कबीरधाम (कवर्धा)राजनीति और सामुदायिक कार्यक्रमसमाचारसहसपुर लोहारा

उजल संरक्षण और किसानों की खुशहाली की ओर बढ़ रहा कदम, बड़ौदा खुर्द और जगमड़वा जलाशय का निर्माण कार्य तेज़ी पर, उपमुख्यमंत्री ने जलाशय निर्माण कार्यों को समय सीमा और गुणवत्ता के साथ पूरा करने के दिए निर्देश

कवर्धा। कबीरधाम जिले के सहसपुर लोहारा क्षेत्र में किसानों की बहुप्रतीक्षित उम्मीदों को अब आकार मिलता दिखाई दे रहा है। यहां बड़ौदा खुर्द और जगमड़वा जलाशय योजना का निर्माण कार्य तेजी से प्रगति पर है, जो न केवल हजारों किसानों को सिंचाई सुविधा प्रदान करेगा, बल्कि जल संरक्षण के क्षेत्र में भी मील का पत्थर साबित होगा। प्रदेश के उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने आज इन निर्माणाधीन जलाशयों का स्थलीय निरीक्षण किया और अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि कार्य की गुणवत्ता और समय सीमा से कोई समझौता न हो। उन्होंने जल संसाधन विभाग के अधिकारियों, तकनीकी विशेषज्ञों और निर्माण एजेंसी के प्रतिनिधियों के साथ गहन समीक्षा करते हुए यह भी कहा कि किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने निर्माण कार्य में गति लाने और संसाधनों को बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बांध निर्माण कार्य किसी भी स्थिति में नहीं रुकना चाहिए। सभी अधिकारी नियमित रूप से निरीक्षण करें और निर्माण कार्य की सतत मॉनिटरिंग की जाए। उन्होंने कहा कि यह जलाशय परियोजना क्षेत्र की कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूती देने में अहम भूमिका निभाएगी। इससे न केवल सिंचाई सुविधा का विस्तार होगा, बल्कि भूजल स्तर में भी सुधार आएगा। उप मुख्यमंत्री श्री शर्मा ने जोर देकर कहा कि सरकार की प्राथमिकता ग्रामीण और कृषि क्षेत्रों को सशक्त बनाना है, और इस तरह की परियोजनाएं उसी दिशा में एक ठोस कदम हैं। उन्होंने कहा कि यह परियोजना केवल एक बांध निर्माण का कार्य नहीं, बल्कि हजारों किसानों की आशाओं और आकांक्षाओं को साकार करने का प्रयास है। वर्षों तक संघर्ष करने के बाद अब जब यह सपना पूरा हो रहा है, तो हमें इसकी गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं करना चाहिए।
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने बताया कि विगत वर्ष लगभग 20 गांवों के किसानों के साथ बैठक कर बांध निर्माण को लेकर विस्तृत चर्चा की गई थी। उन्होंने कहा कि स्वयं ग्रामीणों के आग्रह पर वे इस मुद्दे को गंभीरता से लेकर आगे बढ़े। चर्चा के दौरान यह सहमति बनी कि लहरू बधान क्षेत्र में बांध निर्माण की आवश्यकता है। श्री शर्मा ने बताया कि बड़ौदा खुर्द बांध के लिए प्रारंभिक प्रयासों के अंतर्गत सर्वेक्षण एवं अन्य आवश्यक प्रक्रियाओं के लिए राशि स्वीकृत की गई थी। ग्रामीणों और क्षेत्रवासियों के सतत प्रयासों से अब बांध निर्माण कार्य तेजी से प्रगति पर है। परियोजना के लिए वर्तमान में 84 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आश्वासन दिया है कि आवश्यकता पड़ने पर अतिरिक्त राशि भी उपलब्ध कराई जाएगी। इस बांध के माध्यम से लगभग 17 गांवों के हजारों हेक्टेयर खेतों को सिंचाई सुविधा प्राप्त होगी, जिससे कृषि उत्पादन में वृद्धि होगी। साथ ही, यह बांध पेयजल संकट को भी दूर करने में सहायक सिद्ध होगा। