आज अष्ट महायोग में हिंदू नववर्ष की शुरुआत:जानिए कैसे होती है कालगणना और देश-दुनिया के लिए कैसा रहेगा नया संवत्सर

आज से हिंदू नववर्ष शुरू हो गया है। ये हिंदू कैलेंडर का 2081वां साल है। यानी अंग्रेजी कैलेंडर बनने के 57 साल पहले ही हिंदू पंचांग शुरू हो गया था, इसलिए अभी अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से हम 2024 में है और हिंदू कैलेंडर के मुताबिक 2080 साल बीत चुके हैं।
वैसे तो जब से दुनिया शुरू हुई तभी से ज्योतिष की काल गणना चली आ रही है। जिसके मुताबिक आज से दुनिया का 1 अरब 97 करोड़ 29 लाख 40 हजार126वां साल शुरू हो रहा है।
दुनिया की शुरुआत से अब तक अलग-अलग काल में ग्रह-नक्षत्रों का सटीक आंकलन करते हुए अब तक 20 पंचांग तक बन चुके हैं। इन्हीं से हमें ये आंकड़ा मिला।
नए संवत्सर से देखा जाता है देश का भविष्य, अष्टमहायोग में शुरू होगा नववर्ष
साल के पहले दिन ग्रह-नक्षत्र सर्वार्थसिद्धि, अमृतसिद्धि, शंख, पर्वत, पारिजात, वेशी, उभयचरी और मालव्य योग बना रहे हैं। इस अष्टमहायोग में नए संवत्सर की शुरुआत बेहद शुभ मानी जा रही है। बड़े ज्योतिषियों का कहना है ये साल देश के लिए समृद्धि और तरक्की वाला रहेगा। साथ ही प्राकृतिक आपदाएं आने और पड़ोसी देशों के साथ तनाव बढ़ने की भी आशंका बनी रहेगी। आइए जानते हैं देश के बड़े ज्योतिषियों के मुताबिक कैसा रहने वाला है हिंदू नववर्ष 2081…
आज से पिंगल नाम का नया संवत्सर शुरू हो रहा है। मंगलवार होने से इस नए साल का राजा और धन का स्वामी मंगल रहेगा। शनि मंत्री और सेनापति रहेगा।
देश के लिए कुछ ऐसा रहेगा नया संवत्सर
प्रॉपर्टी और व्हीकल के दाम बढ़ाने के साथ धन लाभ के योग हैं। देश की आर्थिक स्थिति बेहतर होने की संभावना है। फसलें अच्छी होंगी। देश अपनी वैज्ञानिक प्रतिभा से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत होगा।
बड़े नेता जनता के लिए कड़े फैसले ले सकते हैं। देश में कई जगहों पर बारिश ज्यादा और कुछ जगह कम होगी। पड़ोसी देशों के साथ सीमा पर तनाव बढ़ेगा।
इंडस्ट्रियल विकास कामों की गति धीमी हो सकती है। दुर्घटनाएं बढ़ने की आशंका है। शनि-मंगल के कारण कई जगहों पर आगजनी हो सकती है। बुध, शुक्र और राहु के कारण आतंकी घटनाएं हो सकती हैं। गुरु-शनि के कारण देश के पूर्व-उत्तर दिशा में बसे राज्यों में प्राकृतिक आपदा आने की आशंका बनी रहेगी।
जानिए दुनिया के लिए कैसा रहने वाला है ये साल
भारत के पड़ोसी, खाड़ी देशों और अमेरिका के किसी राज्य में प्राकृतिक आपदा आने के योग बन रहे हैं। सूर्य-शनि के प्रभाव से विश्व में राजनीतिक उठापटक होंगी। यूरोपीय देशों में आर्थिक मंदी के हालात बन सकते हैं। ज्यादातर यूरोपीय देश भारत और पड़ोसी देशों में बिजनेस बढ़ाने की कोशिश करेंगे।
जिन देशों का नाम अ, च, ल, ह, ड, न, ग, स, श और द अक्षर से शुरू होता है, उन देशों को आर्थिक, सामाजिक और राजनैतिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे देशों में आतंकी घटना हो सकती है। बाढ़, भूकम्प, समुद्री तूफान या लेंडस्लाइड से जान माल का नुकसान हो सकता है।
सूर्य, चंद्र और राहु के कारण कुछ देश अंतर्राष्ट्रीय कानून तोड़ सकते हैं। कई देशों में महंगाई और बेरोजगारी बढ़ सकती है। बुध-राहु के कारण उग्रवाद और आतंकवादी ताकतें बढ़ सकती हैं। राहु-सूर्य के कारण कुछ देशों में सरकार गिरने या बदलने के योग हैं।
एक्स्पर्ट –
प्रो. रामनारायण द्विवेदी (महामंत्री, काशी विद्वत परिषद)
प्रो. विनय कुमार पांडेय (पूर्व ज्योतिष विभागाध्यक्ष, बीएचयू)
प्रो. गिरिजाशंकर शास्त्री (ज्योतिष विभागाध्यक्ष, बीएचयू)
डॉ. कृष्णकुमार भार्गव (केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, तिरुपति)
डॉ. गणेश मिश्र (केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, पुरी)