शिक्षक की कमी से नाराज़ पालकों और छात्रों ने स्कूल में जड़ा ताला, शिक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल


कवर्धा। जिले के हायर सेकेंडरी स्कूल झलमला में गुरुवार को अभिभावकों और छात्रों ने शिक्षक की कमी के खिलाफ गेट पर ताला जड़कर विरोध प्रदर्शन किया। नाराज़ पालकों का कहना था कि विद्यालय में लंबे समय से पर्याप्त शिक्षक नहीं हैं, जिससे बच्चों की पढ़ाई की शुरुआत से ही व्यवस्थित ढंग से नहीं हो पा रही है।
दो माह से सत्र, पर कक्षाएँ अधूरी
पालकों का आरोप है कि शैक्षणिक सत्र को शुरू हुए दो महीने से अधिक हो चुके हैं, लेकिन अब तक शिक्षकों की संख्या ज़रूरत के मुताबिक पूरी नहीं की गई है। शिक्षक की कमी से कई विषयों की कक्षाएँ प्रभावित हो रही हैं, जिससे बच्चों की शिक्षा की गुणवत्ता पर नकारात्मक असर पड़ रहा है। उनका कहना है कि यदि यही स्थिति रही तो बच्चों की बुनियादी पढ़ाई ही कमजोर हो जाएगी।
गेट पर ताला, निशाने पर सरकार
प्रदर्शन कर रहे पालकों ने कहा कि यह ताला केवल स्कूल पर नहीं, बल्कि सरकार और शिक्षा व्यवस्था की लापरवाही पर लगाया गया है। उनका कहना था कि जब शिक्षा मौलिक अधिकार है, तो फिर बच्चों को शिक्षकों से वंचित क्यों रखा जा रहा है।
प्राचार्य ने मानी कमी, विभाग को भेजा प्रस्ताव
हायर सेकेंडरी स्कूल झलमला की प्रभारी प्राचार्य ने भी इस समस्या को गंभीर मानते हुए स्वीकार किया कि विद्यालय में शिक्षकों की भारी कमी है। उन्होंने कहा कि विभाग को इस बारे में लगातार अवगत कराया गया है और उम्मीद है कि जल्द ही अतिरिक्त शिक्षकों की नियुक्ति होगी, ताकि बच्चों की पढ़ाई नियमित रूप से चल सके।
जमीनी हकीकत बनाम सरकारी दावे
यह घटना एक बार फिर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगाती है। सरकार भले ही गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और योजनाओं के बड़े-बड़े दावे करे, लेकिन हकीकत यह है कि ग्रामीण अंचलों के बच्चे शिक्षक विहीन स्कूलों में पढ़ने को मजबूर हैं। सवाल यह है कि क्या ऐसे हालात में बच्चों का शैक्षणिक भविष्य सुरक्षित रह पाएगा?