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि बांध निर्माण कार्य पूरी गुणवत्ता और पारदर्शिता के साथ किया जाएगा। संबंधित अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी स्तर पर लापरवाही न हो। उन्होंने जनप्रतिनिधियों से भी अनुरोध किया है कि वे नियमित रूप से कार्य की निगरानी करें, जिससे निर्माण कार्य सुचारु, समयबद्ध एवं उत्तम गुणवत्ता के साथ पूर्ण हो सके।
जगमड़वा जलाशय का विस्तार
जगमड़वा जलाशय योजना का शीर्ष कार्यस्थल ग्राम-बोदलपानी, विकासखण्ड सहसपुर लोहारा, विधानसभा क्षेत्र कवर्धा, जिला-कबीरधाम में स्थित है। जिससे ग्राम जगमड़वा के समीप नदी पर पिकअप वियर निर्माण कर बांयी तट नहर एवं दांयी तट नहर के द्वारा अंतिम ग्रामों तक सिंचाई सुविधा प्रदान की जाएगी। जगमड़वा जलाशय की प्रशासकीय स्वीकृति 69.76 करोड़ है। मुख्य नहर से लगभग 1820 हेक्टेयर कृषि भूमि सिंचित होगी, जिससे फसल उत्पादन में वृद्धि होगी और किसानों की आय बढ़ेगी। बांध की कुल लंबाई 1070 मीटर और ऊँचाई 23.56 मीटर है। योजना के शीर्ष कार्य में कुल 120.02 हे. भूमि प्रभावित हो रही है। जल संग्रहण क्षेत्र 72.37 हेक्टेयर है। जगमड़वा जलाशय योजना के मुख्य नहर से 14 गांवों के हजारों किसानों को सीधा लाभ होगा। योजना के दाएं तट नहर जिसकी लंबाई 18.57 किलोमीटर और बायी तट नहर की लंबाई 1.95 किलोमीटर कुल मुख्य नहर की लंबाई 20.52 किलोमीटर प्रस्तावित है। यह परियोजना न केवल कृषि विकास बल्कि रोजगार, भू-जल स्तर सुधार, और ग्रामीण जीवन में सकारात्मक परिवर्तन का जरिया बनेगी। जगमड़वा जलाशय के निर्माण से ग्राम डुमरिया, बेलहरी, जगमड़वा, बानो, बासीन झोरी, लखनपुर, सिल्हाटी, लोहारा, राम्हेपुर, तिलईभाट, दलसाटोला, धनगांव, नवघटा, सबराटोला के हजारों किसानों को सीधा लाभ मिलेगा। इस योजना से न केवल खेती-किसानी का स्तर ऊंचा होगा, बल्कि रोजगार और क्षेत्रीय विकास को भी नई दिशा मिलेगी।
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जगमड़वा जलाशय योजना से क्षेत्र के किसानों की वर्षों पुरानी मांग पूरी होने जा रही है। जगमड़वा जलाशय योजना का शीर्ष कार्य स्थल सहसपुर लोहारा विकासखंड के ग्राम बोदलपानी है। योजना के तहत नदी पर पिकअप वियर का निर्माण किया जाएगा, जिससे बांयी और दांयी तट नहरों के माध्यम से अंतिम गांवों तक सिंचाई सुविधा पहुंचाई जाएगी। खरीफ सिंचाई उपरांत खेतों में उपलब्ध नमी से रबी फसल गेहू, चना और सब्जी आदि की पैदावार होगी, जिससे लोगों के जीवन स्तर में सुधार होगा। जलाशय से लगभग 498 क्विन्टल प्रतिवर्ष मत्स्य उत्पादन होगा, जिससे ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध होगा। सिंचाई सुविधा के फलस्वरूप कृषि भूमि की दरों में उन्नयन होगा। भू-जल स्तर में वृद्धि होगी, जिससे फसल उत्पादन, पेयजल एवं निस्तारी की समस्या दूर होगी। नहरों के सर्विस बैंक से ग्रामीणों को आवागमन की सुविधा प्राप्त होगी। यह क्षेत्र पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगा, जिससे ग्रामीणों को रोजगार के अवसर प्राप्त होगें। वन्य प्राणियों एवं पालतू पशुओं को पानी की सुविधा उपलब्ध होगी।
