छत्तीसगढ़

देशी-विदेशी सैलानियों को लुभा रहा कोंडागांव:टाटामारी, कुएंमारी, मावा कोंडानार की खूबसूरती कर रही आकर्षित; ट्रैकिंग और कैंपिंग का उठा रहे लुत्फ

कोंडागांव जिला प्राकृतिक तौर पर बेहद खूबसूरत है। ये जिला प्राकृतिक संसाधनों के साथ ही अमूल्य सांस्कृतिक और पारंपरिक धरोहरों को समेटे हुए है। यहां की सुंदरता और संस्कृति न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि देश के अन्य राज्यों और विदेशी सैलानियों को भी खूब आकर्षित कर रही है।

इन दिनों कोंडागांव के विभिन्न टूरिस्ट प्लेस को देखने विदेशों से भी पर्यटक यहां पहुंच रहे हैं। फ्रांस से कोंडागांव पहुंचे अल्बाने और गेल ने बताया कि वे इससे पहले कई जगहों पर गए, लेकिन यहां आदिम परंपरा और लोगों की सादगी ने उनका दिल जीत लिया। आदिवासियों से मिलकर और उनकी दिनचर्या को पास से देखने का मौका मिला, जिससे उन्हें बहुत खुशी मिली।

फ्रांस से आई पर्यटक क्लेयर ने बताया कि वो 2 बार टाटामारी और कोंडागांव आ चुकी हैं। पहली बार जब वे अपने दोस्तों के साथ यहां आईं, तो उन्हें यहां की प्राकृतिक खूबसूरती इतनी अच्छी लगी कि बाद में वो अपनी मां को भी यहां लेकर आईं।

पर्यटकों ने मांझिनगढ़ के ऊपर कैम्पिंग करने के अनुभव को शानदार बताया।
पर्यटकों ने मांझिनगढ़ के ऊपर कैम्पिंग करने के अनुभव को शानदार बताया।

फिनलेंड के थॉमस, निकोडेम, टोपीयाज ने कहा कि कोंडागांव में स्थानीय युवाओं की मदद से हमने ट्रैकिंग की। जलप्रपातों और वनस्पतियों को देखा, साथ ही प्रकृति के बीच मांझिनगढ़ के ऊपर कैम्पिंग करने का अनुभव शानदार था।

सैलानियों ने बताया कि कोंडागांव की संस्कृति और प्राकृतिक सौंदर्य अपने आप में विलक्षण है। इन सभी संसाधनों से पहले पूरा विश्व अनजान था। अब जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए केन्द्रीय पर्यटन मंत्रालय के मार्गदर्शन में जिला प्रशासन ने मावा कोंडानार पर्यटन सर्किट का विकास किया है।

फ्रांस से कोंडागांव पहुंचीं सैलानियों ने बताया कि यहां आदिम परंपरा और लोगों की सादगी ने उनका दिल जीत लिया।
फ्रांस से कोंडागांव पहुंचीं सैलानियों ने बताया कि यहां आदिम परंपरा और लोगों की सादगी ने उनका दिल जीत लिया।

इस सर्किट के बन जाने से जिले में पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। यहां एक साल में 1 लाख से अधिक सैलानी आ चुके हैं। वहीं विदेशों से भी 50 से अधिक पर्यटक यहां आ चुके हैं।

युवाओं के बीच सिविल सेवाओं की तैयारी के लिए प्रसिद्ध असिस्टेंट प्रोफसर और कांउसलर डॉ विजेन्द्र सिंह चौहान हाल ही में बस्तर के प्रवास पर थे। उन्होंने अपने प्रवास की शुरुआत कोंडागांव जिले के टाटामारी पर्यटन स्थल से की। जैसे ही वे टाटामारी पहुंचे, यहां की नैसर्गिक सुंदरता को देखकर मंत्रमुग्ध हो गए।

कोंडागांव के विभिन्न टूरिस्ट प्लेस को देखने विदेशों से भी पर्यटक यहां पहुंच रहे हैं।
कोंडागांव के विभिन्न टूरिस्ट प्लेस को देखने विदेशों से भी पर्यटक यहां पहुंच रहे हैं।

