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ज्ञानवापी टैंक की सफाई का काम हुआ पूरा:SC के आदेश पर 26 मेंबर्स की टीम ने दो घंटे में निकाला पानी, वाराणसी के डीएम रहे मौजूद

वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर में वजूस्थल पर बने टैंक की सफाई का काम पूरा कर लिया गया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर नगर पालिका मत्स्य विभाग समेत 26 सदस्यीय टीम ने सफाई का काम पूरा किया। मौके पर वाराणसी के डीएम मौजूद रहे। इस दौरान CRPF और पुलिस की तगड़ी सुरक्षा रही।

हिंदू पक्ष के वकील सुधीर त्रिपाठी ने DM से मांग की कि टैंक की मछलियां भगवान की हैं। उन्हें गंगा में प्रवाहित कर दिया जाए। हालांकि, DM ने कहा कि टैंक में मिलने वाली मछलियों पर मुस्लिम पक्ष का दावा है। उनका कहना है कि जो मछलियां जीवित निकलेंगी, वह उन्हें सौंपी जाएं।

17 जनवरी को हिंदू पक्ष की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने DM की देख-रेख में टैंक की सफाई करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि टैंक में मिली संरचना से छेड़खानी नहीं होनी चाहिए।

दरअसल, हिंदू पक्ष का दावा है कि टैंक में मिली संरचना शिवलिंग है, जबकि मुस्लिम पक्ष इसे फव्वारा बता रहा है। विवाद के चलते मई-2022 से वजूस्थल पर बना टैंक सील है।

टैंक की सफाई की शनिवार सुबह 10 बजे शुरू हुई, जो दोपहर तक चलेगी। इसकी फोटो और वीडियोग्राफी करवाई जा रही है। टैंक से पानी निकालने के लिए फायर बिग्रेड की गाड़ियों को भी बुलाया गया है।

26 लोगों की जो टीम अंदर है, उसमें 15 निगम के सफाई कर्मी हैं। इसके अलावा CRPF कमांडेंट, हिंदू और मुस्लिम पक्ष के वादी और वकील मौजूद हैं।

ज्ञानवापी परिसर के बाहर बड़ी संख्या में फोर्स तैनात है।
ज्ञानवापी परिसर के बाहर बड़ी संख्या में फोर्स तैनात है।
15 सफाई कर्मी टैंक की सफाई कर रहे हैं। 3 मोटर से पानी निकाला जा रहा है।
15 सफाई कर्मी टैंक की सफाई कर रहे हैं। 3 मोटर से पानी निकाला जा रहा है।
जहां पर सफाई हो रही है। वहां सिर्फ 26 लोग हैं। इसमें 15 सफाईकर्मी शामिल हैं।
जहां पर सफाई हो रही है। वहां सिर्फ 26 लोग हैं। इसमें 15 सफाईकर्मी शामिल हैं।
टैंक से पानी निकालने के लिए फायर बिग्रेड की गाड़ियों को भी बुलाया गया है।
टैंक से पानी निकालने के लिए फायर बिग्रेड की गाड़ियों को भी बुलाया गया है।

वकील विष्णुशंकर जैन ने दाखिल की थी याचिका
2 जनवरी 2024 को हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इसमें ज्ञानवापी परिसर में मिले कथित शिवलिंग के सील वाले इलाके की साफ-सफाई को लेकर मांग की थी। उन्होंने दावा किया कि कथित शिवलिंग के पास मौजूद पानी के टैंक में मछलियां मर गई हैं। उसे मई 2022 से साफ नहीं किया गया। इस पर मंगलवार यानी 17 जनवरी को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सफाई का आदेश दिया।