बड़ौदा खुर्द जलाशय का विस्तार
बड़ौदा खुर्द जलाशय की प्रशासकीय स्वीकृति 89.70 करोड़ है। मुख्य नहर से लगभग 1980 हेक्टेयर कृषि भूमि सिंचित होगी, जिससे फसल उत्पादन में वृद्धि होगी और किसानों की आय बढ़ेगी। बांध की कुल लंबाई 720 मीटर और ऊँचाई 25 मीटर है। जलभराव क्षमता 8.4 मिलियन क्यूबिक मीटर है। बांध का कुल क्षेत्रफल  96.72 हेक्टेयर है। इस जलाशय के से 8 गांवों के सैकड़ों किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी। बांध निर्माण से जल संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा, जिससे क्षेत्र का भूजल स्तर बेहतर होगा। यह पेयजल संकट को दूर करने में भी मददगार साबित होगा। बांध निर्माण के लिए आवश्यक 31.39 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया जा चुका है। 13 किसानों की भूमि अधिग्रहित की गई है, जिसका मुआवजा निर्धारित कर दिया गया है। बड़ौदा खुर्द जलाशय के निर्माण से 8 गांवों के सैकड़ों किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी। मुख्य नहर से लगभग 1980 हेक्टेयर कृषि भूमि सिंचित होगी, जिससे फसल उत्पादन में वृद्धि होगी और किसानों की आय बढ़ेगी। बांध निर्माण से जल संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा, जिससे क्षेत्र का भूजल स्तर बेहतर होगा। यह पेयजल संकट को दूर करने में भी मददगार साबित होगा। सिंचाई सुविधा के विस्तार से क्षेत्र में दोहरी फसल प्रणाली को बढ़ावा मिलेगा, जिससे किसान साल में एक से अधिक फसलें ले सकेंगे। इस जलाशय से आसपास के सूखा प्रभावित इलाकों को भी राहत मिलेगी, जिससे कृषि पर निर्भर हजारों लोगों को लाभ होगा। बांध निर्माण के बाद यहां मत्स्य पालन को बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक अवसरों का विस्तार होगा।
सरकार और किसानों का साझा प्रयास
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सुशासन सरकार और बड़ौदा खुर्द, जगमड़वा जलाशय का निर्माण किसानों की एकजुटता और उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा की दूरदर्शी नीति का नतीजा है। वर्षों तक संघर्ष करने के बाद किसानों को इस ऐतिहासिक परियोजना का लाभ मिलने जा रहा है। यह जलाशय न केवल कृषि क्षेत्र में सुधार करेगा, बल्कि जल प्रबंधन की दिशा में भी एक मिसाल बनेगा। उल्लेखनीय है कि बड़ौदा खुर्द, जगमड़वा जलाशय का निर्माण कृषि विकास, जल संरक्षण और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उप मुख्यमंत्री के नेतृत्व में निर्माण कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है और सरकार इस परियोजना को समय पर पूरा करने के लिए संकल्पित है। “सिंचित खेत, खुशहाल किसान“  यही इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य है, जो अब साकार होने जा रहा है। किसानों का वर्षों का सपना अब धरातल पर आकार ले रहा है, जिससे कबीरधाम जिले की कृषि अर्थव्यवस्था को नई ऊँचाई मिलेगी।

Ankita Sharma

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