डेंगू के 6 संभावित मरीज मिले, इनमें 4 एक ही परिवार के, एलीजा टेस्ट कराने भेजे सैंपल
प्रभावित वार्ड में नालियों की सफाई की गई: वर्मा

शहर के वार्ड- 26 में नवीन बाजार एरिया में डेंगू के 6 संभावित मरीज मिले हैं। इनमें से 4 मरीज एक ही परिवार के हैं। शेष दो मरीज अलग-अलग घरों से हैं। एलीजा टेस्ट से डेंगू की पुष्टि होगी। इसके लिए मरीजों से लिए गए सैंपल को जांच के लिए लैब भेजा गया है। मरीजों के मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर है।
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक डेंगू के कुल 6 संभावित मरीज मिले हैं। इनमें एक लड़की रायपुर में पढ़ाई करती है और दूसरी जगदलपुर में रहती है। ये दोनों दिवाली मनाने के लिए अपने घर आई थी। एक लड़की समेत उसके परिवार के 3 अन्य सदस्यों को तेज बुखार होने पर इलाज कराने गए। स्वास्थ्य टीम के सर्वे में मरीजों के ब्लड स्लाइड टेस्ट में डेंगू का पता चला है। हालांकि डब्ल्यूएचओ (वर्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन) के गाइडलाइन के अनुसार एलीजा टेस्ट से बीमारी की पुष्टि के निर्देश हैं। इसलिए फिलहाल इन मरीजों को संभावित डेंगू माना जा रहा है और एलीजा टेस्ट से पुष्टि करने सैंपल जिला अस्पताल की लैब भेजा गया है। ऐहतियात के लिए प्रभावित वार्ड में घर-घर सर्वे शुरू किया गया है।
नगर पालिका सीएमओ नरेश कुमार वर्मा का कहना है कि डेंगू के संभावित मरीज मिलने पर प्रभावित वार्ड व नवीन बाजार एरिया में सफाई कराई गई है। नालियों में डीडीटी पाउडर का छिड़काव और फॉगिंग कराई गई है।
शहर के सभी 27 वार्डों में गंदी नालियों की नियमित सफाई नहीं हो रही है। इससे मलेरिया व डेंगू फैलाने वाले मच्छर पनप रहे हैं। मच्छरों को मारने के लिए नगर पालिका के पास 4 फॉगिंग मशीन है। वार्डों में फॉगिंग कराने के लिए नगर पालिका के बजट में 6 लाख का प्रावधान भी किया है। लेकिन राशि का उपयोग नहीं हो रहा। बताया जा रहा है कि जो 4 फॉगिंग मशीन है, उनमें से एक खराब भी है।
सफाई के लिहाज से शहर के 27 वार्डों को 3 जोन में बांटा गया है। प्रत्येक जोन में 9-9 वार्ड हैं। वहीं हर जोन में 8 सफाईकर्मी की ड्यूटी लगती है, जो कि वार्ड के क्षेत्रफल के हिसाब से पर्याप्त नहीं है। पर्याप्त सफाईकर्मी के अभाव में वार्डों में नालियों की नियमित सफाई नहीं हो पाती है। घर-घर कचरा कलेक्शन करने 8 ऑटो रिक्शा, 19 ई-रिक्शा, 20 रिक्शा चलाई जा रही है। इसके बाद भी नुक्कड़ों पर कचरा डंप रहता है। शिकायत के बाद भी सफाई नहीं की जाती है।
मलेरिया के मामले में कबीरधाम जिले का एपीआई (एरिया पॉजिटिव इंडेक्स) पिछले 5 साल में 1 से कम है। इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग अपनी पीठ थपथपा रहा है। एरिया पॉजीटिव इंडेक्स निकालने के लिए सबसे पहले मिले पॉजिटिव केस की संख्या में 1000 से गुणा किया जाता है। गुणा करने पर जितनी संख्या आती है, उसमें उस क्षेत्र की जनसंख्या में भाग देते हैं। प्राप्त संख्या ही वहां की एरिया पॉजीटिव इंडेक्स होती है। वर्ष 2018 में यह 0.94 थी, जो वर्ष 2022 में कम होकर 0.41 पर पहुंच गई है। वहीं वर्ष 2017 में यह सबसे ज्यादा 4.23 पर थी।