रिलेशनशिप-मुहब्बत में क्यों उड़ जाती है नींद:रिसर्च में हुआ खुलासा, ड्रग्स से भी तगड़ा नशा देती पार्टनर की यादें
रिलेशनशिप-मुहब्बत में क्यों उड़ जाती है नींद:रिसर्च में हुआ खुलासा, ड्रग्स से भी तगड़ा नशा देती पार्टनर की यादें
‘फलाने को तो सोने-खाने की सुध नहीं रही, प्यार में जो पड़ गया है’ आशिकों के बारे में हमारी सोसाइटी की ये धारणा बहुत पुरानी है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर नींद आशिकों से दूरी क्यों बना लेती है? प्रेमी जोड़े क्यों आंखों-आंखों में रातें काट देते हैं?
बड़े-बुजुर्गों से पूछें तो वो तत्काल इसे नई उम्र की नादानी बता देंगे। जिसे ठीक करने के लिए उनके पास ‘चार जूते’ का पुराना नुस्खा भी है।
हालांकि, ये मामला इतना भी आसान नहीं, जितना बड़े-बुजुर्ग समझते हैं। इसकी जड़ में नादानी नहीं बल्कि साइकोलॉजी और न्यूरोलॉजी का विज्ञान है।
एक नई साइकोलॉजिकल रिसर्च इस बारे में अहम जानकारी सामने लाई है।
‘बिहेवियरल स्लीप मेडिसिन’ की रिसर्च प्यार में पड़ने, प्यार के परवान चढ़ने और ब्रेकअप के दौरान नींद के पैटर्न के बारे में खुलासा करती है।
पहले ग्राफिक की मदद से रिसर्च की अहम बातें जान लेते हैं..
मुहब्बत में क्यों उड़ जाती है नींद, ये नशा कैसा
‘प्यार एक नशा है’ ये सिर्फ साहित्यिक बात नहीं। प्यार का शरीर पर असर बिल्कुल उसी तरह होता है, जैसे शराब या ड्रग्स के नशे का। कई मामलों में यह नशा शराब या ड्रग्स के नशे से भी तगड़ा होता है। इसकी भी लत लगती है।
अमेरिका की न्यू जर्सी स्थित रटगर्स यूनिवर्सिटी की रिसर्च प्यार और ड्रग्स-अल्कोहल के नशे के संबंध को बताती है।
दरअसल, जब भी कोई शख्स ड्रग्स या अल्कोहल लेता है तो उसके खून में डोपामाइन, ऑक्सिटोसिन, ऐड्रनलिन और वैसोप्रेसिन जैसे कई केमिकल्स रिलीज होते हैं। जिसके चलते उसे एक तरह की खुशी महसूस होती है। इसी खुशी और सुख की तलाश में वह दोबारा ड्रग्स-अल्कोहल लेने के लिए लालायित होता है। इस तरह वह नशे की गिरफ्त में पड़ता चला जाता है।
इसी तरह किसी से प्यार होने पर भी दिमाग में डोपामाइन और ऑक्सिटोसिन रिलीज होता है। आशिक शरीर और मन की इस स्थिति को एंजॉय करने लगता है। इसी स्थिति को दोबारा महसूस करने के लिए वह पार्टनर के पास रहना, उसे याद करना, फोन पर बात करना जैसे काम करता है। धीरे-धीरे उसे इस प्यार की लत लग जाती है। वह जुदाई की कल्पना से ही घबराने लगता है।
प्यार के नशे में शरीर एक्स्ट्रा एनर्जी पैदा करता है। जिसकी वजह से आशिक हाइपर एक्टिव महसूस करता है। नतीजतन नींद उनसे दूर चली जाती है।
शायद अब आप समझ पा रहे होंगे कि प्यार में पड़े लोग चांद-तारे तोड़ लाने की बातें क्यों करते हैं।
इस वजह से प्यार में नहीं लगती भूख-प्यास
प्यार में पड़ा इंसान खाना-पीना भी भूल जाता है। इसके पीछे भी हॉर्मोन का खेल है। रोमांटिक रिलेशनशिप के दौरान जो लव-हॉर्मोन रिलीज होते हैं, वह खून से होते हुए पेट तक पहुंच जाते हैं।