उन्होंने यहां के कई वीडियो बनाए हैं। एक ट्रैवल ब्लॉगर की तरह उन्होंने अपने सोशल मीडिया पर वीडियो बनाकर डाला है, जिसमें उन्होंने यहां के बारे में बताया है। उन्होंने कहा कि अक्सर बस्तर को अशांति से जोड़ा जाता है, लेकिन टाटामारी को देखकर आप इसकी तुलना स्विटजरलैंड से कर सकते हैं।

जगदलपुर से कोंडागांव घूमने आए 36 सदस्यीय दल के महेश ने बताया कि उनके कार्यालय वर्म फाईनेंस के सभी लोगों ने जब यहां घूमने का प्लान बनाया, तो उस वक्त इसकी खूबसूरती का अंदाजा नहीं था। यहां सभी ने ट्रैकिंग के साथ मांझिनगढ़ के दृश्यों का आनंद लिया, जो अभूतपूर्व था।

टाटामारी में भी लगातार देशी-विदेशी पर्यटक पहुंच रहे हैं।
टाटामारी में भी लगातार देशी-विदेशी पर्यटक पहुंच रहे हैं।

लोगों को मिला आजीविका का नया साधन

इसी तरह नए साल के उत्सव में लिमदरहा में कैम्पिंग कर लोगों ने चंद्रमा और तारों को टेलीस्कोप से देखा। पिछले एक वर्ष में टाटामारी में 1 लाख से अधिक पर्यटक आए, वहीं कुएंमारी जलप्रपात को देखने 97 हजार, होनहेड़ जलप्रपात को देखने 72 हजार पर्यटक आए। इससे स्थानीय लोगों को भी आजीविका का नया साधन मिला है।

शिल्प नगरी के रूप में जाना जाता है कोंडागांव

कोंडागांव को शिल्प नगरी के रूप में जाना जाता है। इसे पर्यटन क्षेत्र में पहचान दिलाने के लिए समय-समय पर कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इसमें कोंडागांव हस्तशिल्प महोत्सव, जल जंगल यात्रा, कोंडागांव एडवेंचर फेस्टिवल, फायर फ्लाई ट्रेल, हेरिटेज वॉक, स्टार गेजिंग फेस्टिवल, भंगाराम यात्रा, मांझिनगढ़ वन महोत्सव, फ्रीडम ट्रैक जैसे आयोजन हैं।

क्या है मावा कोंडानार?

कोंडागांव जिले में पर्यटन की क्षमता के विकास और स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षण देकर रोजगार दिलाने के लिए काम किया जा रहा है। युवाओं को टूर गाइड, हॉस्पिटैलिटी और अन्य क्षेत्रों में काम करने का अवसर दिया जा रहा है।

स्थानीय महिला समूहों को पर्यटन क्षेत्रों के निकट जलपान व्यवस्था से रोजगार उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इस सर्किट में घुमाने के लिए स्थानीय युवाओं के पर्यटन समूहों की ओर से दो दिन का पैकेज तैयार किया गया है। इसमें टाटामारी में विश्राम, नाइट कैम्पिंग, स्टार गेजिंग, स्टोरी टेलिंग, बोन फायर, हर्बल टी, पारम्परिक आदिवासी भोजन, सूर्योदय का विहंगम दृश्य, मांझिनगढ़ में आदिम काल के शैल चित्र, सूर्यास्त के दृश्य के अलावा कुएंमारी, लिंगोदरहा, ऊपरबेदी और होनहेड़ जैसे सुंदर जलप्रपातों का भ्रमण कराया जाता है।

इस सर्किट के माध्यम से यहां के स्थानीय 40 से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष और 200 से अधिक लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिल रहा है। इस सर्किट में पर्यटन के लिए ऑनलाइन बुकिंग केशकाल ईको टूरिज्म की वेबसाइट पर उपलब्ध है।

Ankita Sharma

shatabditimes.page बदलते भारत की सबसे विश्वसनीय न्यूज़ पोर्टल है। सबसे सटिक और सबसे तेज समाचार का अपडेट पाने के लिए जुडिए रहिये हमारे साथ.. shatabditimes.page के व्हाट्सएप चैनल को Follow करना न भूलें. https://whatsapp.com/channel/0029VaigAQIInlqOSeIBON3G
Back to top button
error: Content is protected !!