प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पोलैंड और यूक्रेन यात्रा: राजनयिक संबंधों को नई दिशा

नई दिल्ली – प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज पोलैंड गणराज्य और यूक्रेन की आधिकारिक यात्रा पर प्रस्थान किया। यह यात्रा दोनों देशों के साथ भारत के कूटनीतिक और आर्थिक संबंधों को और मजबूती प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। प्रधानमंत्री का यह दौरा तब हो रहा है, जब भारत और पोलैंड अपने राजनयिक संबंधों के 70 साल पूरे कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने प्रस्थान वक्तव्य में कहा, “मेरी पोलैंड यात्रा ऐसे समय हो रही है, जब हम अपने राजनयिक संबंधों के 70 वर्ष पूरे कर रहे हैं। पोलैंड मध्य यूरोप में भारत का एक प्रमुख आर्थिक भागीदार है।” उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि लोकतंत्र और बहुलतावाद के प्रति दोनों देशों की पारस्परिक प्रतिबद्धता हमारे संबंधों को और मजबूत बनाती है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पोलैंड में अपने समकक्ष, प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क और राष्ट्रपति आंद्रेज डूडा से मुलाकात करेंगे। इस यात्रा के दौरान, वे पोलैंड में बसे जीवंत भारतीय समुदाय के सदस्यों से भी बातचीत करेंगे। यह यात्रा भारत-पोलैंड के संबंधों को नई ऊँचाइयों पर ले जाने के उद्देश्य से की जा रही है।
पोलैंड की यात्रा के बाद, प्रधानमंत्री यूक्रेन का दौरा करेंगे, जो किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री की यूक्रेन की पहली आधिकारिक यात्रा होगी। उन्होंने इस यात्रा के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा, “मैं राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की के निमंत्रण पर यूक्रेन का दौरा करूंगा। यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यूक्रेन की पहली यात्रा है।”
प्रधानमंत्री यूक्रेन में जारी संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान के लिए अपने दृष्टिकोण को साझा करने और द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूत करने पर चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा, “एक मित्र और भागीदार के रूप में, हम इस क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता की शीघ्र वापसी की आशा करते हैं।”
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की यह यात्रा भारत और दोनों देशों के बीच गहरे संबंधों को और सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। इस यात्रा से न केवल द्विपक्षीय संबंधों को नई गति मिलेगी, बल्कि भविष्य में अधिक जीवंत और मजबूत संबंधों की नींव भी रखी जाएगी।
प्रधानमंत्री की इस यात्रा को लेकर कूटनीतिक और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों की ओर से काफी उम्मीदें जताई जा रही हैं, और यह दोनों देशों के साथ भारत के संबंधों को नई दिशा देने में महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।