जिसकी वजह से पेट में गुदगुदी या ‘तितली उड़ने’ जैसी फीलिंग भी आती है। पेट में पहुंचने के बाद ये हॉर्मोंस माइंड को ऐसे इशारे भेजते हैं कि यहां खाने-पीने की जरूरत नहीं। यही वजह है कि प्यार की गिरफ्त में आने पर खाने-पीने की सुध नहीं रहती। फिर भी शख्स एनर्जी से लबरेज महसूस करता है।
प्यार में पड़ी लड़कियों की नींद ज्यादा प्रभावित
‘बिहेवियरल स्लीप मेडिसिन’ की रिसर्च बताती है कि प्यार में नींद पर पड़ने वाले असर में जेंडर की अहम भूमिका है। प्यार में पड़ी लड़कियों की नींद लड़कों मुकाबले ज्यादा प्रभावित होती है। कई मामलों में यह असर दोगुना तक भी हो सकता है।
ऐसे में संभव है कि ब्रेकअप के बाद लड़की रात-रात भर जागे तो दूसरी ओर लड़का घोड़े बेचकर सो रहा हो। लड़कियों की भावुकता और हॉर्मोन असंतुलन को इसका कारण बताया गया है।
ब्रेकअप एक साल बाद भी नींद पर डालता असर
प्यार में पड़ने और ब्रेकअप होने पर नींद तत्काल प्रभावित होती है। हालांकि इसका असर लंबे समय तक रह सकता है। चीनी युवाओं पर हुई रिसर्च में पाया गया कि ब्रेकअप के 1 साल बाद भी उनकी नींद का पैटर्न पहले जैसा नॉर्मल नहीं हो पाया। नए रिश्ते में जाने के बाद भी पुराना ब्रेकअप नींद पर असर डालना जारी रखता है।
प्यार रतजगे को मजबूर करे तो क्या करें
ऊपर की खबर पढ़कर यह न सोचें कि प्यार करने वाले शख्स के लिए अच्छी नींद संभव नहीं। ‘बिहेवियरल स्लीप मेडिसिन’ की रिसर्च नये-नये प्यार और ब्रेकअप में पड़ने वाले कम उम्र के युवाओं के ऊपर है।
लेकिन जब प्यार पुराना, परमानेंट और प्रगाढ़ हो तो वह नींद की गोली की तरह असर कर सकता है।
‘यूनिवर्सिटी ऑफ तुर्की’ की 600 कपल्स पर हुई रिसर्च बताती है कि लविंग पार्टनर हो तो नींद की क्वालिटी बेहतर हो जाती है। रिसर्चर इसे मां और बच्चे के उदाहरण से समझाते हैं। मां के पास लेटा बच्चा खुद को सुरक्षित महसूस करता है, सिर पर हाथ फेर दें या पीठ थपथपा दे तो उसे नींद आने लगती है।
दरअसल, ऐसा सुरक्षा भाव के चलते होता है। मां के स्पर्श और उसकी मौजूदगी बच्चे को सुरक्षा का एहसास कराती है। जिसकी वजह से वह रिलैक्स होकर सो जाता है।
इसी तरह लविंग पार्टनर पास में लेटा हो तो इंसान भी बच्चे की तरह सुरक्षित और रिलैक्स महसूस कर नींद की आगोश में चला जाता है।
हां, अगर प्यार नया-नया हो तो नींद के बदले हॉर्मोन अपना खेल दिखाएगा और नींद के साथ-साथ भूख-प्यास भी गायब हो जाएगी।
कहने का मतलब यह है कि प्यार शुरू-शुरू में रतजगा कराएगा। ब्रेकअप हुआ तो नींद के साथ भूख-प्यास भी जाएगी। लेकिन जैसे-जैसे प्यार परवान चढ़ता जाएगा और प्रगाढ़ होता जाएगा, यह नींद पर भी सकारात्मक असर डालेगा। यह परखी हुई बात है कि अच्छी नींद और प्यार जिंदगी में बहुत जरूरी हैं। नई रिसर्च बताती है कि दोनों एक-दूसरे को बेहतर भी कर सकते हैं। बशर्ते कि उसमें गहराई हो।