं कर सके हैं। केवाईसी व मोबाइल नंबर अपडेट कराने लोगों को खाद्य विभाग के कार्यालय का चक्कर काटना पड़ रहा है।
राशनकार्ड नवीनीकरण कार्य के लिए एक अजब-गजब नियम बना है। खाद्य विभाग के अनुसार नवीनीकरण के लिए हितग्राही द्वारा आवेदन 15 फरवरी तक लिया जाएगा। नवीनीकरण के लिए आवेदन वहीं कर सकते है,जिनका केवाईसी हो चुका है। केवाईसी की अंतिम तारीख 29 फरवरी है। जबकि, नवीनीकरण आवेदन 15 फरवरी तक है। इस नियम के चक्कर में दिक्कत होना तय है। इसी प्रकार विभाग का दावा था कि नवीनीकरण बाद राशनकार्ड का वितरण एक फरवरी से 29 फरवरी तक किया जाएगा। लेकिन, अभी तक एक भी राशनकार्ड का पीडीएफ प्रिंट नहीं हुआ है। जिले के सभी ब्लॉक में आवेदन का दौर जारी है। नवीनीकरण आवेदन के मामले में बोड़ला व पंडरिया ब्लॉक पीछे है। जानकारी अनुसार 6 फरवरी की स्थिति में कवर्धा ब्लॉक में 22038 सहसपुर लोहारा ब्लॉक 10406, पंडरिया ब्लॉक में 29613 व बोड़ला ब्लॉक में 29206 आवेदन अभी तक नहीं आए है। ओवरऑल पूरे जिले में 91 हजार 263 हितग्राहियों के आवेदन सर्वर व कई समस्या के कारण नहीं भरे गए है।
सर्वर के अलावा मोबाइल नंबर व केवाईसी की दिक्कत को पहले ही दूर किया जा सकता था। लेकिन, विभाग के अफसरों व खुद सरकारी राशन दुकान संचालकों द्वारा ध्यान नहीं दिया गया। अब समस्या आने के बाद खाद्य विभाग के कार्यालय में हितग्राहियों को भेजा जा रहा है। जबकि, यही हितग्राही हर माह अपने दुकान से अंगूठा लगाकर राशन लेते थे। उसी समय ही राशन दुकानों में हितग्राही को केवाईसी व मोबाइल नंबर के संबंध में बता दिया जाता तो आज ये समस्या नहीं आती। जिला स्तर पर भी अफसरों ने ध्यान नहीं दिया।
इस तरह आ रही परेशानी
- राशनकार्डधारी के मोबाइल नंबर से लॉग इन नहीं हो रहा। क्योंकि, लॉग इन करते समय किसी दूसरे का नंबर बता रहा है। ऐसे में लोग अपने मोबाइल नंबर को अपडेट कराने आवेदन दे रहे।
- कई लोगों का केवाईसी नहीं हुआ है। जबकि, लोगों का कहना है कि वे पूर्व में केवाईसी करा चुके है। नवीनीकरण के लिए आवेदन कर रहे तो केवाईसी नहीं होने की जानकारी दी जा रहीं है। फिर से केवाईसी कराना पड़ रहा।
- कई लोगों का क्यू आर सही ढंग से दिखाई नहीं दे रहा। इस कारण नए क्यू आर के लिए कार्यालय आना पड़ रहा है।