रामनवमीं में बाल विवाह रोकने पैनी नजर

बाल विवाह की प्रभावी रोकथाम व त्वरित कार्यवाही के ग्राम जनपद और जिला स्तर पर टीम सक्रीय
कवर्धा। बाल विवाह की पूर्णतः रोकथाम के लिए सभी विभाग के अधिकारियों को रामनवमीं एवं अक्षय तृतिया के अवसर पर होने वाले सभी विवाह आयोजनों पर पैनी नजर रखी जा रही है।
प्राप्त निर्देशानुसार बाल विवाह के रोकथाम के लिए बाल विवाह प्रतिशेध अधिकारी नियुक्त किया गया है इसके लिये महिला एवं बाल विकास विभाग नोडल विभाग की भूमिका निभाती हैै। जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग ने बाल विवाह की संभावना को देखते हुए विवाह आयोजनों की निगरानी तथा जिला विकासखण्ड एवं पंचायत स्तरीय गठित बाल संरक्षण समितियों को बाल विवाह रोकथाम के लिए सक्रिय करने और उनके सहयोग के लिए जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी के नेतृत्व में जिला बाल संरक्षण इकाई के सभी अधिकारियों कर्मचारियों की दो अतिरिक्त दल बना कर ड्यूटी लगाई गई। जिसमें सत्यनारायण राठौर जिला बाल संरक्षण अधिकारी सुश्री क्रान्ति साहू संरक्षण अधिकारी संस्थागत राजाराम चंद्रवंषी संरक्षण अधिकारी अविनाश ठाकुर परामर्षदाता सुरेश साहू, श्रीमती नितिन किशोरी वर्मा आउटरिच वर्कर विनय जंघेल आउटरिच वर्कर है जो संबंधित क्षेत्र में रहकर बाल संरक्षण समितियों, बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारियों, विशेष किशोर पुलिस इकाई तथा सभी स्टेक होल्डरों के साथ समन्वय कर बाल विवाह रोकथाम के लिए सक्रिय रहकर निगरानी के लिए निर्देश दिया गया है।
बाल विवाह करवाता है, करता है अथवा उसमें सहायता करता है, को 2 वर्ष का कठोर कारावास अथवा जुर्माना 1 लाख रुपए तक हो सकता है
बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 अंतर्गत 21 वर्ष से कम उम्र के लड़के और 18 वर्ष से कम उम्र की लड़की के विवाह को प्रतिबंधित किया गया है तथा कोई व्यक्ति जो बाल विवाह करवाता है, करता है अथवा उसमें सहायता करता है, को 2 वर्ष का कठोर कारावास अथवा जुर्माना हो 1 लाख रूपये तक हो सकता है अथवा दोनो से दण्डित किया जा सकता है। बाल विवाह केवल एक समाजिक बुराई ही नही अपितु कानूनन अपराध भी है। बाल विवाह के कारण बच्चों में कुपोषण, शारीरिक दुर्बलता, शिक्षा का अभाव, मानसिक विकास में रूकावट, हिंसा व दुर्व्यवाहर, समयपूर्व गभवस्था, मातृ एवं शिशु मृत्यु दर के साथ घरेलू हिंसा में भी वृद्धि होती है, इसलिए इससे बचे।
लोकसभा निर्वाचन में दिव्यांग और बुजुर्ग मतदाताओं ने उत्साह और उमंग के साथ किया घर बैठे मतदान
जिले के दिव्यांग और बुजुर्ग मतदाताओं ने घर पर ही मतदान की सुविधा मिलने से निर्वाचन आयोग का आभार व्यक्त किया
दिव्यांग और बुजुर्गों ने कहा- होम वोटिंग की सुविधा वास्तव में बहुत ही आरामदायक एवं सुविधाजनक है
बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं ने जिलेवासियों से आगामी 26 अप्रैल को शत-प्रतिशत मतदान करने की अपील की
कवर्धा, 16 अप्रैल 2024। राजनांदगांव संसदीय क्षेत्र अंतर्गत कबीरधाम जिले के दोनों विधानसभा के दिव्यांग और 85 वर्ष से अधिक बुजुर्ग मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग कर लोकतंत्र में भागीदारी निभाई। जिले के वरिष्ठ और दिव्यांगजनों ने उत्साह और उमंग के साथ वोट डालकर सहभागिता निभाई। सभी ने निर्वाचन आयोग द्वारा घर पर ही मतदान की सुविधा मिलने से अपनी खुशी व्यक्त करते हुए मतदान दल के सभी सदस्यों का आभार व्यक्त किया। बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं ने जिलेवासियों से आगामी 26 अप्रैल को शत-प्रतिशत मतदान करने की अपील की।
राजनांदगांव संसदीय क्षेत्र के कबीरधाम जिले में 15 और 16 अप्रैल को मतदान दलों द्वारा घर-घर पहुंच कर पात्र मतदाताओं को मतदान करवाया गया एवं मतदाताओं ने पूर्ण उत्साह के साथ होम वोटिंग का लाभ उठाया। भारत निर्वाचन आयोग की इस पहल की मुक्तकंठ से प्रशंसा की उन्होंने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग ने बुजुर्गों एवं दिव्यांग को होम वोटिंग की जो सुविधा दी है वह वास्तव में बहुत ही आरामदायक एवं सुविधाजनक है। उन्होंने आयोग के इस नवाचार की सराहना की।
