नीतीश कुमार का बड़ा पेंशन मास्टरस्ट्रोक: वृद्ध, विधवा और दिव्यांगों की पेंशन तीन गुना बढ़ाई, सियासी हलचल तेज

पटना । बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आगामी विधानसभा चुनावों से पहले एक बड़ा सामाजिक और राजनीतिक दांव खेला है। उन्होंने राज्य की वृद्धावस्था, विधवा और दिव्यांग पेंशन योजना के तहत मिलने वाली राशि को 400 रुपये से बढ़ाकर 1100 रुपये प्रति माह करने की घोषणा की है। यह फैसला जुलाई 2025 से लागू होगा और हर माह की 10 तारीख को लाभार्थियों के खाते में राशि भेजी जाएगी।
इस घोषणा की जानकारी नीतीश कुमार ने खुद फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से साझा की। उन्होंने कहा कि “वृद्धजन समाज का अनमोल हिस्सा हैं और उनका सम्मानजनक जीवन सुनिश्चित करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।” सरकार का दावा है कि इस फैसले से करीब 1 करोड़ 9 लाख 69 हजार 255 लाभार्थियों को सीधा लाभ मिलेगा।
इसके साथ ही जीविका दीदियों को मिलने वाले समूह लोन की सीमा भी 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी गई है।
सियासी प्रतिक्रिया और राजनीतिक मायने:
नीतीश कुमार के इस फैसले को सीधे तौर पर विपक्ष के दावों का जवाब माना जा रहा है। राजद नेता तेजस्वी यादव पहले ही वादा कर चुके थे कि उनकी सरकार बनने पर पेंशन को 1500 रुपये तक किया जाएगा, जबकि प्रशांत किशोर ने इसे 2000 रुपये करने की बात कही थी।
राजद प्रवक्ता एज्या यादव ने इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि “तेजस्वी यादव के दबाव में सरकार ने यह फैसला लिया है, इसलिए उन्हें इसका श्रेय दिया जाना चाहिए।” वहीं, सामाजिक कल्याण मंत्री मदन सहनी ने इसे राजनीति से इतर सामाजिक सरोकार से जुड़ा फैसला बताया और मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने इसे “ऐतिहासिक निर्णय” बताया।
चुनावी गणित और महिला वोट बैंक
बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं और महिला और बुजुर्ग वोटर्स को साधने की होड़ शुरू हो चुकी है। नीतीश कुमार का यह फैसला महिला संवाद कार्यक्रम के मौके पर आया है, जिसे उनके रणनीतिक मास्टरस्ट्रोक के तौर पर देखा जा रहा है। राज्य की “आधी आबादी” यानी महिलाओं को नीतीश का पारंपरिक वोट बैंक माना जाता रहा है।