नक्सलियों ने पुलिस कैंप पर दागे 1 हजार BGL, VIDEO:बीजापुर-सुकमा सीमा पर मिले जिंदा बीजीएल के सेल; 3 नक्सली भी हुए थे ढेर
नक्सलियों ने करीब एक हजार BGL दागे, जिसका वीडियो सामने आया है।

छत्तीसगढ़ के बीजापुर-सुकमा जिले की सीमा पर स्थित धर्मावरम पुलिस कैंप पर करीब 400 नक्सलियों ने 16 जनवरी को करीब एक हजार BGL (बैरल ग्रेनेड लॉन्चर) दागे थे। पुलिस ने सर्चिंग के दौरान कैंप के पास से करीब 300 बीजीएल के जिंदा सेल बरामद किया है। कैंप लूटने की नियत से यह हमला किया गया था। अब इस हमले का वीडियो सामने आया है।
जानकारी के मुताबिक हमले के बाद दोनों तरफ से गोलीबारी हुई। जवाबी कार्रवाई में कोबरा की 204वीं और सीआरपीएफ की 151वीं बटालियन के जवानों ने 3 नक्सलियों को ढेर कर दिया था। जिसकी पुष्टि खुद नक्सलियों ने प्रेस नोट जारी कर किया था।

बताया जा रहा है कि धर्मावरम पुलिस कैंप के अंदर घुसने के लिए नक्सलियों ने जंगली घास से बने विशेष पोशाक पहना था। केबल कटर से कैम्प की सुरक्षा के लिए घेरे गए तार को काटकर वे अंदर दाखिल होना चाहते थे। नक्सलियों ने पूरे इलाके में जगह-जगह आईईडी भी लगा रखा था। माओवादियों ने बड़ी संख्या में जवानों को मारने और घायल करने का भी दावा किया था।

नक्सली प्रवक्ता ने जारी किया था प्रेस नोट
21 जनवरी को नक्सली प्रवक्ता समता ने प्रेसनोट जारी कर कहा था कि, 16 जनवरी को धर्माराम पुलिस कैंप पर नक्सलियों की PLGA ने हमला किया था। कई घंटे तक गोलीबारी भी हुई थी। लेकिन पुलिस की गोली लगने से उनके साथी करटम देवा, मड़कम देवा, मुचाकी चंदा की गोली लगने से मौत हो गई।

उसी रात नक्सली अपने तीनों साथियों के शवों को अपने साथ लेकर चले गए थे। जिसके बाद बस्तर के ही जंगलों में मारे गए इन तीनों नक्सलियों के शवों का अंतिम संस्कार भी कर दिया था। इन पर कितने रुपए का इनाम था, कौन-कौन सी बड़ी घटनाओं में शामिल थे अभी यह स्पष्ट नहीं है।
पुलिस कैंप पर हमला, गोलीबारी में 3 नक्सली ढेर: माओवादियों ने जारी की साथियों की तस्वीर, सालों से संगठन में कर रहे थे काम

छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में धर्माराम पुलिस कैंप पर 16 जनवरी को नक्सलियों ने हमला कर दिया था। दोनों तरफ से हुई गोलीबारी में पुलिस ने तीन नक्सलियों को ढेर कर दिया है। 21 जनवरी को नक्सलियों ने प्रेस नोट जारी कर मारे गए नक्सलियों की तस्वीर जारी की है। तीनों बड़े कैडर के नक्सली बताई जा रहे हैं, जो पिछले कई सालों से मावा संगठन से जुड़कर काम कर रहे थे।