*85 वर्षीय बुजुर्ग ने की सराहना*
ग्राम निवासपुर निवासी फेकन बाई, ग्राम मानिकचौरी निवासी अवध साहू, रजनी साहू ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा की गई घर बैठें वोटिंग की व्यवस्था सराहनीय है। इसी कारण आज हम अपने मताधिकार का प्रयोग कर पाएं है। उन्होंने भारत निर्वाचन आयोग के इस नवाचार की सराहना की।
आयोग का नवाचार अभिनव
घर बैठे वोटिंग करने वाले ग्राम गांगीबहरा निवासी बुजुर्ग श्री साधुराम धुर्वे, ग्राम भीमपुरी निवासी राम निहोरा शर्मा, श्री रामजी चंद्रवंशी ने कहा कि चुनाव आयोग का ये अभिनव नवाचार है जिससे घर बैठे मतदान की सुविधा मिली है। उन्होंने आयोग को इसके लिए धन्यवाद प्रेषित किया।
वोट देने में मिली सुविधा
दिव्यांग वोटर श्री मनोज यादव ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग की वजह से अब मतदान करने जाने वक्त परेशान नहीं होना पड़ेगा घर पे वोट देने की सुविधा होने से लाभ मिला है। निर्वाचन आयोग की घर पहुंच सुविधा ने हमे अपने मन पसंद मुखिया चुनने का अवसर दिया है। यह हमारे लिए बहुत बड़ी बात है।
मतदान करना कर्तव्य नहीं बल्कि धर्म है
ग्राम रमपुरा निवासी श्रीमती दुलेश्वर ने कहा कि मतदान करना उनका कर्तव्य नहीं बल्कि उनका धर्म है। हम सभी को अपने मताधिकार का प्रयोग करना चाहिए, ताकि सबकी भागीदारी के साथ समावेशी विकास सुनिश्चित हो सके।
समाचार क्रमांक/000
।। लोकसभा निर्वाचन 2024 ।।
पंडरिया और कवर्धा विधानसभा के 159 दिव्यांग और 85 वर्ष से उपर बुजुर्ग मतदाताओं ने घर बैठे किया मतदान
बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं का स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण तरीके से मतदान कराया गया
अनुपस्थित मतदाताओं का 18 अप्रैल को पुनः कराया जाएगा मतदान
कवर्धा, 16 अप्रैल 2024। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी समय सारणी के मुताबिक कबीरधाम जिले के पंडरिया और कवर्धा विधानसभा क्षेत्र के चालीस प्रतिशत से उपर दिव्यांग और 85 वर्ष से उपर बुजुर्ग दिव्यांग मतदाताओं का मतदान दल के द्वारा स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण तरीके से मतदान कराया गया। आयोग के अनुपालन में कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री जनमेजय के निर्देश पर दोनो विधानसभा के 166 दिव्यांग और 85 वर्ष से अधिक बुजुर्ग मतदाताओं के लिए 21 रूट में मतदान दल रवाना किया गया था। 15 और 16 अप्रैल को 159 दिव्यांग और 85 वर्ष से उपर बुजुर्ग दिव्यांग मतदाताओं ने घर बैठे अपने मताधिकार का प्रयोग किया। 07 मतदाताओं ने मतदान नहीं कर पाएं। अनुपस्थित मतदाताओं को मतदान के लिए सूचना दी गई है। 18 अप्रैल को अनुपस्थित मतदाताओं को पुनः मतदान कराया जाएगा। दोनो विधानसभा क्षेत्र के सभी मतदान दल मतदान कराकर सकुशल लौट आएं है।
विधानसभा पंडरिया
विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 71 पंडरिया में कुल 36 मतदाता है, इसमें 85 वर्ष से अधिक 29 और 07 दिव्यांग मतदाता शामिल है। डाक मतपत्र के माध्यम से 15 और 16 अप्रैल को कुल 34 मतदाताओं ने मतदान किया। मतदान के लिए 02 मतदाता मतदान के लिए शेष बचे हुए है। शेष मतदाताओं को मतदान के लिए सूचना दी गई है।
विधानसभा कवर्धा
विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 72 कवर्धा में कुल 130 मतदाता है, इसमें 85 वर्ष से अधिक 91 और 39 दिव्यांग मतदाता शामिल है। डाक मतपत्र के माध्यम से 15 और 16 अप्रैल को कुल 125 मतदाताओं ने मतदान किया। मतदान के लिए 05 मतदाता मतदान के लिए शेष बचे हुए है। मतदाताओं को मतदान के लिए सूचना दी गई है।
15 अप्रैल को 77 दिव्यांग और 85 वर्ष से उपर बुजुर्ग मतदाताओं ने घर बैठे अपने मताधिकार का प्रयोग किया
15 अप्रैल को दोनों विधानसभा में कुल 77 दिव्यांग और 85 वर्ष से उपर बुजुर्ग मतदाताओं ने घर बैठे अपने मताधिकार का प्रयोग किया। विधानसभा पंडरिया में 18 और कवर्धा में 59 मतदाताओं ने मतदान किया। विधानसभा 71-पंडरिया के लिए 3 रूट और 72-कवर्धा के लिए 7 रूट निर्धारित किए गए थे। जहां मतदान दल द्वारा मतदान की प्रक्रिया कराई गई। इसके लिए 10 माइक्रो आब्जर्वर नियुक्त किए गए थे।