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छत्तीसगढ़ में ऊर्जा क्रांति: 3 लाख करोड़ का निवेश, चार तरह के पावर प्लांट से बनेगी अपार ऊर्जा; छत्तीसगढ़ एनर्जी इंवेस्टर्स समिट में अदानी, जिंदल और एनटीपीसी समेत कई कंपनियों ने किया निवेश का ऐलान

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रायपुर छत्तीसगढ़ में ऊर्जा क्षेत्र में ऐतिहासिक निवेश की घोषणा की गई है। राजधानी रायपुर में आयोजित ‘छत्तीसगढ़ एनर्जी इंवेस्टर्स समिट’ में अदानी, जिंदल और एनटीपीसी समेत कई बड़ी कंपनियों ने 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश का ऐलान किया। इस निवेश से राज्य में परमाणु, थर्मल, सौर और पंप्ड स्टोरेज के जरिए बिजली उत्पादन के नए प्रोजेक्ट शुरू होंगे। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि यह निवेश छत्तीसगढ़ को ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाएगा और पूरे देश के लिए ऊर्जा हब के रूप में स्थापित करेगा।

ऊर्जा उत्पादन क्षमता को बढ़ाने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है। वर्तमान में छत्तीसगढ़ 30,000 मेगावाट बिजली का उत्पादन कर रहा है, जो देश के औसत से अधिक है। इस नए निवेश के तहत परमाणु, तापीय, सौर और जलविद्युत ऊर्जा परियोजनाएं शुरू की जाएंगी, जिससे बिजली की आपूर्ति को स्थिर और सुलभ बनाया जाएगा।

परमाणु ऊर्जा:

  • एनटीपीसी ₹80,000 करोड़ की लागत से 4200 मेगावाट का न्यूक्लियर पावर प्रोजेक्ट स्थापित करेगा।

थर्मल पावर:

  • अदानी पावर ₹66,720 करोड़ से कोरबा, रायगढ़ और रायपुर में 1600-1600 मेगावाट के तीन थर्मल पावर प्लांट लगाएगा।
  • जिंदल पावर रायगढ़ में ₹12,800 करोड़ की लागत से 1600 मेगावाट बिजली उत्पादन करेगा।
  • सरदा एनर्जी ₹5,300 करोड़ की लागत से 660 मेगावाट का प्लांट स्थापित करेगी।
  • एनटीपीसी और सीएसपीजीसीएल ₹41,120 करोड़ की लागत से 4500 मेगावाट बिजली उत्पादन करेंगे।

सौर ऊर्जा:

  • जिंदल पावर और एनटीपीसी ग्रीन ₹10,000 करोड़ की लागत से 2500 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन करेंगे।
  • पीएम कुसुम योजना के तहत ₹4,100 करोड़ की लागत से 675 मेगावाट सौर ऊर्जा और 20,000 सोलर पंप लगाए जाएंगे।

छत्तीसगढ़ में ऊर्जा क्रांति: 3 लाख करोड़ का निवेश, चार तरह के पावर प्लांट से बनेगी अपार ऊर्जा; छत्तीसगढ़ एनर्जी इंवेस्टर्स समिट में अदानी, जिंदल और एनटीपीसी समेत कई कंपनियों ने किया निवेश का ऐलान

पंप्ड स्टोरेज परियोजनाएं (PSP):

  • एसजेएन कोटपाली में 1800 मेगावाट और जिंदल रिन्यूएबल द्वारा 3000 मेगावाट की परियोजनाएं शुरू होंगी।

ऊर्जा वितरण और बुनियादी ढांचे का आधुनिकीकरण:

  • बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली (BESS): ₹2,600 करोड़ की लागत से ग्रिड स्थिरता के लिए ऊर्जा भंडारण।
  • पावर ट्रांसमिशन नेटवर्क: ₹17,000 करोड़ की लागत से बिजली पारेषण में सुधार।
  • RDSS (वितरण क्षेत्र योजना): ₹10,800 करोड़ की लागत से बिजली वितरण व्यवस्था को उन्नत किया जाएगा।

छत्तीसगढ़ को होगा बहुआयामी लाभ

इस निवेश से छत्तीसगढ़ में औद्योगिक विकास को गति मिलेगी, किसानों को सस्ती बिजली मिलेगी और युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। साथ ही, यह पहल छत्तीसगढ़ को ग्रीन एनर्जी हब बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि यह निवेश छत्तीसगढ़ को ऊर्जा उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ देशभर में ऊर्जा आपूर्ति का केंद्र बनाएगा। इस महत्वाकांक्षी योजना के जरिए छत्तीसगढ़ जल्द ही देश के अग्रणी ऊर्जा उत्पादक राज्यों में शुमार हो जाएगा।

News Desk

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