16 मई को मिला था कथित शिवलिंग
वाराणसी कोर्ट के आदेश पर ज्ञानवापी परिसर का 2022 में 6 से 16 मई के बीच कमिश्नर सर्वे हुआ था। इस दौरान वजूस्थल पर कथित शिवलिंगनुमा आकृति मिली थी। इस आकृति को हिंदू पक्ष ने शिवलिंग बताते हुए कोर्ट में अर्जी देकर उस स्थान को सील करने की मांग उठाई थी। तर्क था कि मुस्लिम पक्ष छेड़छाड़ कर सकता है। इसके बाद सिविल जज सीनियर डिवीजन ने तत्काल प्रभाव से वजूस्थल को सील करने का आदेश दिया था।

इसके अगले दिन यानी 17 मई को DM ने वजूस्थल को सील कर दिया था। CRPF को वजूस्थल की सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी थी। तब से वजूस्थल में 24 घंटे सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं। ​​​​​​इसके बाद हिंदू पक्ष ने वजूस्थल को छोड़कर संपूर्ण परिसर का सर्वे कराने की कोर्ट की मांग की थी।

ज्ञानवापी परिसर के वजूस्थल में ही शिवलिंगनुमा आकृति मिली थी।

84 दिनों तक चला ज्ञानवापी परिसर का ASI सर्वे
इसके बाद हिंदू पक्ष ने वाराणसी कोर्ट में परिसर का साइंटिफकिक सर्वे कराने की मांग की। मामला वाराणसी कोर्ट से इलाहाबाद हाईकोर्ट तक गया। इसके बाद वाराणसी कोर्ट के आदेश पर 24 जुलाई से ASI टीम ने सर्वे शुरू किया। हालांकि, मुस्लिम पक्ष यानी अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी सर्वे के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई। इसके बाद उसी दिन यानी 24 की शाम को सुप्रीम कोर्ट ने सर्वे पर रोक लगा दी थी। इसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट से ज्ञानवापी सर्वे की मंजूरी मिली।

ज्ञानवापी परिसर में स्थित वजूस्थल में नगर निगम की टीम सफाई के लिए पहुंची है।
ज्ञानवापी परिसर में स्थित वजूस्थल में नगर निगम की टीम सफाई के लिए पहुंची है।

4 अगस्त से ASI के देशभर से आए विशेषज्ञों ने ज्ञानवापी का सर्वे शुरू किया। 4 अगस्‍त से जारी सर्वे 16 नवंबर यानी 84 दिनों में पूरा हुआ। ASI ने ज्ञानवापी परिसर में GPR, फोटोग्राफ, वीडियोग्राफी समेत सभी पहलुओं पर सर्वे किया था। ASI और अमेरिका के GPR सर्वे एक्सपर्ट ने 36 दिन में इसकी रिपोर्ट तैयार की। ​​​​

ASI ने तीन हिस्सों में तैयार की रिपोर्ट
ज्ञानवापी में सर्वे के बाद ASI ने तीन हिस्सों में रिपोर्ट को तैयार किया। पहली कापी ऊपरी हिस्सों में दिखने वाली आकृतियों की है, जिसमें स्थलीय बनावट, काल और समय का डिटेल दर्ज है। दूसरी में जमीन के अंदर की GPR सर्वे की डिटेल को शामिल किया है। इसमें जमीन के नीचे मौजूद अवशेषों का एक्स-रे किया गया।

तीसरी में वीडियो-फोटोग्राफी को स्थान के साथ मार्क किया है। ज्ञानवापी की तीन हिस्सों में तैयार रिपोर्ट को वाराणसी जिला जज की कोर्ट में सब्मिट हो चुकी है। हिंदू पक्ष की मांग है कि रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए। हालांकि अभी ने रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई है।

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ज्ञानवापी में बने वजूखाने की सफाई कल यानी 20 जनवरी से शुरू हो जाएगी। 17 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने डीएम को वजूखाने की सफाई और उसमें सड़ रही मछलियों को हटाने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा था कि टैंक में बनी संरचना से छेड़खानी नहीं होनी चाहिए। यहां

Ankita Sharma

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