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कवर्धा में आज से तीन दिवसीय भव्य राज्योत्सव का आगाज़: छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत, लोककला और संगीत का अद्भुत संगम होगा आकर्षण का केंद्र

कवर्धा। छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर आज से कवर्धा में तीन दिवसीय भव्य राज्योत्सव का शुभारंभ हो रहा है। आचार्य पंथ श्री गृथमुनि नाम साहेब शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय मैदान में आयोजित होने वाले इस समारोह का उद्घाटन राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र के सांसद संतोष पाण्डेय मुख्य अतिथि के रूप में करेंगे। इस अवसर पर पण्डरिया विधायक भावना बोहरा, छत्तीसगढ़ गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष विशेषर पटेल, राज्य कृषक कल्याण परिषद के अध्यक्ष सुरेश कुमार चंद्रवंशी, जिला पंचायत अध्यक्ष ईश्वरी साहू, नगर पालिका अध्यक्ष चन्द्रप्रकाश चंद्रवंशी, उपाध्यक्ष कैलाश चंद्रवंशी तथा जनपद अध्यक्ष सुषमा बघेल विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल होंगे।

इस वर्ष का राज्योत्सव विशेष महत्व रखता है, क्योंकि छत्तीसगढ़ अपनी स्थापना के 25 वर्ष पूरे कर रहा है। इस अवसर को राज्यभर में ‘छत्तीसगढ़ रजत महोत्सव’ के रूप में मनाया जा रहा है। कलेक्टर गोपाल वर्मा के निर्देशन में आयोजन की सभी तैयारियाँ पूरी कर ली गई हैं। उन्होंने अधिकारियों को बैठक व्यवस्था, पेयजल, सुरक्षा, स्वच्छता, विद्युत, यातायात एवं पार्किंग जैसी व्यवस्थाओं को सुचारु रखने के निर्देश दिए हैं।

कला, संस्कृति और लोक परंपराओं की झलक से सजेगा मंच

तीन दिनों तक चलने वाले इस राज्योत्सव में छत्तीसगढ़ की समृद्ध लोक संस्कृति, संगीत, नृत्य और पारंपरिक कलाओं की विविध झलक देखने को मिलेगी। विभागों द्वारा लगाई जाने वाली आकर्षक प्रदर्शनी में शासन की योजनाओं और उपलब्धियों की जानकारी नागरिकों को दी जाएगी।

कार्यक्रम प्रतिदिन शाम 5 बजे से प्रारंभ होगा, जिसमें छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध लोक कलाकार अपनी प्रस्तुतियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध करेंगे।

पहले दिन होंगे मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रम

राज्योत्सव की शुरुआत आज कस्तूरबा आवासीय विद्यालय, जिला कबीरधाम के विद्यार्थियों के लोकनृत्य ‘छत्तीसगढ़ दर्शन’ से होगी। इसके बाद “मयारु के मया” लोकनृत्य, “माटी के चंदन” ददरिया, और हास्य कलाकार कौशल साहू एवं अनुप श्रीवास्तव की जुगलबंदी कार्यक्रम में रोचकता भरेंगी।

सरगम टीचर्स ग्रुप का मधुर संगीत, प्रमोद सेन की प्रस्तुति “गहना गांठी”, तथा पद्मश्री डॉ. भारती बंधु का कबीर गायन कार्यक्रम के प्रमुख आकर्षण रहेंगे। समापन में “परसा के फूल” लोकनृत्य उत्सव के पहले दिन को यादगार बनाएगा।

दूसरे दिन गूंजेगी लोकसंगीत की मधुर लय

तीसरे नवंबर को शाम की शुरुआत विद्यालय के विद्यार्थियों की लोकनृत्य प्रस्तुति से होगी। इसके बाद क्लासिक म्यूजिकल ग्रुप, जय भोरमदेव बांस गीत दल, और स्वर संवेदना ग्रुप के कलाकार लोकधुनों की मिठास बिखेरेंगे।

सचिन कुम्हरे का कत्थक नृत्य और रामखिलावन लांझेकर के सूफी भजन दर्शकों को शास्त्रीय और आध्यात्मिक अनुभूति प्रदान करेंगे। सांस्कृतिक संध्या का समापन लोक अनुहार और छत्तीसगढ़ नाचा पार्टी की हास्य-नृत्य प्रस्तुतियों से होगा।

समापन दिवस पर ‘स्टार नाइट’ में झूमेगा कवर्धा

4 नवंबर को राज्योत्सव का अंतिम दिन जनजातीय संस्कृति और परंपराओं के रंग से सराबोर रहेगा। दिन की शुरुआत आदिवासी लोक नृत्य से होगी, जबकि कबीर भजन, गजल गायन और जसगीत की प्रस्तुतियाँ भक्ति और भावना का अद्भुत संगम पेश करेंगी। अंतिम सत्र में पं. विवेक शर्मा एवं साथी की ‘स्टार नाइट’ प्रस्तुति राज्योत्सव के इस सांस्कृतिक पर्व को अविस्मरणीय बनाएगी।

छत्तीसगढ़ की माटी की खुशबू, लोकसंगीत की धुन और परंपराओं की झंकार से गूंजने वाला यह तीन दिवसीय आयोजन पूरे जिले में उत्सव का माहौल बना देगा।

Editorial Desk

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