कवर्धा में भू अमृत किसान सम्मेलन एवं उन्नयन कार्यक्रम का हुआ आयोजन, जैविक खेती और आधुनिक तकनीकों पर किसानों को दी गई प्रशिक्षण


कवर्धा। कबीरधाम जिले के कवर्धा स्थित होटल रोयल सेलिब्रेशन में आज भू अमृत किसान सम्मेलन एवं उन्नयन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य किसानों को रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता कम कर जैविक खेती अपनाने के लिए जागरूक करना रहा।
कार्यक्रम में दिल्ली और इंदौर से आए कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को “भू अमृत” की विशेषताओं और उसके प्रयोग की विधियों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। रिसर्च एंड डेवलपमेंट हेड विश्राम पाल, आनंद ताम्रकार, मार्केटिंग हेड, डिजिटल एग्रीकल्चर एक्सपर्ट महेश गोटे ने बताया कि भू अमृत केवल जैविक खाद नहीं है, बल्कि यह मिट्टी की गुणवत्ता को सुधारने का एक प्रभावशाली जैविक समाधान है। इससे मिट्टी की उर्वरक क्षमता बढ़ती है और रासायनिक उर्वरकों की जरूरत धीरे-धीरे कम हो जाती है।
सम्मेलन में “इंटीग्रेटेड न्यूट्रिएंट मैनेजमेंट (INM)” पर विशेष बल दिया गया, जिसके तहत 50% जैविक और 50% रासायनिक खाद के संतुलित उपयोग की सिफारिश की गई। साथ ही, मिट्टी परीक्षण के आधार पर खाद प्रबंधन की विधियों पर भी चर्चा हुई।
किसानों को खेती में उपयोग हो रही नई तकनीकों की जानकारी भी दी गई। इसमें सैटेलाइट आधारित खेत विश्लेषण, मोबाइल ऐप से मिट्टी और फसल की निगरानी, और सेंसर आधारित सिंचाई प्रणाली शामिल हैं। इन तकनीकों से खेती अधिक सटीक, टिकाऊ और लाभदायक बन सकती है।
कार्यक्रम के अंत में प्रश्नोत्तर सत्र का आयोजन किया गया, जिसमें किसानों ने खेती से जुड़ी अपनी समस्याएं वैज्ञानिकों के समक्ष रखीं और उनके समाधान प्राप्त किए। यह सम्मेलन किसानों के लिए एक उपयोगी मंच साबित हुआ, जहाँ उन्हें खेती के पारंपरिक तरीकों के साथ-साथ आधुनिक और टिकाऊ विकल्पों की भी जानकारी मिली।
इस अवसर पर जिला पंचायत के कृषि सभापति रामकुमार भट्ट, पूर्व विधायक मोतीराम चंद्रवंशी, राज्यपाल सम्मानित आदिति कश्यप, राज्य कृषि सम्मान प्राप्त किसान शिवकुमार चंद्रवंशी, रुपेन्द्र जायसवाल सहित बड़ी संख्या में जिले के अग्रणी किसान उपस्थित रहे। उन्होंने किसानों को जैविक खेती को अपनाने और आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित किया।
